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रुड़की शहर और आसपास के देहात क्षेत्रों में नवरात्र का व्रत रखने वाले 100 से अधिक लोग शनिवार रात कुट्टू का आटा खाकर बीमार हो गए। अचानक तेज चक्कर, सिरदर्द और उल्टी की शिकायत लेकर लोग अस्पतालों की ओर दौड़ पड़े। सूचना मिलते ही प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।
रात में बीमार लोगों से जानकारी लेकर उस थोक दुकान को तलाशा गया, जहां से अधिकांश लोगों को आटा सप्लाई हुआ था। सुबह विभाग की टीम ने दुकान पहुंचकर साढ़े चार कुंतल आटे को जब्त गंगनहर में नष्ट करा दिया।
साथ ही रुड़की, भगवानपुर, मंगलौर, बहादराबाद, बेड़पुर से आटे के छह सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। प्रशासन का कहना है कि सोमवार दोपहर तक आधे से अधिक लोगों को छुट्टी दे दी गई। गनीमत यह है कि किसी की भी हालत ज्यादा गंभीर नहीं है।
शनिवार को पहले नवरात्र पर व्रत रखने वाले कई लोगों ने रात में कुट्टू के आटे की पकौड़ी, रोटी और पूरी खाई थी। बताया जाता है कि इसके बाद शहर से लेकर देहात तक 100 से अधिक लोगों की तबीयत बिगड़ गई।
रात करीब एक बजे लोग अस्पतालों का रुख करने लगे। रुड़की में कई निजी अस्पतालों में डॉक्टर नहीं मिले तो कुछ बंद थे। इसके चलते मरीजों को काफी दौड़ लगानी पड़ी। देर रात तक सिविल अस्पताल, विनय विशाल नर्सिंग होम, भटनागर नर्सिंग होम, सिटी हॉस्पिटल समेत विभिन्न अस्पतालों में करीब 60 लोग भर्ती हुए जबकि घरों में भी बड़ी संख्या में लोग दवा ले रहे हैं।
उधर, लंढौरा, भगवानपुर और मंगलौर में भी निजी नर्सिंग होम में कई लोग भर्ती हुए हैं। मरीजों ने बताया कि कुट्टू का आटा खाने के बाद उन्हें शरीर में कंपन, उल्टी, चक्कर और सिरदर्द की शिकायत हुई। बड़ी संख्या में एक जैसी शिकायत लेकर मरीजों के पहुंचने पर सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. संजय कंसल रात में अस्पताल पहुंचे।
बड़ी संख्या में लोगों के बीमार पड़ने की सूचना मिली तो प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। पुलिस की सूचना पर सुबह नौ बजे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामी बंसल ने अस्पतालों में पहुंचकर मरीजों से जानकारी ली। उनसे यह भी पूछा गया कि कहां से आटा खरीदा था। इसके बाद खाद्य सुरक्षा अधिकारी संतोष कुमार गंगनहर पुलिस के साथ रुड़की स्थित अनाज मंडी में थोक दुकान पर पहुंचे।
उन्होंने बताया कि यहां से साढ़े चार कुंतल आटे को कब्जे में लेकर गंगनहर में बहा दिया गया। आटे के छह सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। सीएमओ डॉ. एसके झा ने बताया कि अस्पतालों में भर्ती अधिकांश लोगों को सोमवार दोपहर बाद छुट्टी दे दी गई है।
हरिद्वार, रुड़की में अंबर तालाब, चाव मंडी, पनियाला, सलेमपुर, डबल फाटक, ढंढेरा, भगवानपुर के रुहालकी दयालपुर, करौंदी, सिकरौढ़ा और मंगलौर क्षेत्र के कई गांवों के लोगों की तबीयत बिगड़ी है।
पुलिस ने जब्त किया कई किलो आटा
लंढौरा के शिकारपुर में कुट्टू का आटा खाने से छह लोगों की तबीयत बिगड़ गई। इनमें से चार को कस्बे में और दो लोगों को रुड़की के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चौकी प्रभारी नरेश कुमार गंगवार ने बताया कि जिस जिस दुकान से आटा खरीदा गया था, वहां से 32 किलो आटा कब्जे में लिया गया है। खाद्य आपूर्ति विभाग को सौंपकर इसका सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा। इसी तरह भगवानपुर, मंगलौर और अन्य क्षेत्रों में भी पुलिस ने कई किलो कुट्टू का आटा जब्त किया।
