न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 05 Dec 2020 03:26 PM IST
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हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उन्हें पिछले महीने कोरोना का टीका लगा था। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि अनिल विज को आखिर कौन-सी वैक्सीन लगाई गई? इसे अब सफल माना जाए या असफल? सोशल मीडिया पर इसे लेकर चर्चा काफी ज्यादा तेज हो गई है। ऐसे ही तमाम सवालों के जवाबों से हम इस रिपोर्ट में रूबरू होते हैं।
जानकारी के मुताबिक, हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य, शहरी निकाय और तकनीकी शिक्षा मंत्री अनिल विज कोविड-19 संक्रमित हो गए। उन्होंने शनिवार सुबह एक ट्वीट में इसकी जानकारी दी। अनिल विज अब अंबाला कैंट के सिविल अस्पताल में भर्ती हैं। आपको बता दें कि अनिल विज को भारत बायोटेक की कोविड वैक्सीन कोवैक्सीन लगाई गई थी। वह इस वैक्सीन के फेज 3 ट्रायल में शामिल हुए थे। अब अनिल विज के कोरोना संक्रमित होने के बाद लोग इस वैक्सीन के असर पर आशंका जताने लगे हैं।
जानकारी के मुताबिक, अनिल विज को अंबाला के एक अस्पताल में 20 नवंबर को कैवैक्सीन की पहली डोज दी गई थी। हालांकि, कोवैक्सीन के फेज 3 ट्रायल प्रोटोकॉल में बताया गया है कि हर वॉलंटियर को इसके 0.5 मिलीग्राम के दो टीके लगेंगे। पहली डोज के बाद दूसरी डोज 28वें दिन लगेगी। इसका मतलब यह है कि विज को वैक्सीन की दूसरी डोज अभी नहीं लगी। ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि जब तक वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगतीं, कोविड से इम्युनिटी मुश्किल है। इसके बावजूद विशेषज्ञ अनिल विज की जांच करेंगे और उनकी कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग भी करेंगे।
अनिल विज के संक्रमित होने के बाद कोवैक्सीन पर सवाल उठने लगे हैं, लेकिन डॉक्टर इसे जल्दबाजी बता रहे हैं। दरअसल, उनका कहना है कि किसी भी वैक्सीन के डोज का प्रोटोकॉल पूरा होने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है। पूरे देश में कोवैक्सीन का फेज-3 ट्रायल अब तक करीब 26 हजार वॉलंटियर्स पर हो चुका है। इनमें से विज के अलावा कोई और कोरोना संक्रमित सामने नहीं आया है।
डॉक्टरों का कहना है कि पूरी दुनिया में अब तक जितनी भी वैक्सीन तैयार हुई हैं, सब डबल डोज वाली हैं। इनमें फाइजर, मॉडर्ना, ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन शामिल हैं। इसके अलावा कोई भी वैक्सीन 100 प्रतिशत सफल नहीं है। मॉडर्ना और फाइजर भी 95 प्रतिशत प्रभावी हैं। यानी कि 5 प्रतिशत लोगों को संक्रमण का खतरा रह सकता है। इस वजह से डॉक्टर्स कोवैक्सीन को अभी असफल मानने के लिए तैयार नहीं हैं।
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उन्हें पिछले महीने कोरोना का टीका लगा था। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि अनिल विज को आखिर कौन-सी वैक्सीन लगाई गई? इसे अब सफल माना जाए या असफल? सोशल मीडिया पर इसे लेकर चर्चा काफी ज्यादा तेज हो गई है। ऐसे ही तमाम सवालों के जवाबों से हम इस रिपोर्ट में रूबरू होते हैं।
विज को लगा था इस कंपनी का टीका
अनिल विज
- फोटो : अमर उजाला
जानकारी के मुताबिक, हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य, शहरी निकाय और तकनीकी शिक्षा मंत्री अनिल विज कोविड-19 संक्रमित हो गए। उन्होंने शनिवार सुबह एक ट्वीट में इसकी जानकारी दी। अनिल विज अब अंबाला कैंट के सिविल अस्पताल में भर्ती हैं। आपको बता दें कि अनिल विज को भारत बायोटेक की कोविड वैक्सीन कोवैक्सीन लगाई गई थी। वह इस वैक्सीन के फेज 3 ट्रायल में शामिल हुए थे। अब अनिल विज के कोरोना संक्रमित होने के बाद लोग इस वैक्सीन के असर पर आशंका जताने लगे हैं।
अनिल विज ने लीं कितनी डोज?
अनिल विज
जानकारी के मुताबिक, अनिल विज को अंबाला के एक अस्पताल में 20 नवंबर को कैवैक्सीन की पहली डोज दी गई थी। हालांकि, कोवैक्सीन के फेज 3 ट्रायल प्रोटोकॉल में बताया गया है कि हर वॉलंटियर को इसके 0.5 मिलीग्राम के दो टीके लगेंगे। पहली डोज के बाद दूसरी डोज 28वें दिन लगेगी। इसका मतलब यह है कि विज को वैक्सीन की दूसरी डोज अभी नहीं लगी। ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि जब तक वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगतीं, कोविड से इम्युनिटी मुश्किल है। इसके बावजूद विशेषज्ञ अनिल विज की जांच करेंगे और उनकी कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग भी करेंगे।
क्या असरदार नहीं है कोवैक्सीन?
कोवाक्सिन वैक्सीन
- फोटो : ट्विटर
अनिल विज के संक्रमित होने के बाद कोवैक्सीन पर सवाल उठने लगे हैं, लेकिन डॉक्टर इसे जल्दबाजी बता रहे हैं। दरअसल, उनका कहना है कि किसी भी वैक्सीन के डोज का प्रोटोकॉल पूरा होने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है। पूरे देश में कोवैक्सीन का फेज-3 ट्रायल अब तक करीब 26 हजार वॉलंटियर्स पर हो चुका है। इनमें से विज के अलावा कोई और कोरोना संक्रमित सामने नहीं आया है।
क्या है डॉक्टरों की राय?
प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : Feature
डॉक्टरों का कहना है कि पूरी दुनिया में अब तक जितनी भी वैक्सीन तैयार हुई हैं, सब डबल डोज वाली हैं। इनमें फाइजर, मॉडर्ना, ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन शामिल हैं। इसके अलावा कोई भी वैक्सीन 100 प्रतिशत सफल नहीं है। मॉडर्ना और फाइजर भी 95 प्रतिशत प्रभावी हैं। यानी कि 5 प्रतिशत लोगों को संक्रमण का खतरा रह सकता है। इस वजह से डॉक्टर्स कोवैक्सीन को अभी असफल मानने के लिए तैयार नहीं हैं।