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भारत किसी भी मामले में दुनिया के अन्य देशों से पीछे नहीं है। चाहे फिर बात रोबोट की ही क्यों न करें। ऐसे ही एक रोबोट कॉप- केपी बॉट का केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने मंगलवार को उद्धाटन किया। यह देश का पहला ह्यूमनॉइड रोबॉट कॉप है। केपी बॉट नाम का ये रोबोट केरल पुलिस मुख्यालय के बाहर ड्यूटी देगा।
इसे सब इंस्पेक्टर की रैंक दी गई है। यह दुनिया का चौथा रोबोट है। इसका मुख्य काम डाटा कलेक्ट करना और परफॉर्मेंस बेहतर करना होगा। यह रोबोट पुलिसकर्मी का ह्यूमनॉइड वर्जन है। लेकिन ये किसी पुलिसकर्मी की जगह नहीं लेगा। यह पुलिस मुख्यालय में आने वाले लोगों का स्वागत करेगा और उन्हें रास्ते बताएगा।
इसे एक तरह से कॉन्टैक्ट पॉइंट के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि "पुलीसिंग में तकनीक शामिल करने के मामले में भारतीय राज्यों का नेतृत्व कर रही केरल पुलिस ह्यूमनॉइड रोबॉट को लाकर इतिहास बनाएगी।"
डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस लोकनाथ बेहरा का कहना है कि रोबो कॉप वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की पहचान करने में सक्षम होगा और उन्हें सलाम करेगा। वह आगंतुकों की जानकारी तो लेगा ही साथ ही उनकी शिकायतें भी रिकॉर्ड करेगा। ऐसी योजना है कि इसे अपडेट भी कियी जाएगा, जिसमें और भी अधिक फीचर्स शामिल होंगे। जैसे फेस रिकॉग्निशन और विस्फोटकों का पता लगाना।
बीते साल राज्य के पुलिस चीफ ने कोकून साइबर कांफ्रेंस में ये घोषणा की थी कि पुलिस फोर्स में रोबोट्स को जल्द ही शामिल किया जाएगा। इस घोषणा के बाद प्रोजेक्ट राज्य पुलिस साइबरडोम द्वारा जारी किया गया। इसमें कोच्चि स्थित स्टार्टअप कंपनी ने काम किया है। देश के पहले रोबोट के लिंग पर फैसला करने से पहले लिंग समानता और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर ध्यान दिया गया था।
पुलिस को इस रोबोट से काफी सहायता मिलेगी। साथ ही ये देश के बढ़ते तकनीकी विकास को भी प्रदर्शित करेगा।
भारत किसी भी मामले में दुनिया के अन्य देशों से पीछे नहीं है। चाहे फिर बात रोबोट की ही क्यों न करें। ऐसे ही एक रोबोट कॉप- केपी बॉट का केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने मंगलवार को उद्धाटन किया। यह देश का पहला ह्यूमनॉइड रोबॉट कॉप है। केपी बॉट नाम का ये रोबोट केरल पुलिस मुख्यालय के बाहर ड्यूटी देगा।
इसे सब इंस्पेक्टर की रैंक दी गई है। यह दुनिया का चौथा रोबोट है। इसका मुख्य काम डाटा कलेक्ट करना और परफॉर्मेंस बेहतर करना होगा। यह रोबोट पुलिसकर्मी का ह्यूमनॉइड वर्जन है। लेकिन ये किसी पुलिसकर्मी की जगह नहीं लेगा। यह पुलिस मुख्यालय में आने वाले लोगों का स्वागत करेगा और उन्हें रास्ते बताएगा।
इसे एक तरह से कॉन्टैक्ट पॉइंट के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि "पुलीसिंग में तकनीक शामिल करने के मामले में भारतीय राज्यों का नेतृत्व कर रही केरल पुलिस ह्यूमनॉइड रोबॉट को लाकर इतिहास बनाएगी।"
डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस लोकनाथ बेहरा का कहना है कि रोबो कॉप वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की पहचान करने में सक्षम होगा और उन्हें सलाम करेगा। वह आगंतुकों की जानकारी तो लेगा ही साथ ही उनकी शिकायतें भी रिकॉर्ड करेगा। ऐसी योजना है कि इसे अपडेट भी कियी जाएगा, जिसमें और भी अधिक फीचर्स शामिल होंगे। जैसे फेस रिकॉग्निशन और विस्फोटकों का पता लगाना।
बीते साल राज्य के पुलिस चीफ ने कोकून साइबर कांफ्रेंस में ये घोषणा की थी कि पुलिस फोर्स में रोबोट्स को जल्द ही शामिल किया जाएगा। इस घोषणा के बाद प्रोजेक्ट राज्य पुलिस साइबरडोम द्वारा जारी किया गया। इसमें कोच्चि स्थित स्टार्टअप कंपनी ने काम किया है। देश के पहले रोबोट के लिंग पर फैसला करने से पहले लिंग समानता और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर ध्यान दिया गया था।
पुलिस को इस रोबोट से काफी सहायता मिलेगी। साथ ही ये देश के बढ़ते तकनीकी विकास को भी प्रदर्शित करेगा।