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भारत ने रविवार को इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) को जम्मू-कश्मीर का तथ्यात्मक गलत व अवांछित संदर्भ देने के लिए आड़े हाथ लिया।
साथ ही ओआईसी को ताकीद की कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और भविष्य में दोबारा उसका गलत संदर्भ देने से संगठन को बचना चाहिए। बता दें कि करीब 50 मुस्लिम देशों की सदस्यता वाले ओआईसी को संयुक्त राष्ट्र संघ के बाद दूसरा सबसे बड़ा संगठन माना जाता है।
भारत ने रविवार को एक कठोर बयान जारी करते हुए ओआईसी को भविष्य में इस मुद्दे से दूर रहने की सलाह दी। भारत ने स्पष्ट तौर पर पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा, यह दुखद है कि ओआईसी धार्मिक असहिष्णुता, कट्टरवाद और अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न में घृणित रिकॉर्ड रखने वाले देश को लगातार अपना दुरुपयोग करने की अनुमति दे रहा है।
दरअसल ओआईसी ने नाइजर में आयोजित अपनी विदेश मंत्री परिषद (सीएफएम) के 47वें सत्र के दौरान जम्मू-कश्मीर की राजनीति को लेकर भारत का हवाला दिया था।
विदेश मंत्रालय ने कहा, हम मजबूती से नियामे में आयोजित ओआईसी बैठक में पेश घोषणापत्र में भारत को लेकर तथ्यात्मक गलत और अवांछित जानकारियां देने की निंदा करते हैं। जम्मू-कश्मीर भारत का अखंड व अविभाज्य हिस्सा है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, हम हमेशा इस बात पर कायम रहे हैं कि ओआईसी का भारत की आंतरिक स्थिति से जुड़े मामलों में बोलने का कोई अधिकार नहीं है।
भारत ने रविवार को इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) को जम्मू-कश्मीर का तथ्यात्मक गलत व अवांछित संदर्भ देने के लिए आड़े हाथ लिया।
साथ ही ओआईसी को ताकीद की कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और भविष्य में दोबारा उसका गलत संदर्भ देने से संगठन को बचना चाहिए। बता दें कि करीब 50 मुस्लिम देशों की सदस्यता वाले ओआईसी को संयुक्त राष्ट्र संघ के बाद दूसरा सबसे बड़ा संगठन माना जाता है।
भारत ने रविवार को एक कठोर बयान जारी करते हुए ओआईसी को भविष्य में इस मुद्दे से दूर रहने की सलाह दी। भारत ने स्पष्ट तौर पर पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा, यह दुखद है कि ओआईसी धार्मिक असहिष्णुता, कट्टरवाद और अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न में घृणित रिकॉर्ड रखने वाले देश को लगातार अपना दुरुपयोग करने की अनुमति दे रहा है।
दरअसल ओआईसी ने नाइजर में आयोजित अपनी विदेश मंत्री परिषद (सीएफएम) के 47वें सत्र के दौरान जम्मू-कश्मीर की राजनीति को लेकर भारत का हवाला दिया था।
विदेश मंत्रालय ने कहा, हम मजबूती से नियामे में आयोजित ओआईसी बैठक में पेश घोषणापत्र में भारत को लेकर तथ्यात्मक गलत और अवांछित जानकारियां देने की निंदा करते हैं। जम्मू-कश्मीर भारत का अखंड व अविभाज्य हिस्सा है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, हम हमेशा इस बात पर कायम रहे हैं कि ओआईसी का भारत की आंतरिक स्थिति से जुड़े मामलों में बोलने का कोई अधिकार नहीं है।