परिवार समेत ग्राम प्रधान भी आईं चपेट में
भगवानपुर क्षेत्र के रुहालकी दयालपुर गांव में कुट्टू के आटे के सेवन से ग्राम प्रधान सुचिका, उनके बच्चे वैष्णवी, वंश के अलावा गांव के करीब दो दर्जन लोगों की हालत बिगड़ गई। उनके पति विपिन कुमार ने बताया कि गांव में 20 से अधिक लोगों की तबीयत खराब हुई है, लेकिन ये सभी अस्पताल में भर्ती नहीं हुए हैं बल्कि दवा लेकर आराम कर रहे हैं। अच्छी बात यह है कि सभी की हालत सामान्य है।
पुलिस ने कराई मुनादी, न आटा बेचें न खरीदें
कुट्टू का आटा खाने से सैकड़ों लोगों की तबीयत बिगड़ने के बाद पुलिस भी सक्रिय हो गई। भगवानपुर में पुलिस ने जीप से मुनादी कराई। इस दौरान भगवानपुर थानाध्यक्ष संजीव थपलियाल ने एनाउंसमेंट कर कहा कि कोई भी दुकानदार न तो कुट्टू का आटा बेचे और न ही कोई खरीदे। क्योंकि, इसे खाने से लोग बीमार पड़ रहे हैं। इसी तरह की मुनादी पुहाना, चोली शहाबुद्दीनपुर, सिकरौढ़ा, चुड़ियाला में भी पुलिस ने की।
शहर में फल और सब्जियों से लेकर तमाम खाद्य पदार्थों में आर्गेनो फास्फोरस समेत कई तरह के प्रिजरवेटिव का इस्तेमाल किया जा रहा है। फल, सब्जियों को ऊपरी तौर से चमकाने और खाद्य सामग्रियों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले ये केमिकल लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहे हैं। प्रशासन अब इनके प्रयोग के मानकों की पड़ताल में जुट गया है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने खाद्य सुरक्षा विभाग से इसकी विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
बता दें कि हाल ही में खाद्य पदार्थों में केमिकल के इस्तेमाल के कई मामले सामने आ चुके है। हाल ही में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने सब्जी मंडी में औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान कई दुकानदार फलों और सब्जियों को चमकाने व पकाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल करते मिले थे। मौके से केमिकल की बोतलें और कई पुड़िया भी मिली थी। सभी को जांच के लिए लैब भेजा गया है।
अब नया मामला सामने आने के बाद अब खाद्य पदार्थों में केमिकल के इस्तेेमाल पर बहस छिड़ गई है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामी बंसल का कहना है कि लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए दवाओं का मानकों के अनुसार, इस्तेमाल करने की जरूरत है। खाद्य सुरक्षा विभाग से मानकों के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट को दुकानदारों के सामने सार्वजनिक कर उन्हें जागरूक किया जाएगा। यदि इसके बाद भी मानकों के विपरीत दवाओं के इस्तेमाल का प्रयोग पकड़ में आता है तो संबंधित के खिलाफ केस दर्ज होगा।
रुड़की में दो साल पहले भी कुट्टू का आटा खाने से लोगों की हालत बिगड़ गई थी। डॉ. संजय कंसल ने बताया कि इस दौरान अस्पताल में एक साथ 20 से 25 मरीज पहुंचे थे। सभी को उल्टी और दस्त की शिकायत थी। बाद में पता चला कि पुराना आटा खाने के चलते फूड प्वाइजनिंग हुई है, लेकिन इन मरीजों को शरीर में कंपन की शिकायत नहीं थी।
ऐसे में शनिवार रात को सामने आए मामले में पुराने आटे के चलते हालत बिगड़ने की आशंका कम है। प्रथमदृष्टया रासायनिक पदार्थों के प्रयोग के चलते हालत बिगड़ने की आशंका है। उन्होंने कहा कि कुट्टू का आटा खाते समय बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। संभव हो तो साबुत कुट्टू को घर पर या बाहर अपने सामने पिसवाकर खाएं।
