चंडीगढ़ यूटी पुलिस का एक नया कारनामा सामने आया है। तीन महीने पहले औद्योगिक क्षेत्र में गलत दिशा से आ रही आई-20 कार की टक्कर से बाइक चालक के पैर की हड्डी टूट गई। डॉक्टरों ने पैर काटने तक को कह दिया। इसके बावजूद यूटी पुलिस पीड़ित को इंसाफ दिलाने के बजाय समझौता करवाने पर अड़ी रही।
तंग आकर पीड़ित के भाई ने डीएसपी, एसपी सिटी, एसएसपी, डीआईजी समेत डीजीपी दफ्तर में इंसाफ की गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। शिकायतकर्ता ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को चिट्ठी लिखकर इंसाफ की गुहार लगाई तो औद्योगिक क्षेत्र थाना पुलिस ने कार चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया, लेकिन गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है।
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नाजिम खान ने बताया कि वह सेक्टर-29/बी निवासी है। 21 अक्तूबर 2020 की सुबह करीब 9 बजे उनका छोटा भाई आजम खान (23) अपनी केटीएम बाइक से औद्योगिक क्षेत्र से कुछ जरूरी सामान लेने जा रहा था। आरोप है कि औद्योगिक क्षेत्र स्थित सेंट्रा मॉल के पास गलत दिशा से आ रही दिल्ली नंबर की आई-20 कार ने बाइक को टक्कर मार दी।
हादसे में आजम के दाहिने पैर की हड्डी निकलकर बाहर आ गई। उसे सेक्टर 32 के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने संक्रमण के चलते पैर तक काटने को कह दिया, लेकिन उन्होंने सेक्टर-34 स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज करवाया, जहां करीब दो लाख रुपये खर्च के बाद पैर में रॉड डाली गई। हालांकि डॉक्टरों ने उसे एक साल तक चलने फिरने से मना किया है।