कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कहा कि कांग्रेस के नेता आम लोगों से पूरी तरह से कटे हुए हैं और पार्टी में ‘पांच सितारा संस्कृति’ घर कर गई है। उन्होंने संगठनात्मक ढांचे में आमूल चूल परिवर्तन का आह्वान किया।
बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उनका यह बयान सामने आया है। इस चुनाव में पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से वह केवल 19 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई।
आजाद ने कहा कि ब्लॉक से लेकर जिला और राज्य स्तर तक चुनाव कराकर पार्टी के ढांचे में आमूल-चूल परिवर्तन की तत्काल जरूरत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को कम से कम चुनावों के दौरान पांच सितारा संस्कृति को छोड़ देना चाहिए। आजाद ने कहा कि वे ‘सुधारवादी के रूप में मुद्दे उठा रहे हैं, न कि विद्रोही के रूप में।’
कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल गुलाम नबी आजाद ने एक साक्षात्कार में कहा कि 'वे पार्टी के भीतर पत्र लिखकर कहा था कि यदि पार्टी की विचारधारा कमजोर हो रही है तो जागरूकता पैदा करें।' उन्होंने कहा कि 'केवल कांग्रेस की ही विचारधारा है जो राष्ट्र को एकजुट रखेगी।'
आजाद ने कहा कि 'इस विशाल और विविधता से भरे देश में, कांग्रेस की विचारधारा जो गांधी, नेहरू, सरदार पटेल और मौलाना आजाद की विचारधारा है, राष्ट्र को एकजुट रखेगी। कांग्रेस की विचारधारा देश को एकजुट रख सकती है क्योंकि यह धर्म, जाति और वर्ग के आधार पर भेदभाव नहीं करती है। हमारे लिए सभी समान हैं।'
सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि 'जब हम कांग्रेस के भीतर लिखते हैं, तो हम उन्हें इस बात से अवगत कराते हैं कि हमारी विचारधारा कमजोर हो रही है।' उनके द्वारा लिखे गए पत्र में, 23 नेताओं ने पूर्णकालिक और प्रभावी नेतृत्व और कांग्रेस कार्य समिति के चुनाव का आह्वान किया था। बिहार विधानसभा चुनावों और 11 राज्यों में उपचुनावों में अपने निराशाजनक प्रदर्शन के मद्देनजर पार्टी द्वारा ठोस कार्रवाई के लिए फिर से नए सिरे से कॉल किए गए हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि 'हम उन्हें इस बात से अवगत कराना चाहते हैं कि इस विचारधारा को चलाने वाली मशीन के वे हिस्से जो जंग खाए हुए हैं या ढीले हो रहे हैं। जहां पर जंग लगी है, उन्हें बदलने का समय आ गया है और जहां वे ढीले हैं, उन्हें कस लें।'
आजाद ने कहा कि 'हम तो एक मैकेनिक की तरह काम करते हैं जो ड्राइवर से कहता है कि उन भागों को हटा दें जो जंग खा चुके हैं। हम ड्राइवर को छोड़ने और खुद को ड्राइव करने देने के लिए नहीं कह रहे हैं।'
पार्टी के नेताओं को पांच सितारा संस्कृति को छोड़ देना चाहिए
उन्होंने कहा कि जिला, ब्लॉक और राज्य स्तर पर लोगों और कांग्रेस नेताओं के बीच बहुत बड़ा फासला है। जनता से पार्टी का जुड़ाव एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए, न कि केवल चुनाव के दौरान।’
उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस नेताओं को पांच सितारा संस्कृति को छोड़ देना चाहिए। कम से कम चुनावों के दौरान उन्हें इस संस्कृति से बचना चाहिए और क्षेत्र में लोगों के बीच रहना चाहिए।’
बिहार चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद पहली बार बात करते हुए आजाद ने कहा कि नेताओं को राज्य के नेताओं के साथ राज्य का दौरा करना चाहिए और न कि केवल पांच सितारा होटलों में रहना चाहिए और वापस लौटना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ‘प्रत्येक नेता को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र का ज्ञान होना चाहिए। केवल दिल्ली से जाना और पांच सितारा होटलों में रहना और दो-तीन दिन बाद दिल्ली लौटना पैसे की बर्बादी के अलावा और कुछ नहीं है।’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस की राज्य, जिला और ब्लॉक इकाइयों में सभी पदों के लिए चुनाव कराने की वकालत की। उन्होंने कहा कि ‘हमें पीसीसी, डीसीसी और बीसीसी को निर्वाचित करना चाहिए, और इस संबंध में पार्टी के लिए एक कार्यक्रम बहुत जरूरी है।’
आजाद ने कहा कि वह कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ पार्टी के हित में इन मुद्दों को उठा रहे है। उन्होंने कहा, ‘हम सुधारवादी हैं, विद्रोही नहीं। हम नेतृत्व के खिलाफ नहीं हैं। बल्कि, हम सुधारों का प्रस्ताव देकर नेतृत्व के हाथ मजबूत कर रहे हैं।’
आजाद ने चुनाव में हार के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को जिम्मेदार नहीं ठहराया बल्कि नेताओं और लोगों के बीच संपर्क नहीं होने की बात कही। आजाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने प्रमुख पदों पर चुनावों और पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की मांग को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अगस्त में पत्र लिखा था।
कांग्रेस पार्टी में कोई विद्रोह नहीं
कांग्रेस पार्टी में कोई विद्रोह नहीं है। विद्रोह का अर्थ है किसी को प्रतिस्थापित करना। पार्टी अध्यक्ष पद के लिए कोई अन्य उम्मीदवार नहीं है। यह कोई विद्रोह नहीं है। हमारी आवाज सुधारों के लिए है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कहा कि कांग्रेस के नेता आम लोगों से पूरी तरह से कटे हुए हैं और पार्टी में ‘पांच सितारा संस्कृति’ घर कर गई है। उन्होंने संगठनात्मक ढांचे में आमूल चूल परिवर्तन का आह्वान किया।
