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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा हरियाणा में लो-मेरिट जेबीटी के टर्मिनेशन पर रोक लगाने के बाद भी शिक्षा विभाग ने ऐसे जेबीटी को हटाने का सिलसिला जारी रखा है। इसके खिलाफ पीड़ित शिक्षकों ने अवमानना याचिका दायर कर दी।
मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है। जेबीटी शिक्षिका प्रदीप कौर व अन्य द्वारा दायर अवमानना याचिका में दोषी अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मांग की है।
याचिका पर पैरवी करते हुए अधिवक्ता एवं पंजाब के एएजी हरसिमरन सिंह सेठी ने बेंच को बताया कि याचिकाकर्ता सभी योग्यता व शर्तें पूरी करने के बाद जेबीटी पद पर नियुक्त हुए थे। कट ऑफ डेट के बाद वर्ष 2013 में एचटेट पास करने वाले उम्मीदवारों को सरकार द्वारा इस शर्त पर भर्ती में शामिल किया गया था कि कट ऑफ डेट को सभी शर्तें पूरी कर पहली ओरिजनल मेरिट लिस्ट में चयनित किसी भी उम्मीदवार को नियुक्ति से वंचित नहीं किया जाएगा। इस संबंध में एक अंडरटेकिंग हरियाणा के एडवोकेट जनरल द्वारा भी हाईकोर्ट में दी गई थी।
उन्होंने बेंच को बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा 2 जून को सभी डीईओ को ऑर्डर जारी करके 1259 जेबीटी को लो-मेरिट घोषित करते हुए उन्हें शोकॉज नोटिस देने व पर्सनल हियरिंग का मौका देकर उचित स्पीकिंग आदेश पारित करने के आदेश दिए गए। इसके बाद इन शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के 2 जून के ऑर्डर को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिस पर जस्टिस अनमोल रतन की बेंच ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 12 जून को याचिकाकर्ता को टर्मिनेट करने पर रोक लगा दी थी।
डीडीओ ने किया रिलीव
मंगलवार को बेंच को बताया गया कि हाईकोर्ट द्वारा टर्मिनेशन पर रोक लगाए जाने से बाद से सभी याचिकाकर्ता स्कूलों में लगातार अपनी सेवा दे रहे थे, लेकिन अचानक डीईओ ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी यमुनानगर के पत्र का हवाला देकर उन्हें रिलीव कर दिया, जो हाईकोर्ट के आदेश की स्पष्ट अवमानना है।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा हरियाणा में लो-मेरिट जेबीटी के टर्मिनेशन पर रोक लगाने के बाद भी शिक्षा विभाग ने ऐसे जेबीटी को हटाने का सिलसिला जारी रखा है। इसके खिलाफ पीड़ित शिक्षकों ने अवमानना याचिका दायर कर दी।
मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है। जेबीटी शिक्षिका प्रदीप कौर व अन्य द्वारा दायर अवमानना याचिका में दोषी अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मांग की है।
याचिका पर पैरवी करते हुए अधिवक्ता एवं पंजाब के एएजी हरसिमरन सिंह सेठी ने बेंच को बताया कि याचिकाकर्ता सभी योग्यता व शर्तें पूरी करने के बाद जेबीटी पद पर नियुक्त हुए थे। कट ऑफ डेट के बाद वर्ष 2013 में एचटेट पास करने वाले उम्मीदवारों को सरकार द्वारा इस शर्त पर भर्ती में शामिल किया गया था कि कट ऑफ डेट को सभी शर्तें पूरी कर पहली ओरिजनल मेरिट लिस्ट में चयनित किसी भी उम्मीदवार को नियुक्ति से वंचित नहीं किया जाएगा। इस संबंध में एक अंडरटेकिंग हरियाणा के एडवोकेट जनरल द्वारा भी हाईकोर्ट में दी गई थी।
डीडीओ ने किया रिलीव
Punjab And Haryana Highcourt Chandigarh
- फोटो : File Photo
उन्होंने बेंच को बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा 2 जून को सभी डीईओ को ऑर्डर जारी करके 1259 जेबीटी को लो-मेरिट घोषित करते हुए उन्हें शोकॉज नोटिस देने व पर्सनल हियरिंग का मौका देकर उचित स्पीकिंग आदेश पारित करने के आदेश दिए गए। इसके बाद इन शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के 2 जून के ऑर्डर को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिस पर जस्टिस अनमोल रतन की बेंच ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 12 जून को याचिकाकर्ता को टर्मिनेट करने पर रोक लगा दी थी।
डीडीओ ने किया रिलीव
मंगलवार को बेंच को बताया गया कि हाईकोर्ट द्वारा टर्मिनेशन पर रोक लगाए जाने से बाद से सभी याचिकाकर्ता स्कूलों में लगातार अपनी सेवा दे रहे थे, लेकिन अचानक डीईओ ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी यमुनानगर के पत्र का हवाला देकर उन्हें रिलीव कर दिया, जो हाईकोर्ट के आदेश की स्पष्ट अवमानना है।