दुकानदार भी नहीं बचा
सुनहरा क्षेत्र में एक दुकानदार बेचने के लिए आटा दुकान पर लगाया था। इसी आटे को शाम के समय उसने परिवार के साथ खुद भी खाया। इसके चलते दुकानदार समेत परिवार के दो-तीन लोग भी बीमार हो गए। भगवानपुर और कलियर क्षेत्र में भी कुछ दुकानदारों के बीमार होने की सूचना है।
हरिद्वार के पांच लोग भी बीमार
रुड़की के आटे से क्षेत्र ही नहीं बल्कि हरिद्वार तक के लोग प्रभावित हुए है। सीएमओ डॉ. एसके झा ने बताया कि रुड़की से आटा खरीदकर ले जाने वाले हरिद्वार क्षेत्र के पांच लोग भी बीमार हुए हैं। इन्हें भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनकी हालत पूरी तरह से सामान्य है।
सुबह आठ बजे प्रशासन को चला पता
रात के समय डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज शुरू किया। सुबह तक भी मरीजों का आने का सिलसिला जारी रहा तो फूड प्वाइजनिंग से मिलता जुलता मामला होने के चलते पुलिस को सूचना दी गई। सुबह करीब नौ बजे पुलिस ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामी बंसल को जानकारी दी। इसके बाद अधिकारी सक्रिय हुए।
खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
घटना के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। पीड़ित और उनके परिजनों का कहना है कि पूरे साल विभाग की ओर से चेकिंग के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। इससे मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हैं। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामी बंसल का कहना है कि विभाग को समय-समय पर सैंपल बढ़ाने के निर्देश दिए जाएंगे।
रुड़की शहर और आसपास के देहात क्षेत्रों में नवरात्र का व्रत रखने वाले 100 से अधिक लोग शनिवार रात कुट्टू का आटा खाकर बीमार हो गए। अचानक तेज चक्कर, सिरदर्द और उल्टी की शिकायत लेकर लोग अस्पतालों की ओर दौड़ पड़े। सूचना मिलते ही प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।
रात में बीमार लोगों से जानकारी लेकर उस थोक दुकान को तलाशा गया, जहां से अधिकांश लोगों को आटा सप्लाई हुआ था। सुबह विभाग की टीम ने दुकान पहुंचकर साढ़े चार कुंतल आटे को जब्त गंगनहर में नष्ट करा दिया।
साथ ही रुड़की, भगवानपुर, मंगलौर, बहादराबाद, बेड़पुर से आटे के छह सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। प्रशासन का कहना है कि सोमवार दोपहर तक आधे से अधिक लोगों को छुट्टी दे दी गई। गनीमत यह है कि किसी की भी हालत ज्यादा गंभीर नहीं है।
शनिवार को पहले नवरात्र पर व्रत रखने वाले कई लोगों ने रात में कुट्टू के आटे की पकौड़ी, रोटी और पूरी खाई थी। बताया जाता है कि इसके बाद शहर से लेकर देहात तक 100 से अधिक लोगों की तबीयत बिगड़ गई।
रात करीब एक बजे लोग अस्पतालों का रुख करने लगे। रुड़की में कई निजी अस्पतालों में डॉक्टर नहीं मिले तो कुछ बंद थे। इसके चलते मरीजों को काफी दौड़ लगानी पड़ी। देर रात तक सिविल अस्पताल, विनय विशाल नर्सिंग होम, भटनागर नर्सिंग होम, सिटी हॉस्पिटल समेत विभिन्न अस्पतालों में करीब 60 लोग भर्ती हुए जबकि घरों में भी बड़ी संख्या में लोग दवा ले रहे हैं।
उधर, लंढौरा, भगवानपुर और मंगलौर में भी निजी नर्सिंग होम में कई लोग भर्ती हुए हैं। मरीजों ने बताया कि कुट्टू का आटा खाने के बाद उन्हें शरीर में कंपन, उल्टी, चक्कर और सिरदर्द की शिकायत हुई। बड़ी संख्या में एक जैसी शिकायत लेकर मरीजों के पहुंचने पर सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. संजय कंसल रात में अस्पताल पहुंचे।
