न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Wed, 13 Nov 2019 07:57 PM IST
सस्ती हवाई सेवा उपलब्ध कराने वाली घरेलू विमानन कंपनी स्पाइसजेट को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 463 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। कंपनी ने बुधवार को बताया कि बोइंग 737 मैक्स विमानों के खड़े होने, खर्च में इजाफे और अकाउंटिंग नियमों में बदलाव का सबसे ज्यादा असर हुआ है। एक साल पहले समान तिमाही में कंपनी को 389.4 करोड़ का घाटा हुआ था।
संचालन राजस्व में भी हुई बढ़ोतरी
कंपनी ने बताया कि संचालन राजस्व बढ़कर इस दौरान 2,845.3 करोड़ पहुंच गया, जो एक साल पहले 1,874.8 करोड़ था। सितंबर तिमाही में घरेलू विमानन उद्योग में नरमी छाई रहने का भी कंपनी की कमाई पर असर हुआ है। अकाउंटिंग नियमों में बदलाव होने से कंपनी के खर्च में भी इजाफा हुआ है।
कुल घाटे में से 180.3 करोड़ रुपये नियमों में इस बदलाव की वजह से शामिल हुए हैं। सरकार ने इस साल एक अप्रैल से अकाउंटिंग नियमों में बदलाव किया था। इसके तहत पट्टों की मान्यता, प्रस्तुति और खुलासा नियमों में बदलाव किया गया था। अधिकतर विमानन कंपनियां बिक्री और लीज के वापस लेने का विकल्प चुनती हैं, जिससे उन्हें लीजिंग के लिए ज्यादा किराया देना होता है।
उद्योग में गिरावट का भी असर
स्पाइसजेट के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से घरेलू विमानन उद्योग में जारी नरमी का राजस्व पर काफी असर हुआ है। साथ ही 737 मैक्स विमानों के खड़े होने से संचालन पर भी असर हुआ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले साल की शुरुआत में इन विमानों के बेड़े में दोबारा शामिल होने से संचालन का स्तर काफी बढ़ जाएगा। अभी कंपनी के पास 118 विमानों का बेड़ा है।
सस्ती हवाई सेवा उपलब्ध कराने वाली घरेलू विमानन कंपनी स्पाइसजेट को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 463 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। कंपनी ने बुधवार को बताया कि बोइंग 737 मैक्स विमानों के खड़े होने, खर्च में इजाफे और अकाउंटिंग नियमों में बदलाव का सबसे ज्यादा असर हुआ है। एक साल पहले समान तिमाही में कंपनी को 389.4 करोड़ का घाटा हुआ था।
संचालन राजस्व में भी हुई बढ़ोतरी
कंपनी ने बताया कि संचालन राजस्व बढ़कर इस दौरान 2,845.3 करोड़ पहुंच गया, जो एक साल पहले 1,874.8 करोड़ था। सितंबर तिमाही में घरेलू विमानन उद्योग में नरमी छाई रहने का भी कंपनी की कमाई पर असर हुआ है। अकाउंटिंग नियमों में बदलाव होने से कंपनी के खर्च में भी इजाफा हुआ है।
कुल घाटे में से 180.3 करोड़ रुपये नियमों में इस बदलाव की वजह से शामिल हुए हैं। सरकार ने इस साल एक अप्रैल से अकाउंटिंग नियमों में बदलाव किया था। इसके तहत पट्टों की मान्यता, प्रस्तुति और खुलासा नियमों में बदलाव किया गया था। अधिकतर विमानन कंपनियां बिक्री और लीज के वापस लेने का विकल्प चुनती हैं, जिससे उन्हें लीजिंग के लिए ज्यादा किराया देना होता है।
उद्योग में गिरावट का भी असर
स्पाइसजेट के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से घरेलू विमानन उद्योग में जारी नरमी का राजस्व पर काफी असर हुआ है। साथ ही 737 मैक्स विमानों के खड़े होने से संचालन पर भी असर हुआ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले साल की शुरुआत में इन विमानों के बेड़े में दोबारा शामिल होने से संचालन का स्तर काफी बढ़ जाएगा। अभी कंपनी के पास 118 विमानों का बेड़ा है।