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संघ ने वैचारिक मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र पर लगातार हो रहे सियासी हमलों की काट निकाल ली है। संघ बौद्धिक योद्धाओं की फौज तैयार कर रहा है, जो पीएम की ढाल बनेंगे। वैसे संघ की इस कवायद को वैचारिक लड़ाई को अंतिम परिणाम तक ले जाने के रूप में भी देखा जा रहा है। संघ प्रमुख मोहन राव भागवत नागौर में संपन्न प्रतिनिधि सभा की बैठक में ही स्वयंसेवकों से कह चुके हैं कि वैचारिक लड़ाई में भी संघ की विजय होगी।
बताया जा रहा है कि नागौर बैठक के बाद से ही संघ का शीर्ष नेतृत्व बौद्धिक योद्धाओं की फौज तैयार करने में जुट गया था। मामले की कमान सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी, सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और कृष्ण गोपाल की देखरेख में अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे नंद कुमार के हाथों में है। इस खास मकसद से ही कुमार का केंद्र भोपाल से दिल्ली किया गया है।
लंबी कवायद के बाद लेखक, कवि, प्रोफेसर, सिने जगत, कला, साहित्य, संस्कृति, सोशल मीडिया, पत्रकार और थियेटर से जुड़े लोगों के 10 अलग-अलग कार्य समूहों का गठन किया गया है। इससे जुडे़ लोगों को बौद्धिक योद्धा की संज्ञा दी गई है। वैसे तो ये बौद्धिक योद्धा सार्वजनिक रूप से संघ या भाजपा के किसी मंच पर नहीं दिखेंगे मगर कोई मुद्दा या विषय सामने आने पर भगवा विचार को सामने रखेंगे।
सूत्र बताते हैं कि ऐसे कार्य समूह के गठन की कल्पना होसबोले के मन में पहले से थी, लेकिन परवान नहीं चढ़ पा रही थी।
केंद्र में बहुमत वाली भगवा सरकार आने के बाद अवार्ड वापसी के मुद्दे से पीएम मोदी पर शुरू हुए वैचारिक हमलों ने संघ रणनीतिकारों को सोचने पर मजबूर किया है। संघ के रणनीतिकार यह मान चुके हैं कि वाम और कांग्रेस के वैचारिक हमलों का जवाब महज रैली या प्रदर्शन के जरिये नहीं दिया जा सकता है।
इस कार्य समूह में से एक की बैठक शनिवार को पूसा में रखी गई है। इस अति गोपनीय बैठक में पत्रकारिता जगत से जुडे़ नामचीन लोगों के साथ होसबोले, गोपाल और कुमार बैठक करेंगे। कला क्षेत्र से जुडे़ लोगों की बैठक बृहस्पतिवार को हो चुकी है।
सार
- वैचारिक लड़ाई को अंत तक पहुंचाने के लिए संघ ने किया कार्य समूह का गठन
- लेखक, कवि, प्रोफेसर, सिने जगत, कला, साहित्य, संस्कृति, सोशल मीडिया, पत्रकार और थियेटर से जुड़े लोगों को दी गई है जगह
विस्तार
संघ ने वैचारिक मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र पर लगातार हो रहे सियासी हमलों की काट निकाल ली है। संघ बौद्धिक योद्धाओं की फौज तैयार कर रहा है, जो पीएम की ढाल बनेंगे। वैसे संघ की इस कवायद को वैचारिक लड़ाई को अंतिम परिणाम तक ले जाने के रूप में भी देखा जा रहा है। संघ प्रमुख मोहन राव भागवत नागौर में संपन्न प्रतिनिधि सभा की बैठक में ही स्वयंसेवकों से कह चुके हैं कि वैचारिक लड़ाई में भी संघ की विजय होगी।
बताया जा रहा है कि नागौर बैठक के बाद से ही संघ का शीर्ष नेतृत्व बौद्धिक योद्धाओं की फौज तैयार करने में जुट गया था। मामले की कमान सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी, सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और कृष्ण गोपाल की देखरेख में अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे नंद कुमार के हाथों में है। इस खास मकसद से ही कुमार का केंद्र भोपाल से दिल्ली किया गया है।
लंबी कवायद के बाद लेखक, कवि, प्रोफेसर, सिने जगत, कला, साहित्य, संस्कृति, सोशल मीडिया, पत्रकार और थियेटर से जुड़े लोगों के 10 अलग-अलग कार्य समूहों का गठन किया गया है। इससे जुडे़ लोगों को बौद्धिक योद्धा की संज्ञा दी गई है। वैसे तो ये बौद्धिक योद्धा सार्वजनिक रूप से संघ या भाजपा के किसी मंच पर नहीं दिखेंगे मगर कोई मुद्दा या विषय सामने आने पर भगवा विचार को सामने रखेंगे।
कार्य समूह के गठन की कल्पना पहले से थी
सूत्र बताते हैं कि ऐसे कार्य समूह के गठन की कल्पना होसबोले के मन में पहले से थी, लेकिन परवान नहीं चढ़ पा रही थी।
केंद्र में बहुमत वाली भगवा सरकार आने के बाद अवार्ड वापसी के मुद्दे से पीएम मोदी पर शुरू हुए वैचारिक हमलों ने संघ रणनीतिकारों को सोचने पर मजबूर किया है। संघ के रणनीतिकार यह मान चुके हैं कि वाम और कांग्रेस के वैचारिक हमलों का जवाब महज रैली या प्रदर्शन के जरिये नहीं दिया जा सकता है।
इस कार्य समूह में से एक की बैठक शनिवार को पूसा में रखी गई है। इस अति गोपनीय बैठक में पत्रकारिता जगत से जुडे़ नामचीन लोगों के साथ होसबोले, गोपाल और कुमार बैठक करेंगे। कला क्षेत्र से जुडे़ लोगों की बैठक बृहस्पतिवार को हो चुकी है।