न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Updated Thu, 06 Aug 2020 07:34 PM IST
स्व. सुषमा स्वराज, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू
- फोटो : फाइल फोटो
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पंजाब विश्वविद्यालय ने गुरुवार को पूर्व विदेश मंत्री स्व. सुषमा स्वराज की याद में एक मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उपराष्ट्रपति व पंजाब विश्वविद्यालय के चांसलर एम वेंकैया नायडू और सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज शामिल हुईं। उपराष्ट्रपति ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि उन्हें अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि सुषमा स्वराज के निधन को एक साल बीत गया है। उनके नाम के आगे स्वर्गीय लगाना, अभी भी वह स्वीकार नहीं करते हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सुषमा स्वराज उनकी बहन थीं। हर रक्षाबंधन पर राखी बांधने घर आना होता था। उनके बिना इस बार का रक्षा बंधन अधूरा रहा है। उन्होंने कहा कि सुषणा स्वराज एक बहुत ही लोकप्रिय विदेश मंत्री रहीं हैं। पंजाब विश्वविद्यालय ने सुषमा जैसा लोकप्रिय नेता दिया और उन्हें गर्व महसूस हो रहा है कि वह इस विश्वविद्यालय के चांसलर हैं।
सुषमा की भाषा और उनके भाषण शैली के सभी मुरीद रहे हैं। सुषमा ने भाषण देने का हुनर भी पंजाब विश्वविद्यालय में होने वाली भाषण प्रतियोगिता में ही सीखा और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया। इस मौके पर पंजाब विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. राजकुमार ने घोषणा कर दी कि हर साल सुषमा स्वराज की याद में मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया जाएगा।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सुषणा स्वराज का भाषण सदन के दोनों पक्ष बड़े ही ध्यान से सुनते थे। उन्हें कई भाषाएं आती थीं। कर्नाटक में रहते हुए उन्होंने कन्नड में भाषण दिया, जिससे सभी बेहद हैरान हो गए थे। सुषणा स्वराज एक आदर्श भारतीय नारी के साथ एक सफल राजनेता रही हैं। वह महिला सशक्तीकरण का एक बेहतरीन उदाहरण हैं।
वह छोटी उम्र में हरियाणा की कैबिनेट मंत्री बनीं। दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और वर्ष 2016 में संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण दिया। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी को मान्यता दिलाने में भी उनका काफी योगदान रहा। उन्होंने सुषमा की याद में इस लेक्चर का आयोजन करने के लिए पंजाब विश्वविद्यालय एल्युमनी एसोसिएशन और लॉ डिपार्टमेंट को धन्यवाद दिया और कहा कि आज की युवा पीढ़ी को सुषमा को आदर्श मानना चाहिए।
सार
- पूर्व विदेश मंत्री स्व. सुषमा स्वराज की याद में पंजाब विश्वविद्यालय में मेमोरियल लेक्चर का आयोजन
- उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में लिया भाग
- पंजाब विश्वविद्यालय वीसी ने की घोषणा- हर साल सुषमा स्वराज की याद में होगा मेमोरियल लेक्चर का आयोजन
विस्तार
पंजाब विश्वविद्यालय ने गुरुवार को पूर्व विदेश मंत्री स्व. सुषमा स्वराज की याद में एक मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उपराष्ट्रपति व पंजाब विश्वविद्यालय के चांसलर एम वेंकैया नायडू और सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज शामिल हुईं। उपराष्ट्रपति ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि उन्हें अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि सुषमा स्वराज के निधन को एक साल बीत गया है। उनके नाम के आगे स्वर्गीय लगाना, अभी भी वह स्वीकार नहीं करते हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सुषमा स्वराज उनकी बहन थीं। हर रक्षाबंधन पर राखी बांधने घर आना होता था। उनके बिना इस बार का रक्षा बंधन अधूरा रहा है। उन्होंने कहा कि सुषणा स्वराज एक बहुत ही लोकप्रिय विदेश मंत्री रहीं हैं। पंजाब विश्वविद्यालय ने सुषमा जैसा लोकप्रिय नेता दिया और उन्हें गर्व महसूस हो रहा है कि वह इस विश्वविद्यालय के चांसलर हैं।
सुषमा की भाषा और उनके भाषण शैली के सभी मुरीद रहे हैं। सुषमा ने भाषण देने का हुनर भी पंजाब विश्वविद्यालय में होने वाली भाषण प्रतियोगिता में ही सीखा और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया। इस मौके पर पंजाब विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. राजकुमार ने घोषणा कर दी कि हर साल सुषमा स्वराज की याद में मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया जाएगा।
उपराष्ट्रपति बोले- आदर्श भारतीय नारी के साथ-साथ सफल राजनेता थीं सुषमा
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सुषणा स्वराज का भाषण सदन के दोनों पक्ष बड़े ही ध्यान से सुनते थे। उन्हें कई भाषाएं आती थीं। कर्नाटक में रहते हुए उन्होंने कन्नड में भाषण दिया, जिससे सभी बेहद हैरान हो गए थे। सुषणा स्वराज एक आदर्श भारतीय नारी के साथ एक सफल राजनेता रही हैं। वह महिला सशक्तीकरण का एक बेहतरीन उदाहरण हैं।
वह छोटी उम्र में हरियाणा की कैबिनेट मंत्री बनीं। दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और वर्ष 2016 में संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण दिया। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी को मान्यता दिलाने में भी उनका काफी योगदान रहा। उन्होंने सुषमा की याद में इस लेक्चर का आयोजन करने के लिए पंजाब विश्वविद्यालय एल्युमनी एसोसिएशन और लॉ डिपार्टमेंट को धन्यवाद दिया और कहा कि आज की युवा पीढ़ी को सुषमा को आदर्श मानना चाहिए।