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चावल खरीद फरोख्त के नाम पर कमीशन देकर फर्जीवाड़े और टैक्स चोरी के मामले में करनाल जिले के करीब 100 राइस मिलर्स के नाम शामिल हैं। आयकर विभाग द्वारा व्यापारी के प्रतिष्ठान व घर से बरामद दस्तावेजों के आधार पर ये दावा किया जा रहा है। इतना ही नहीं टैक्स चोरी के इस खेल में करनाल के कई नामी राइस मिलर्स व चावल व्यापारियों के नाम भी शामिल हैं। आयकर विभाग की इतनी बड़ी जांच और कार्रवाई के बाद से चावल व्यापारियों में हड़कंप का माहौल है। दहशत इतनी है कि मंडी अपने प्रतिष्ठान बंद कर शहर छोड़ गए हैं।
उधर, आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ये तो सिर्फ एक बानगी है, मामले की जांच लंबी चलेगी, जिसमें कई और परतें खुलेंगी। मामले को लेकर व्यापारियों में हड़कंप का माहौल बना हुआ है। बता दें कि करनाल के नावल्टी रोड स्थित शहर की पुरानी अनाज मंडी की दुकान नंबर 68 पर व्यापारी हितेश जैन द्वारा चावल कारोबारियों को एंट्री (बिल) प्रोवाइड कराये जाते थे। आयकर विभाग को इसकी गुप्त सूचना मिली तो विभाग की टीम ने इसका सर्वे करने के लिए जांच शुरू की। विभाग के अधिकारी इस कार्रवाई को रूटीन मान कर चल रहे थे, लेकिन जैसे ही दुकान से संदिग्ध दस्तावेज मिले तो विभाग के अधिकारी भी हैरान रह गए।
टैक्स चोरी का ये मामला देख अधिकारियों ने अपने आला अधिकारियों को सूचित किया। सहायक आयुक्त वंदना मोहिते द्वारा इस मामले को लेकर पंचकूला की मुख्य आयकर आयुक्त सुनीता पुरी व उत्तर पश्चिम क्षेत्र के प्रधान मुख्य आयुक्त केसी जैन को अवगत कराया। आला अधिकारियों द्वारा इस मामले की जांच के लिए गुड़गांव की इंवेस्टिटेशन टीम को इसके लिए लगाया गया। फिलहाल पिछलेतीन दिन से आयकर विभाग की टीम दुकान पर जांच कर रही है और दस्तावेज खंगाल रही है। विभाग की जांच को लेकर चावल व्यापारियों के पसीने छूटे हुए हैं और वे अभी से अपने बचने के रास्ते तलाशने लगे हैं। आयकर विभाग के टीम के एक सदस्य ने बताया कि मिले दस्तावेजों के आधार पर कहा जा सकता है कि इस खेल में करनाल के कई नामी चावल व्यापारियों के नाम भी शामिल हैं।
व्यापारी के खाते व लाकर्स खंगाले, हड़कंप
आयकर विभाग की एक टीम द्वारा बुधवार पूरा दिन व्यापारी के बैंक खाते व लाकर्स को खंगाला गया है। बताया जाता है कि यहां भी टीम को कुछ संदिग्ध व आपत्तिजनक कागजात मिले हैं। हालांकि टीम अभी इसकी पुष्टि नहीं कर रही है। आयकर विभाग के सूत्र बताते हैं कि एक टीम लगातार वहीं, चावल व्यापारी के सेक्टर-13 स्थित घर पर भी रेड की गई है। जहां टीम लगातार जांच कर रही है। वहीं, चावल के कारोबारियों में रेड को लेकर हड़कंप की स्थिति है। इस मामले को लेकर कोई भी चावल व्यापारी बोलने को तैयार नहीं है।
बाहर तैनात है पुलिस, मंडी में सन्नाटा
फिलहाल नई व पुरानी अनाज मंडी में सन्नाटा पसरा हुआ है। व्यापारी की दुकान के अंदर आयकर विभाग की टीम दस्तावेज खंगाल रही है, जबकि बाहर चार पुलिस कर्मचारी तैनात हैं, जो किसी को अंदर नहीं जाने दे रहे हैं और न ही बाहर आने दे रहे हैं। आयकर विभाग के सूत्रों का दावा है कि अभी जांच दो दिन और चल सकती है। रेड को लेकर मंडी के कोई भी व्यापारी मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं। कई व्यापारी को अपने सटर डाउन करके यहां से खिसक लिये हैं। वहीं कुछ लगातार टीम के बारे में अपडेट ले रहे हैं कि वे गए या अभी यहीं पर हैं। एक तरह से मंडी में सन्नाटा छाया हुआ है।