बड़ी संख्या में लोगों के बीमार पड़ने की सूचना मिली तो प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। पुलिस की सूचना पर सुबह नौ बजे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामी बंसल ने अस्पतालों में पहुंचकर मरीजों से जानकारी ली। उनसे यह भी पूछा गया कि कहां से आटा खरीदा था। इसके बाद खाद्य सुरक्षा अधिकारी संतोष कुमार गंगनहर पुलिस के साथ रुड़की स्थित अनाज मंडी में थोक दुकान पर पहुंचे।
उन्होंने बताया कि यहां से साढ़े चार कुंतल आटे को कब्जे में लेकर गंगनहर में बहा दिया गया। आटे के छह सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। सीएमओ डॉ. एसके झा ने बताया कि अस्पतालों में भर्ती अधिकांश लोगों को सोमवार दोपहर बाद छुट्टी दे दी गई है।
इन जगहों पर लोगों की बिगड़ी तबीयत
हरिद्वार, रुड़की में अंबर तालाब, चाव मंडी, पनियाला, सलेमपुर, डबल फाटक, ढंढेरा, भगवानपुर के रुहालकी दयालपुर, करौंदी, सिकरौढ़ा और मंगलौर क्षेत्र के कई गांवों के लोगों की तबीयत बिगड़ी है।
पुलिस ने जब्त किया कई किलो आटा
लंढौरा के शिकारपुर में कुट्टू का आटा खाने से छह लोगों की तबीयत बिगड़ गई। इनमें से चार को कस्बे में और दो लोगों को रुड़की के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चौकी प्रभारी नरेश कुमार गंगवार ने बताया कि जिस जिस दुकान से आटा खरीदा गया था, वहां से 32 किलो आटा कब्जे में लिया गया है। खाद्य आपूर्ति विभाग को सौंपकर इसका सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा। इसी तरह भगवानपुर, मंगलौर और अन्य क्षेत्रों में भी पुलिस ने कई किलो कुट्टू का आटा जब्त किया।
परिवार समेत ग्राम प्रधान भी आईं चपेट में
भगवानपुर क्षेत्र के रुहालकी दयालपुर गांव में कुट्टू के आटे के सेवन से ग्राम प्रधान सुचिका, उनके बच्चे वैष्णवी, वंश के अलावा गांव के करीब दो दर्जन लोगों की हालत बिगड़ गई। उनके पति विपिन कुमार ने बताया कि गांव में 20 से अधिक लोगों की तबीयत खराब हुई है, लेकिन ये सभी अस्पताल में भर्ती नहीं हुए हैं बल्कि दवा लेकर आराम कर रहे हैं। अच्छी बात यह है कि सभी की हालत सामान्य है।
पुलिस ने कराई मुनादी, न आटा बेचें न खरीदें
कुट्टू का आटा खाने से सैकड़ों लोगों की तबीयत बिगड़ने के बाद पुलिस भी सक्रिय हो गई। भगवानपुर में पुलिस ने जीप से मुनादी कराई। इस दौरान भगवानपुर थानाध्यक्ष संजीव थपलियाल ने एनाउंसमेंट कर कहा कि कोई भी दुकानदार न तो कुट्टू का आटा बेचे और न ही कोई खरीदे। क्योंकि, इसे खाने से लोग बीमार पड़ रहे हैं। इसी तरह की मुनादी पुहाना, चोली शहाबुद्दीनपुर, सिकरौढ़ा, चुड़ियाला में भी पुलिस ने की।
दवाओं के मानकों की पड़ताल में जुटा प्रशासन
शहर में फल और सब्जियों से लेकर तमाम खाद्य पदार्थों में आर्गेनो फास्फोरस समेत कई तरह के प्रिजरवेटिव का इस्तेमाल किया जा रहा है। फल, सब्जियों को ऊपरी तौर से चमकाने और खाद्य सामग्रियों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले ये केमिकल लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहे हैं। प्रशासन अब इनके प्रयोग के मानकों की पड़ताल में जुट गया है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने खाद्य सुरक्षा विभाग से इसकी विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
