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जाने माने एक्टर और फिल्मकार अनंत महादेवन जो 2010 में अपनी मराठी फिल्म मी सिंधुताई सपकाल के लिए चार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके हैं, अब जल्द ही अपनी नई फिल्म रिलीज करने जा रहे हैं। फिल्म का नाम है, माई घाट। एक सत्य घटना पर आधारित यह फिल्म एक मां के अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए किए गए संघर्ष की कहानी है। फिल्म में टाइटल रोल कर रही हैं उषा जाधव जो फिल्म धग के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी हैं। हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज उनकी फिल्म फायरब्रांड की काफी चर्चा रही है।
फिल्म माई घाट की कहानी प्रभावती अम्मा की है, जिनके बेटे को दो पुलिसकर्मियों ने झूठे इल्जाम में जेल में डाल दिया था। इनके बेटे का नाम उदयकुमार था। प्रभावती घरों में बर्तन मांजने का काम करती थीं और इनका बेटा कूड़ा उठाने का काम किया करता था। ओणम त्योहार के दौरान अम्मा ने अपने बेटे को त्योहार मनाने के लिए करीब 4 हजार रुपए दिए। पुलिसवालों को उसके पास इतनी रकम दिख तो उन्होंने उसे चोर समझ कर उठा लिया।
सच उगलवाने के चक्कर में पुलिस ने प्रभावती के बेटे को हवालात में बहुत मारा। पुलिस की पिटाई में ही मौत होने के बाद उसे लावारिस हालत में फेंक दिया गया। किसी तरह अस्पताल पहुंचाए गए उदय कुमार ने मरने से पहले दिए अपने बयान में पूरी बात बताई। इस जुल्म के खिलाफ प्रभावती अम्मा ने खूब लड़ाई लड़ी और अपने बेटे की मौत के जिम्मेदार पुलिस वालों के खिलाफ पूरे तेरह साल तक जंग लड़ती रहीं। उनके इस संघर्ष के चलते ही दोनों पुलिसकर्मियों फांसी की सजा सुनाई गई। इसी कहानी को अनंत महादेवन ने पर्दे पर माई घाट के नाम से लाने का प्रयास किया है।
अनंत कहते हैं, 'मैं इस फिल्म को टोरंटो, वेनिस, लंदन और बूसान में होने वाले फिल्म फेस्टिवल्स तक ले जाना चाहता हूं। इन फेस्टिवल्स के बाद इसे भारत और दूसरे देशों में भी रिलीज किया जाएगा।'
जाने माने एक्टर और फिल्मकार अनंत महादेवन जो 2010 में अपनी मराठी फिल्म मी सिंधुताई सपकाल के लिए चार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके हैं, अब जल्द ही अपनी नई फिल्म रिलीज करने जा रहे हैं। फिल्म का नाम है, माई घाट। एक सत्य घटना पर आधारित यह फिल्म एक मां के अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए किए गए संघर्ष की कहानी है। फिल्म में टाइटल रोल कर रही हैं उषा जाधव जो फिल्म धग के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी हैं। हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज उनकी फिल्म फायरब्रांड की काफी चर्चा रही है।
फिल्म माई घाट की कहानी प्रभावती अम्मा की है, जिनके बेटे को दो पुलिसकर्मियों ने झूठे इल्जाम में जेल में डाल दिया था। इनके बेटे का नाम उदयकुमार था। प्रभावती घरों में बर्तन मांजने का काम करती थीं और इनका बेटा कूड़ा उठाने का काम किया करता था। ओणम त्योहार के दौरान अम्मा ने अपने बेटे को त्योहार मनाने के लिए करीब 4 हजार रुपए दिए। पुलिसवालों को उसके पास इतनी रकम दिख तो उन्होंने उसे चोर समझ कर उठा लिया।
सच उगलवाने के चक्कर में पुलिस ने प्रभावती के बेटे को हवालात में बहुत मारा। पुलिस की पिटाई में ही मौत होने के बाद उसे लावारिस हालत में फेंक दिया गया। किसी तरह अस्पताल पहुंचाए गए उदय कुमार ने मरने से पहले दिए अपने बयान में पूरी बात बताई। इस जुल्म के खिलाफ प्रभावती अम्मा ने खूब लड़ाई लड़ी और अपने बेटे की मौत के जिम्मेदार पुलिस वालों के खिलाफ पूरे तेरह साल तक जंग लड़ती रहीं। उनके इस संघर्ष के चलते ही दोनों पुलिसकर्मियों फांसी की सजा सुनाई गई। इसी कहानी को अनंत महादेवन ने पर्दे पर माई घाट के नाम से लाने का प्रयास किया है।
अनंत कहते हैं, 'मैं इस फिल्म को टोरंटो, वेनिस, लंदन और बूसान में होने वाले फिल्म फेस्टिवल्स तक ले जाना चाहता हूं। इन फेस्टिवल्स के बाद इसे भारत और दूसरे देशों में भी रिलीज किया जाएगा।'