जांच के कई पहलू, कब से चल रहा था खेल
यह मामला केवल आयकर चोरी का नहीं है, बल्कि जांच का अहम पहलू यह है कि आखिर धोखाधड़ी का यह खेल कितने साल से चल रहा था? प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि दुकान पर पिछले दो साल के चावल खरीद फरोख्त के दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा, टीम दुकान पर रखे गए कंम्पयूटर, लैपटाप व अन्य कागजों से यह टेली करने में जुटी है कि आखिर यह खेल कितने साल से जारी था? आयकर विभाग के अधिकारी बताते हैं कि इस मामले की तह तक जाने के लिए राइस मिलर्स व दिल्ली की फर्मों के नाम पर खोले गए बैंक खातों की जांच के बाद ही इसका खुलासा हो सकेगा। इस बारे में सहायक आयकर आयुक्त करनाल वंदना मोहिते का कहना है कि मामले की तफ्तीश जारी है। विभाग द्वारा इस मामले में सेल्सटेक्स विभाग से भी तालमेल किया जा रहा है और जो भी कानूनी कार्रवाई होगी, वो की जाएगी। अभी तक कितने राइस मिलर्स के नाम हैं, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। यह संब जांच का हिस्सा है।
चावल का हब है करनाल
बता दें कि करनाल चावल का हब है। जिलेभर में करीब 250 से ज्यादा राइस मिल हैं, जहां पर चावल का कारोबार किया जाता है। तरावड़ी के बासमती चावल की महक देश की नहीं बल्कि दुनियाभर के देशों में फैली हुई है। अनुमान है कि अकेले करनाल से हर साल अरबों रुपये का चावल विदेशों में भेजा जाता है। हरियाणा के आंकड़ों की बात करें तो हरियाणा का आधे से ज्यादा चावल करनाल से एक्सपोर्ट होता है। प्रति साल अकेले करनाल में 1.72 लाख हेक्टेयर में धान की बिजाई की जाती है। ज्यादातर बासमती चावल के लिए करनाल को जाना जाता है।
चावल खरीद फरोख्त के नाम पर कमीशन देकर फर्जीवाड़े और टैक्स चोरी के मामले में करनाल जिले के करीब 100 राइस मिलर्स के नाम शामिल हैं। आयकर विभाग द्वारा व्यापारी के प्रतिष्ठान व घर से बरामद दस्तावेजों के आधार पर ये दावा किया जा रहा है। इतना ही नहीं टैक्स चोरी के इस खेल में करनाल के कई नामी राइस मिलर्स व चावल व्यापारियों के नाम भी शामिल हैं। आयकर विभाग की इतनी बड़ी जांच और कार्रवाई के बाद से चावल व्यापारियों में हड़कंप का माहौल है। दहशत इतनी है कि मंडी अपने प्रतिष्ठान बंद कर शहर छोड़ गए हैं।
उधर, आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ये तो सिर्फ एक बानगी है, मामले की जांच लंबी चलेगी, जिसमें कई और परतें खुलेंगी। मामले को लेकर व्यापारियों में हड़कंप का माहौल बना हुआ है। बता दें कि करनाल के नावल्टी रोड स्थित शहर की पुरानी अनाज मंडी की दुकान नंबर 68 पर व्यापारी हितेश जैन द्वारा चावल कारोबारियों को एंट्री (बिल) प्रोवाइड कराये जाते थे। आयकर विभाग को इसकी गुप्त सूचना मिली तो विभाग की टीम ने इसका सर्वे करने के लिए जांच शुरू की। विभाग के अधिकारी इस कार्रवाई को रूटीन मान कर चल रहे थे, लेकिन जैसे ही दुकान से संदिग्ध दस्तावेज मिले तो विभाग के अधिकारी भी हैरान रह गए।