बता दें कि हाल ही में खाद्य पदार्थों में केमिकल के इस्तेमाल के कई मामले सामने आ चुके है। हाल ही में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने सब्जी मंडी में औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान कई दुकानदार फलों और सब्जियों को चमकाने व पकाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल करते मिले थे। मौके से केमिकल की बोतलें और कई पुड़िया भी मिली थी। सभी को जांच के लिए लैब भेजा गया है।
अब नया मामला सामने आने के बाद अब खाद्य पदार्थों में केमिकल के इस्तेेमाल पर बहस छिड़ गई है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामी बंसल का कहना है कि लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए दवाओं का मानकों के अनुसार, इस्तेमाल करने की जरूरत है। खाद्य सुरक्षा विभाग से मानकों के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट को दुकानदारों के सामने सार्वजनिक कर उन्हें जागरूक किया जाएगा। यदि इसके बाद भी मानकों के विपरीत दवाओं के इस्तेमाल का प्रयोग पकड़ में आता है तो संबंधित के खिलाफ केस दर्ज होगा।
दो साल पहले आया था फूड प्वाइजनिंग का मामला
रुड़की में दो साल पहले भी कुट्टू का आटा खाने से लोगों की हालत बिगड़ गई थी। डॉ. संजय कंसल ने बताया कि इस दौरान अस्पताल में एक साथ 20 से 25 मरीज पहुंचे थे। सभी को उल्टी और दस्त की शिकायत थी। बाद में पता चला कि पुराना आटा खाने के चलते फूड प्वाइजनिंग हुई है, लेकिन इन मरीजों को शरीर में कंपन की शिकायत नहीं थी।
ऐसे में शनिवार रात को सामने आए मामले में पुराने आटे के चलते हालत बिगड़ने की आशंका कम है। प्रथमदृष्टया रासायनिक पदार्थों के प्रयोग के चलते हालत बिगड़ने की आशंका है। उन्होंने कहा कि कुट्टू का आटा खाते समय बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। संभव हो तो साबुत कुट्टू को घर पर या बाहर अपने सामने पिसवाकर खाएं।
दुकानदार भी नहीं बचा
सुनहरा क्षेत्र में एक दुकानदार बेचने के लिए आटा दुकान पर लगाया था। इसी आटे को शाम के समय उसने परिवार के साथ खुद भी खाया। इसके चलते दुकानदार समेत परिवार के दो-तीन लोग भी बीमार हो गए। भगवानपुर और कलियर क्षेत्र में भी कुछ दुकानदारों के बीमार होने की सूचना है।
हरिद्वार के पांच लोग भी बीमार
रुड़की के आटे से क्षेत्र ही नहीं बल्कि हरिद्वार तक के लोग प्रभावित हुए है। सीएमओ डॉ. एसके झा ने बताया कि रुड़की से आटा खरीदकर ले जाने वाले हरिद्वार क्षेत्र के पांच लोग भी बीमार हुए हैं। इन्हें भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनकी हालत पूरी तरह से सामान्य है।
सुबह आठ बजे प्रशासन को चला पता
रात के समय डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज शुरू किया। सुबह तक भी मरीजों का आने का सिलसिला जारी रहा तो फूड प्वाइजनिंग से मिलता जुलता मामला होने के चलते पुलिस को सूचना दी गई। सुबह करीब नौ बजे पुलिस ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामी बंसल को जानकारी दी। इसके बाद अधिकारी सक्रिय हुए।
खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
घटना के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। पीड़ित और उनके परिजनों का कहना है कि पूरे साल विभाग की ओर से चेकिंग के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। इससे मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हैं। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामी बंसल का कहना है कि विभाग को समय-समय पर सैंपल बढ़ाने के निर्देश दिए जाएंगे।