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दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज भाजपा की कद्दावर नेता थीं। केंद्र की राजनीति के साथ ही उनका दिल्ली से बेहद लगाव था। लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा, वह दिल्ली की गलियों में उतरकर पदयात्रा करने में भी पीछे नहीं रहती थीं।
दिल्ली के सभी नेता प्यार से उन्हें दीदी कहते थे और वह अभिभावक के रूप में थी। मुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्हें महिला सुरक्षा की बेहद चिंता रहती थी। देर रात व खुद पुलिस की पेट्रोलिंग जिप्सी में बैठकर दिल्ली घूमती थीं। वह कहती थीं कि महिलाएं आराम से घर में सोए उनकी मुख्यमंत्री जाग रही है।
सुषमा स्वराज का जन्म अंबाला कैंट में हुआ था। उनके पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख सदस्य रहे थे। स्वराज का परिवार मूल रूप से लाहौर के धर्मपुरा क्षेत्र का निवासी था, जो अब पाकिस्तान में है। उन्होंने अंबाला के सनातन धर्म कॉलेज से संस्कृत तथा राजनीति विज्ञान में स्नातक किया। वह बेहतरीन वक्ता थीं। 6 अगस्त 2019 की रात दिल्ली में उनका निधन हो गया।
मार्च 1998 में सुषमा स्वराज दक्षिण दिल्ली संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीती। अक्तूबर 1998 में उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और 12 अक्तूबर 1998 को दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। हालांकि, उस दौरान प्याज की कीमत अचानक से बढ़ गई थी। कहा यह भी जाता है कि प्याज की बढ़ी कीमत के कारण ही भाजपा सत्ता में वापसी नहीं कर पाई थी।
भाजपा नेता जयप्रकाश जेपी कहते हैं कि उनसे मिलकर एक मां का भाव मिलता था। कार्यकर्ताओं को वह सही मार्गदर्शन करती थीं। पार्टी की नीतियों व संघ की विचारधारा की सीख उनसे मिलती रहती थी। जब भी उनसे मुलाकात होती या चुनाव प्रचार में पदयात्रा पर रहती तो उनसे कुछ ना कुछ सीखने को ही मिलता था। सरल व सहज व्यक्तित्व की राष्ट्रीय नेता होने के साथ दिल्ली से उनका बराबर नाता रहता था।
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज भाजपा की कद्दावर नेता थीं। केंद्र की राजनीति के साथ ही उनका दिल्ली से बेहद लगाव था। लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा, वह दिल्ली की गलियों में उतरकर पदयात्रा करने में भी पीछे नहीं रहती थीं।
दिल्ली के सभी नेता प्यार से उन्हें दीदी कहते थे और वह अभिभावक के रूप में थी। मुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्हें महिला सुरक्षा की बेहद चिंता रहती थी। देर रात व खुद पुलिस की पेट्रोलिंग जिप्सी में बैठकर दिल्ली घूमती थीं। वह कहती थीं कि महिलाएं आराम से घर में सोए उनकी मुख्यमंत्री जाग रही है।
सुषमा स्वराज का जन्म अंबाला कैंट में हुआ था। उनके पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख सदस्य रहे थे। स्वराज का परिवार मूल रूप से लाहौर के धर्मपुरा क्षेत्र का निवासी था, जो अब पाकिस्तान में है। उन्होंने अंबाला के सनातन धर्म कॉलेज से संस्कृत तथा राजनीति विज्ञान में स्नातक किया। वह बेहतरीन वक्ता थीं। 6 अगस्त 2019 की रात दिल्ली में उनका निधन हो गया।
मार्च 1998 में सुषमा स्वराज दक्षिण दिल्ली संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीती। अक्तूबर 1998 में उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और 12 अक्तूबर 1998 को दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। हालांकि, उस दौरान प्याज की कीमत अचानक से बढ़ गई थी। कहा यह भी जाता है कि प्याज की बढ़ी कीमत के कारण ही भाजपा सत्ता में वापसी नहीं कर पाई थी।
भाजपा नेता जयप्रकाश जेपी कहते हैं कि उनसे मिलकर एक मां का भाव मिलता था। कार्यकर्ताओं को वह सही मार्गदर्शन करती थीं। पार्टी की नीतियों व संघ की विचारधारा की सीख उनसे मिलती रहती थी। जब भी उनसे मुलाकात होती या चुनाव प्रचार में पदयात्रा पर रहती तो उनसे कुछ ना कुछ सीखने को ही मिलता था। सरल व सहज व्यक्तित्व की राष्ट्रीय नेता होने के साथ दिल्ली से उनका बराबर नाता रहता था।