टैक्स चोरी का ये मामला देख अधिकारियों ने अपने आला अधिकारियों को सूचित किया। सहायक आयुक्त वंदना मोहिते द्वारा इस मामले को लेकर पंचकूला की मुख्य आयकर आयुक्त सुनीता पुरी व उत्तर पश्चिम क्षेत्र के प्रधान मुख्य आयुक्त केसी जैन को अवगत कराया। आला अधिकारियों द्वारा इस मामले की जांच के लिए गुड़गांव की इंवेस्टिटेशन टीम को इसके लिए लगाया गया। फिलहाल पिछलेतीन दिन से आयकर विभाग की टीम दुकान पर जांच कर रही है और दस्तावेज खंगाल रही है। विभाग की जांच को लेकर चावल व्यापारियों के पसीने छूटे हुए हैं और वे अभी से अपने बचने के रास्ते तलाशने लगे हैं। आयकर विभाग के टीम के एक सदस्य ने बताया कि मिले दस्तावेजों के आधार पर कहा जा सकता है कि इस खेल में करनाल के कई नामी चावल व्यापारियों के नाम भी शामिल हैं।
व्यापारी के खाते व लाकर्स खंगाले, हड़कंप
आयकर विभाग की एक टीम द्वारा बुधवार पूरा दिन व्यापारी के बैंक खाते व लाकर्स को खंगाला गया है। बताया जाता है कि यहां भी टीम को कुछ संदिग्ध व आपत्तिजनक कागजात मिले हैं। हालांकि टीम अभी इसकी पुष्टि नहीं कर रही है। आयकर विभाग के सूत्र बताते हैं कि एक टीम लगातार वहीं, चावल व्यापारी के सेक्टर-13 स्थित घर पर भी रेड की गई है। जहां टीम लगातार जांच कर रही है। वहीं, चावल के कारोबारियों में रेड को लेकर हड़कंप की स्थिति है। इस मामले को लेकर कोई भी चावल व्यापारी बोलने को तैयार नहीं है।
बाहर तैनात है पुलिस, मंडी में सन्नाटा
फिलहाल नई व पुरानी अनाज मंडी में सन्नाटा पसरा हुआ है। व्यापारी की दुकान के अंदर आयकर विभाग की टीम दस्तावेज खंगाल रही है, जबकि बाहर चार पुलिस कर्मचारी तैनात हैं, जो किसी को अंदर नहीं जाने दे रहे हैं और न ही बाहर आने दे रहे हैं। आयकर विभाग के सूत्रों का दावा है कि अभी जांच दो दिन और चल सकती है। रेड को लेकर मंडी के कोई भी व्यापारी मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं। कई व्यापारी को अपने सटर डाउन करके यहां से खिसक लिये हैं। वहीं कुछ लगातार टीम के बारे में अपडेट ले रहे हैं कि वे गए या अभी यहीं पर हैं। एक तरह से मंडी में सन्नाटा छाया हुआ है।
जांच के कई पहलू, कब से चल रहा था खेल
यह मामला केवल आयकर चोरी का नहीं है, बल्कि जांच का अहम पहलू यह है कि आखिर धोखाधड़ी का यह खेल कितने साल से चल रहा था? प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि दुकान पर पिछले दो साल के चावल खरीद फरोख्त के दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा, टीम दुकान पर रखे गए कंम्पयूटर, लैपटाप व अन्य कागजों से यह टेली करने में जुटी है कि आखिर यह खेल कितने साल से जारी था? आयकर विभाग के अधिकारी बताते हैं कि इस मामले की तह तक जाने के लिए राइस मिलर्स व दिल्ली की फर्मों के नाम पर खोले गए बैंक खातों की जांच के बाद ही इसका खुलासा हो सकेगा। इस बारे में सहायक आयकर आयुक्त करनाल वंदना मोहिते का कहना है कि मामले की तफ्तीश जारी है। विभाग द्वारा इस मामले में सेल्सटेक्स विभाग से भी तालमेल किया जा रहा है और जो भी कानूनी कार्रवाई होगी, वो की जाएगी। अभी तक कितने राइस मिलर्स के नाम हैं, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। यह संब जांच का हिस्सा है।
चावल का हब है करनाल
बता दें कि करनाल चावल का हब है। जिलेभर में करीब 250 से ज्यादा राइस मिल हैं, जहां पर चावल का कारोबार किया जाता है। तरावड़ी के बासमती चावल की महक देश की नहीं बल्कि दुनियाभर के देशों में फैली हुई है। अनुमान है कि अकेले करनाल से हर साल अरबों रुपये का चावल विदेशों में भेजा जाता है। हरियाणा के आंकड़ों की बात करें तो हरियाणा का आधे से ज्यादा चावल करनाल से एक्सपोर्ट होता है। प्रति साल अकेले करनाल में 1.72 लाख हेक्टेयर में धान की बिजाई की जाती है। ज्यादातर बासमती चावल के लिए करनाल को जाना जाता है।