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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च की पृष्ठभूमि में को दावा किया कि केंद्र सरकार की 'क्रूरता' के खिलाफ देश के सभी किसान डटकर खड़े हैं। उन्होंने दिल्ली पहुंचने का प्रयास कर रहे किसानों पर पानी की बौछार करने से जुड़ा एक वीडियो ट्विटर पर साझा कर सरकार पर निशाना साधा।
कांग्रेस नेता ने एक कविता ट्वीट किया, 'नहीं हुआ है अभी सवेरा, पूरब की लाली पहचान, चिड़ियों के जगने से पहले खाट छोड़ उठ गया किसान, काले कानूनों के बादल गरज रहे गड़-गड़, अन्याय की बिजली चमकती चम-चम, मूसलाधार बरसता पानी, ज़रा ना रुकता लेता दम...!' राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘मोदी सरकार की क्रूरता के ख़िलाफ़ देश का किसान डटकर खड़ा है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने किसानों पर पानी की बौछार किए जाने का एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘किसानों से समर्थन मूल्य छीनने वाले कानून का विरोध कर रहे किसान की आवाज सुनने की बजाय भाजपा सरकार उन पर भारी ठंड में पानी की बौछार करती है। किसानों से सबकुछ छीना जा रहा है और पूंजीपतियों को थाल में सजा कर बैंक, कर्जमाफी, एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन बांटे जा रहे हैं।’
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘भीषण ठंड के बीच अपनी जायज मांगों को लेकर गांधीवादी तरीके से दिल्ली आ रहे किसानों को जबरन रोकना, पानी की तेज बौछार मारना और आंसू गैस के गोले छोड़ना मोदी-खट्टर सरकार की तानाशाही का जीवंत प्रमाण है।’ उन्होंने कहा, ‘काले कानूनों के विरोध को लेकर हमारा पूर्ण समर्थन किसानों के साथ है।’
सुरजेवाला ने कहा, ‘आज देश का मजदूर हड़ताल पर है, आज देश के बैंक कर्मी हड़ताल पर हैं, आज देश का अन्नदाता किसान हड़ताल पर है, आज देश का बेरोजजगार युवा हड़ताल पर है, पर..क्या मोदी सरकार को देशवासियों की परवाह है? क्या ये राष्ट्रसेवा है या राष्ट्र हितों का विरोध? देश फैसला करे!’
उन्होंने सवाल किया, ‘मोदी जी, दिल्ली दरबार को देश के अन्नदाताओं से खतरा कब से हो गया? किसानों को रोकने के लिए उन्हीं के बेटे, यानी सेना के जवान खड़े कर दिए। काश, इतनी चौकसी चीन सीमा पर की होती तो चीन देश की सरज़मीं पर घुसपैठ करने का दुस्साहस नही करता। आपकी प्राथमिकताएं सदा गलत ही क्यों होती हैं?’
सुरजेवाला ने कहा कि इन कानूनों को वापस लिया जाए और किसानों को न्यूतनम समर्थन मूल्य दिया जाए, अन्यथा देश के किसान केंद्र और हरियाणा की सरकारों का ‘तख्तापलट’ कर देंगे।
पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने आरोप लगाया कि किसानों के खिलाफ भाजपा की सरकार ने जिस तरह का बलप्रयोग किया है वो आजाद भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ और अन्नदाताओं को दिल्ली आने से रोकना असंवैधानिक कृत्य है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘पिछले 14 वर्षों में कृषि आय में सबसे कम वृद्धि 2018-19 में हुई। फिर ये सरकार किस मुंह से कहती है कि 2022 में किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी?’