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बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उनका यह बयान सामने आया है। इस चुनाव में पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से वह केवल 19 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई।
आजाद ने कहा कि ब्लॉक से लेकर जिला और राज्य स्तर तक चुनाव कराकर पार्टी के ढांचे में आमूल-चूल परिवर्तन की तत्काल जरूरत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को कम से कम चुनावों के दौरान पांच सितारा संस्कृति को छोड़ देना चाहिए। आजाद ने कहा कि वे ‘सुधारवादी के रूप में मुद्दे उठा रहे हैं, न कि विद्रोही के रूप में।’
कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल गुलाम नबी आजाद ने एक साक्षात्कार में कहा कि 'वे पार्टी के भीतर पत्र लिखकर कहा था कि यदि पार्टी की विचारधारा कमजोर हो रही है तो जागरूकता पैदा करें।' उन्होंने कहा कि 'केवल कांग्रेस की ही विचारधारा है जो राष्ट्र को एकजुट रखेगी।'
आजाद ने कहा कि 'इस विशाल और विविधता से भरे देश में, कांग्रेस की विचारधारा जो गांधी, नेहरू, सरदार पटेल और मौलाना आजाद की विचारधारा है, राष्ट्र को एकजुट रखेगी। कांग्रेस की विचारधारा देश को एकजुट रख सकती है क्योंकि यह धर्म, जाति और वर्ग के आधार पर भेदभाव नहीं करती है। हमारे लिए सभी समान हैं।'
सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि 'जब हम कांग्रेस के भीतर लिखते हैं, तो हम उन्हें इस बात से अवगत कराते हैं कि हमारी विचारधारा कमजोर हो रही है।' उनके द्वारा लिखे गए पत्र में, 23 नेताओं ने पूर्णकालिक और प्रभावी नेतृत्व और कांग्रेस कार्य समिति के चुनाव का आह्वान किया था। बिहार विधानसभा चुनावों और 11 राज्यों में उपचुनावों में अपने निराशाजनक प्रदर्शन के मद्देनजर पार्टी द्वारा ठोस कार्रवाई के लिए फिर से नए सिरे से कॉल किए गए हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि 'हम उन्हें इस बात से अवगत कराना चाहते हैं कि इस विचारधारा को चलाने वाली मशीन के वे हिस्से जो जंग खाए हुए हैं या ढीले हो रहे हैं। जहां पर जंग लगी है, उन्हें बदलने का समय आ गया है और जहां वे ढीले हैं, उन्हें कस लें।'
आजाद ने कहा कि 'हम तो एक मैकेनिक की तरह काम करते हैं जो ड्राइवर से कहता है कि उन भागों को हटा दें जो जंग खा चुके हैं। हम ड्राइवर को छोड़ने और खुद को ड्राइव करने देने के लिए नहीं कह रहे हैं।'
पार्टी के नेताओं को पांच सितारा संस्कृति को छोड़ देना चाहिए
उन्होंने कहा कि जिला, ब्लॉक और राज्य स्तर पर लोगों और कांग्रेस नेताओं के बीच बहुत बड़ा फासला है। जनता से पार्टी का जुड़ाव एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए, न कि केवल चुनाव के दौरान।’
उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस नेताओं को पांच सितारा संस्कृति को छोड़ देना चाहिए। कम से कम चुनावों के दौरान उन्हें इस संस्कृति से बचना चाहिए और क्षेत्र में लोगों के बीच रहना चाहिए।’
बिहार चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद पहली बार बात करते हुए आजाद ने कहा कि नेताओं को राज्य के नेताओं के साथ राज्य का दौरा करना चाहिए और न कि केवल पांच सितारा होटलों में रहना चाहिए और वापस लौटना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ‘प्रत्येक नेता को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र का ज्ञान होना चाहिए। केवल दिल्ली से जाना और पांच सितारा होटलों में रहना और दो-तीन दिन बाद दिल्ली लौटना पैसे की बर्बादी के अलावा और कुछ नहीं है।’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस की राज्य, जिला और ब्लॉक इकाइयों में सभी पदों के लिए चुनाव कराने की वकालत की। उन्होंने कहा कि ‘हमें पीसीसी, डीसीसी और बीसीसी को निर्वाचित करना चाहिए, और इस संबंध में पार्टी के लिए एक कार्यक्रम बहुत जरूरी है।’
आजाद ने कहा कि वह कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ पार्टी के हित में इन मुद्दों को उठा रहे है। उन्होंने कहा, ‘हम सुधारवादी हैं, विद्रोही नहीं। हम नेतृत्व के खिलाफ नहीं हैं। बल्कि, हम सुधारों का प्रस्ताव देकर नेतृत्व के हाथ मजबूत कर रहे हैं।’
आजाद ने चुनाव में हार के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को जिम्मेदार नहीं ठहराया बल्कि नेताओं और लोगों के बीच संपर्क नहीं होने की बात कही। आजाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने प्रमुख पदों पर चुनावों और पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की मांग को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अगस्त में पत्र लिखा था।
कांग्रेस पार्टी में कोई विद्रोह नहीं
कांग्रेस पार्टी में कोई विद्रोह नहीं है। विद्रोह का अर्थ है किसी को प्रतिस्थापित करना। पार्टी अध्यक्ष पद के लिए कोई अन्य उम्मीदवार नहीं है। यह कोई विद्रोह नहीं है। हमारी आवाज सुधारों के लिए है।
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