शशिधर पाठक, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 04 Sep 2020 03:09 PM IST
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सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने भी माना है कि भारत-चीन सीमा पर हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। चीन ने जहां अपनी आक्रमकता बढ़ा दी है, वहीं मास्को से अच्छी खबर आ रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू से हुई। दोनों नेताओं के बीच में करीब एक घंटे तक वार्ता हुई। इस दौरान खबर आ रही है कि रूस दोनों देशों भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात के साथ दोनों के बीच मधुर रिश्तों का भी पक्षधर है।
हालांकि अभी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंग के बीच में बातचीत का कार्यक्रम अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि मास्को से दिल्ली रवाना के पहले यह भेंट हो सकती है। विदेश मंत्री एस जयशंकर का भी मानना है कि भारत और चीन के बीच में लद्दाख में चल रहे तनाव का रास्ता कूटनीतिक प्रयासों से ही निकलेगा। ऐसे में उम्मीद है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मास्को से अच्छा संदेश लेकर आ सकते हैं।
10 सितंबर को जाएंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर का 10 सितंबर को मास्को दौरा प्रस्तावित है। विदेश मंत्री वहां शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने जाएंगे। रूस के विदेश मंत्री सर्गे लावरोव भी चाहते हैं कि विदेश मंत्री एस जयशंकर मास्को में एससीओ की बैठक में हिस्सा लें। पहले विदेश मंत्री की तरफ से चीन के साथ लद्दाख में चल रहे तनाव के मद्देनजर संकोच किया जा रहा था।
जून महीने में वर्चुअल मीटिंग के दौरान भी भारत ने चीन के साथ संबंधों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की थी। जून में भी रूस ने दोनों देशों (भारत-चीन) के बीच में व्यवहारिक रिश्ते पर जोर दिया था। समझा जा रहा है कि 10 सितंबर को एस जयशंकर के रूस दौरे के दौरान राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बेहद विश्वस्त मंत्रियों में एक विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भेंट होगी।
सर्गेई लावरोव चीन के विदेश मंत्री वांग यी के लगातार संपर्क में हैं। इस दौरान एस जयशंकर और वांग यी के बीच में भेंट की उम्मीद की जा रही है। इस भेंट को लेकर सभी की उम्मीदें भारत-चीन के बीच में जारी सैन्य तनाव के खत्म होने पर टिकी हैं।
घिरता जा रहा है कि चीन?
चीन के सामने आगे कुआं, पीछे खाई जैसी स्थिति पैदा होती जा रही है। एक तरफ भारत के साथ लद्दाख में युद्ध जैसे हालात का खतरा बना हुआ है तो दूसरी तरफ अन्य पड़ोसी देशों ने भी चीन से अपनी चिंताओं को लेकर आवाज उठाना शुरू किया है। ताइवान द्वारा दक्षिण सागर में चीन के फाइटर जेट सुखोई-35एस को मार गिराने की खबरें आ रही है।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी चीन पर पड़ोसियों को धमकाने-डराने का आरोप लगाया है। कनाडा, आस्ट्रेलिया ने भी चीन को आक्रामक नीतियों से बचने की सलाह दी है। राजनयिक सूत्र बताते हैं कि चीन जितना भारत को घेरने की कोशिश की है, उससे कहीं ज्यादा वह तमाम मोर्चे पर घिरता जा रहा है। ऐसे में भारत से उसके लिए चुनौती देना बहुत आसान नहीं रहने वाला है।
सार
- 10 सितंबर को विदेश मंत्री एस जयशंकर भी जाएंगे मास्को
- चीन के रक्षा मंत्री वेई पेंग बन रहे राजनाथ सिंह की वार्ता के आसार
विस्तार
सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने भी माना है कि भारत-चीन सीमा पर हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। चीन ने जहां अपनी आक्रमकता बढ़ा दी है, वहीं मास्को से अच्छी खबर आ रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू से हुई। दोनों नेताओं के बीच में करीब एक घंटे तक वार्ता हुई। इस दौरान खबर आ रही है कि रूस दोनों देशों भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात के साथ दोनों के बीच मधुर रिश्तों का भी पक्षधर है।
हालांकि अभी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंग के बीच में बातचीत का कार्यक्रम अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि मास्को से दिल्ली रवाना के पहले यह भेंट हो सकती है। विदेश मंत्री एस जयशंकर का भी मानना है कि भारत और चीन के बीच में लद्दाख में चल रहे तनाव का रास्ता कूटनीतिक प्रयासों से ही निकलेगा। ऐसे में उम्मीद है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मास्को से अच्छा संदेश लेकर आ सकते हैं।
10 सितंबर को जाएंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर का 10 सितंबर को मास्को दौरा प्रस्तावित है। विदेश मंत्री वहां शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने जाएंगे। रूस के विदेश मंत्री सर्गे लावरोव भी चाहते हैं कि विदेश मंत्री एस जयशंकर मास्को में एससीओ की बैठक में हिस्सा लें। पहले विदेश मंत्री की तरफ से चीन के साथ लद्दाख में चल रहे तनाव के मद्देनजर संकोच किया जा रहा था।
जून महीने में वर्चुअल मीटिंग के दौरान भी भारत ने चीन के साथ संबंधों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की थी। जून में भी रूस ने दोनों देशों (भारत-चीन) के बीच में व्यवहारिक रिश्ते पर जोर दिया था। समझा जा रहा है कि 10 सितंबर को एस जयशंकर के रूस दौरे के दौरान राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बेहद विश्वस्त मंत्रियों में एक विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भेंट होगी।
सर्गेई लावरोव चीन के विदेश मंत्री वांग यी के लगातार संपर्क में हैं। इस दौरान एस जयशंकर और वांग यी के बीच में भेंट की उम्मीद की जा रही है। इस भेंट को लेकर सभी की उम्मीदें भारत-चीन के बीच में जारी सैन्य तनाव के खत्म होने पर टिकी हैं।
घिरता जा रहा है कि चीन?
चीन के सामने आगे कुआं, पीछे खाई जैसी स्थिति पैदा होती जा रही है। एक तरफ भारत के साथ लद्दाख में युद्ध जैसे हालात का खतरा बना हुआ है तो दूसरी तरफ अन्य पड़ोसी देशों ने भी चीन से अपनी चिंताओं को लेकर आवाज उठाना शुरू किया है। ताइवान द्वारा दक्षिण सागर में चीन के फाइटर जेट सुखोई-35एस को मार गिराने की खबरें आ रही है।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी चीन पर पड़ोसियों को धमकाने-डराने का आरोप लगाया है। कनाडा, आस्ट्रेलिया ने भी चीन को आक्रामक नीतियों से बचने की सलाह दी है। राजनयिक सूत्र बताते हैं कि चीन जितना भारत को घेरने की कोशिश की है, उससे कहीं ज्यादा वह तमाम मोर्चे पर घिरता जा रहा है। ऐसे में भारत से उसके लिए चुनौती देना बहुत आसान नहीं रहने वाला है।