वल्लभ ने कहा, ‘मैं सरकार से अनुरोध करूंगा कि किसानों को देश की राजधानी में आने दिया जाए। जिस तरह से संसद में कृषि कानूनों को पारित कराने का तरीका असंवैधानिक था उसी तरह किसान को दिल्ली आने से रोकना असंवैधानिक है।’
उल्लेखनीय है कि पंजाब के बहुत सारे किसान केंद्र के कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो मार्च’ के तहत राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने की कोशिश में हैं। इसको देखते हुए हरियाणा ने पंजाब से लगी अपनी सभी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया था। कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारी किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने पानी की बौछार और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च की पृष्ठभूमि में को दावा किया कि केंद्र सरकार की 'क्रूरता' के खिलाफ देश के सभी किसान डटकर खड़े हैं। उन्होंने दिल्ली पहुंचने का प्रयास कर रहे किसानों पर पानी की बौछार करने से जुड़ा एक वीडियो ट्विटर पर साझा कर सरकार पर निशाना साधा।
कांग्रेस नेता ने एक कविता ट्वीट किया, 'नहीं हुआ है अभी सवेरा, पूरब की लाली पहचान, चिड़ियों के जगने से पहले खाट छोड़ उठ गया किसान, काले कानूनों के बादल गरज रहे गड़-गड़, अन्याय की बिजली चमकती चम-चम, मूसलाधार बरसता पानी, ज़रा ना रुकता लेता दम...!' राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘मोदी सरकार की क्रूरता के ख़िलाफ़ देश का किसान डटकर खड़ा है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने किसानों पर पानी की बौछार किए जाने का एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘किसानों से समर्थन मूल्य छीनने वाले कानून का विरोध कर रहे किसान की आवाज सुनने की बजाय भाजपा सरकार उन पर भारी ठंड में पानी की बौछार करती है। किसानों से सबकुछ छीना जा रहा है और पूंजीपतियों को थाल में सजा कर बैंक, कर्जमाफी, एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन बांटे जा रहे हैं।’
मोदी-खट्टर सरकार की तानाशाही
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘भीषण ठंड के बीच अपनी जायज मांगों को लेकर गांधीवादी तरीके से दिल्ली आ रहे किसानों को जबरन रोकना, पानी की तेज बौछार मारना और आंसू गैस के गोले छोड़ना मोदी-खट्टर सरकार की तानाशाही का जीवंत प्रमाण है।’ उन्होंने कहा, ‘काले कानूनों के विरोध को लेकर हमारा पूर्ण समर्थन किसानों के साथ है।’
सुरजेवाला ने कहा, ‘आज देश का मजदूर हड़ताल पर है, आज देश के बैंक कर्मी हड़ताल पर हैं, आज देश का अन्नदाता किसान हड़ताल पर है, आज देश का बेरोजजगार युवा हड़ताल पर है, पर..क्या मोदी सरकार को देशवासियों की परवाह है? क्या ये राष्ट्रसेवा है या राष्ट्र हितों का विरोध? देश फैसला करे!’
उन्होंने सवाल किया, ‘मोदी जी, दिल्ली दरबार को देश के अन्नदाताओं से खतरा कब से हो गया? किसानों को रोकने के लिए उन्हीं के बेटे, यानी सेना के जवान खड़े कर दिए। काश, इतनी चौकसी चीन सीमा पर की होती तो चीन देश की सरज़मीं पर घुसपैठ करने का दुस्साहस नही करता। आपकी प्राथमिकताएं सदा गलत ही क्यों होती हैं?’
सुरजेवाला ने कहा कि इन कानूनों को वापस लिया जाए और किसानों को न्यूतनम समर्थन मूल्य दिया जाए, अन्यथा देश के किसान केंद्र और हरियाणा की सरकारों का ‘तख्तापलट’ कर देंगे।
किसान को दिल्ली आने से रोकना असंवैधानिक
पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने आरोप लगाया कि किसानों के खिलाफ भाजपा की सरकार ने जिस तरह का बलप्रयोग किया है वो आजाद भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ और अन्नदाताओं को दिल्ली आने से रोकना असंवैधानिक कृत्य है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘पिछले 14 वर्षों में कृषि आय में सबसे कम वृद्धि 2018-19 में हुई। फिर ये सरकार किस मुंह से कहती है कि 2022 में किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी?’
वल्लभ ने कहा, ‘मैं सरकार से अनुरोध करूंगा कि किसानों को देश की राजधानी में आने दिया जाए। जिस तरह से संसद में कृषि कानूनों को पारित कराने का तरीका असंवैधानिक था उसी तरह किसान को दिल्ली आने से रोकना असंवैधानिक है।’
उल्लेखनीय है कि पंजाब के बहुत सारे किसान केंद्र के कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो मार्च’ के तहत राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने की कोशिश में हैं। इसको देखते हुए हरियाणा ने पंजाब से लगी अपनी सभी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया था। कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारी किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने पानी की बौछार और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।