न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Updated Sun, 17 Nov 2019 10:26 PM IST
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने रविवार को कहा कि अयोध्या मामले पर मुस्लिम समुदाय को सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वीकार करना चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि महात्मा गांधी ने सोमनाथ मंदिर मामले में इसी तरह की अपील की थी। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की बात कही है।
परांडे ने कहा कि महात्मा गांधी ने मुस्लिमों से सोमनाथ मंदिर (जिसे कई शताब्दी पहले ध्वस्त कर दिया गया था) के पुनर्निर्माण के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार के फैसले को स्वीकार करने का अनुरोध किया था।
उन्होंने कहा कि गांधी ने कहा था कि मुस्लिमों को निर्णय स्वीकार करना चाहिए अन्यथा गलत संदेश जाएगा कि उनका लगाव मंदिर के विध्वंसकों के साथ है। उन्होंने दावा किया कि गांधी ने अपने अखबार ‘हरिजन’ में यह राय व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वसम्मति से आया है, इसलिए इसमें पुनर्विचार याचिका की कोई जरूरत नहीं है।
इस बीच विहिप के वरिष्ठ नेता मिलिंद परांडे ने रविवार को कहा कि राम मंदिर के लिए नक्शा और 60 फीसदी निर्माण सामग्री तैयार है। उन्होंने कहा कि विवादित जमीन रामलला को सौंप दी गई है और दूसरी बुनयादी चीजों का हम ख्याल रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र अगर व्यवस्था बनाए तो हिंदू समाज तुरंत राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कर सकता है।
अयोध्या की तरह ही काशी और मथुरा के लिए मुहिम चलाने के सवाल पर परांडे ने कहा कि हम सामाजिक सुधार संबंधी बहुत से काम कर रहे हैं। अभी हमारे पास वक्त नहीं है। इसलिए हम काशी और मथुरा मामले में अभी शामिल नहीं होने जा रहे हैं। अभी हमारा सारा ध्यान अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण पर है।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने रविवार को कहा कि अयोध्या मामले पर मुस्लिम समुदाय को सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वीकार करना चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि महात्मा गांधी ने सोमनाथ मंदिर मामले में इसी तरह की अपील की थी। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की बात कही है।
परांडे ने कहा कि महात्मा गांधी ने मुस्लिमों से सोमनाथ मंदिर (जिसे कई शताब्दी पहले ध्वस्त कर दिया गया था) के पुनर्निर्माण के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार के फैसले को स्वीकार करने का अनुरोध किया था।
उन्होंने कहा कि गांधी ने कहा था कि मुस्लिमों को निर्णय स्वीकार करना चाहिए अन्यथा गलत संदेश जाएगा कि उनका लगाव मंदिर के विध्वंसकों के साथ है। उन्होंने दावा किया कि गांधी ने अपने अखबार ‘हरिजन’ में यह राय व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वसम्मति से आया है, इसलिए इसमें पुनर्विचार याचिका की कोई जरूरत नहीं है।
इस बीच विहिप के वरिष्ठ नेता मिलिंद परांडे ने रविवार को कहा कि राम मंदिर के लिए नक्शा और 60 फीसदी निर्माण सामग्री तैयार है। उन्होंने कहा कि विवादित जमीन रामलला को सौंप दी गई है और दूसरी बुनयादी चीजों का हम ख्याल रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र अगर व्यवस्था बनाए तो हिंदू समाज तुरंत राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कर सकता है।
अयोध्या की तरह ही काशी और मथुरा के लिए मुहिम चलाने के सवाल पर परांडे ने कहा कि हम सामाजिक सुधार संबंधी बहुत से काम कर रहे हैं। अभी हमारे पास वक्त नहीं है। इसलिए हम काशी और मथुरा मामले में अभी शामिल नहीं होने जा रहे हैं। अभी हमारा सारा ध्यान अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण पर है।