डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 10 Oct 2020 06:37 PM IST
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दिल्ली के मालवीय नगर में 'बाबा का ढाबा' चलाने वाले बुजुर्ग दंपत्ति आज खुश हैं। शनिवार को ढाबे की सूरत बदल गई। कोई नहीं कह सकता था कि ये वही ढाबा है, जिसे उसने तीन दिन पहले देखा था। अब बाबा के पास एक मिनट की भी फुर्सत नहीं है। बाबा, सोच रहे हैं कि अब हिसाब-किताब रखने के लिए किसी को नौकरी पर रख लिया जाए।
कंपनियों ने अपने होर्डिंग्स से बाबा के ढाबे को पूरी तरह ढक दिया है। ढाबे के साथ में कई ऐसे लोग बैठ गए हैं, जिनका पहले किसी दूसरी जगह पर कामकाज नहीं चल रहा था। अब वे भी ये सोचकर कि बाबा के ढाबे पर भीड़ होती है, उन्होंने यहीं पर अपना ठिकाना बना लिया है।
पिछले दो-तीन दिन से 'बाबा का ढाबा' ट्वीटर पर ट्रेंड कर रहा था। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से लेकर बॉलीवुड के कलाकारों तक, सभी ने एक आवाज में बाबा की मदद की अपील की। पहले जो वीडियो वायरल हुआ था, उसमें बुजुर्ग दंपत्ति आंसू बहा रहे थे। उनका कहना था कि कोरोना की वजह से ढाबा नहीं चल पा रहा है। जो भी खाने-पीने का सामान तैयार करते हैं, वह बिक नहीं पाता।
बाबा यानी कांता प्रसाद और उनकी पत्नी बादामी देवी निराश हो चुके थे। जब उनका वीडियो वायरल हुआ तो दिल्ली वासियों ने करीब दो लाख से ज्यादा की दान राशि बाबा को दान कर दी है। अब प्राइवेट कंपनियां वहां पहुंच रही हैं। बहुत से लोग सड़क पर अपनी गाड़ियां खड़ी कर बाबा के साथ सेल्फी खिंचवा रहे हैं।
बाबा, एकदम हीरो की तरह लगते हैं। दुकान तो बिल्कुल पहचान में नहीं आ रही। कोविड का बीमा कराने वाले भी बाबा के ढाबे पर आ गए हैं। वे कहते हैं कि उनका कारोबार यहां बेहतर रूप में चल सकता है। पहले आधे दिन में बाबा के मुश्किल से तीन पाव चावल लगते थे, अब एक बजे तक पांच किलो चावल खत्म हो रहे हैं। बाबा बोलते हैं, मैं अकेला कुछ नहीं कर सकता। मैं सोच रहा हूं कि कोई व्यक्ति रख लिया जाए। प्राइवेट कंपनियों को लेकर उन्होंने कहा, ये प्रचार है, लेकिन मदद भी हो रही है।
सार
कंपनियों ने अपने होर्डिंग्स से बाबा के ढाबे को पूरी तरह ढक दिया है। ढाबे के साथ में कई ऐसे लोग बैठ गए हैं, जिनका पहले किसी दूसरी जगह पर कामकाज नहीं चल रहा था...
विस्तार
दिल्ली के मालवीय नगर में 'बाबा का ढाबा' चलाने वाले बुजुर्ग दंपत्ति आज खुश हैं। शनिवार को ढाबे की सूरत बदल गई। कोई नहीं कह सकता था कि ये वही ढाबा है, जिसे उसने तीन दिन पहले देखा था। अब बाबा के पास एक मिनट की भी फुर्सत नहीं है। बाबा, सोच रहे हैं कि अब हिसाब-किताब रखने के लिए किसी को नौकरी पर रख लिया जाए।
कंपनियों ने अपने होर्डिंग्स से बाबा के ढाबे को पूरी तरह ढक दिया है। ढाबे के साथ में कई ऐसे लोग बैठ गए हैं, जिनका पहले किसी दूसरी जगह पर कामकाज नहीं चल रहा था। अब वे भी ये सोचकर कि बाबा के ढाबे पर भीड़ होती है, उन्होंने यहीं पर अपना ठिकाना बना लिया है।
पिछले दो-तीन दिन से 'बाबा का ढाबा' ट्वीटर पर ट्रेंड कर रहा था। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से लेकर बॉलीवुड के कलाकारों तक, सभी ने एक आवाज में बाबा की मदद की अपील की। पहले जो वीडियो वायरल हुआ था, उसमें बुजुर्ग दंपत्ति आंसू बहा रहे थे। उनका कहना था कि कोरोना की वजह से ढाबा नहीं चल पा रहा है। जो भी खाने-पीने का सामान तैयार करते हैं, वह बिक नहीं पाता।
बाबा यानी कांता प्रसाद और उनकी पत्नी बादामी देवी निराश हो चुके थे। जब उनका वीडियो वायरल हुआ तो दिल्ली वासियों ने करीब दो लाख से ज्यादा की दान राशि बाबा को दान कर दी है। अब प्राइवेट कंपनियां वहां पहुंच रही हैं। बहुत से लोग सड़क पर अपनी गाड़ियां खड़ी कर बाबा के साथ सेल्फी खिंचवा रहे हैं।
बाबा, एकदम हीरो की तरह लगते हैं। दुकान तो बिल्कुल पहचान में नहीं आ रही। कोविड का बीमा कराने वाले भी बाबा के ढाबे पर आ गए हैं। वे कहते हैं कि उनका कारोबार यहां बेहतर रूप में चल सकता है। पहले आधे दिन में बाबा के मुश्किल से तीन पाव चावल लगते थे, अब एक बजे तक पांच किलो चावल खत्म हो रहे हैं। बाबा बोलते हैं, मैं अकेला कुछ नहीं कर सकता। मैं सोच रहा हूं कि कोई व्यक्ति रख लिया जाए। प्राइवेट कंपनियों को लेकर उन्होंने कहा, ये प्रचार है, लेकिन मदद भी हो रही है।