केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को चीन-भारत गतिरोध पर कहा कि भारत शांति चाहता है, लेकिन अगर कोई बुरी नजर डालेगा तो हम मुंहतोड़ जवाब देंगे। प्रसाद ने पश्चिम बंगाल भाजपा की रैली में कहा, 'हमने देशवासियों के डाटा को सुरक्षित रखने के लिए चीनी एप प्रतिबंधित किए, यह एक डिजिटल हमला था।'
उन्होंने कहा, 'भारत की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए, देशवासियों की डिजिटल सुरक्षा और गोपनीयता के लिए हमने 59 एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनमें टिकटॉक भी शामिल है। भारत जानता है कि हमारी सीमाओं पर नजर रखने वाले और देशवासियों की रक्षा करने के लिए कैसे आंखों में आंखें डाली जाती हैं। भारत डिजिटल स्ट्राइक कर सकता है।'
बता दें कि सरकार ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सेना द्वारा की गई कायराना हरकत को लेकर एप्स पर प्रतिबंध लगाया है, ताकि बीजिंग को एक सख्त संदेश भेजा जा सके। लेकिन उच्चस्तरीय सूत्रों का कहना है कि सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया ताकि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) को एप्स के माध्यम से डाटा चुराकर उसे राजनीतिक और सैन्य उद्देश्यों के लिए प्रयोग करने से रोका जा सके।
यह निर्णय चीन और उसकी संस्थाओं को भारत में नागरिक संरचना और एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) जैसी उभरती हुई तकनीक वाले सेक्टर में रोकने के लिए बनाई जा रही योजना का एक हिस्सा है। साथ ही सीसीपी की 'मिलिट्री-सिविलियन फ्यूजन' रणनीति को विफल करना भी इसके पीछे का एक कारण है।
'मिलिट्री-सिविलियन फ्यूजन' रणनीति के तहत सीसीपी टिकटॉक और यूसी ब्राउजर जैसे एप्स का इस्तेमाल करते हुए इसके डाटा का इस्तेमाल राजनीतिक और सैन्य उद्देश्यों के लिए कर सकती है। उदाहरण के लिए, रिपोर्टों में खुलासा हुआ है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हाल की रैली पंजीकरणों को टिकटॉक बॉट्स द्वारा हाईजैक कर लिया गया था, जो भारत के लिए खतरे की घंटी है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को चीन-भारत गतिरोध पर कहा कि भारत शांति चाहता है, लेकिन अगर कोई बुरी नजर डालेगा तो हम मुंहतोड़ जवाब देंगे। प्रसाद ने पश्चिम बंगाल भाजपा की रैली में कहा, 'हमने देशवासियों के डाटा को सुरक्षित रखने के लिए चीनी एप प्रतिबंधित किए, यह एक डिजिटल हमला था।'
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उन्होंने कहा, 'भारत की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए, देशवासियों की डिजिटल सुरक्षा और गोपनीयता के लिए हमने 59 एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनमें टिकटॉक भी शामिल है। भारत जानता है कि हमारी सीमाओं पर नजर रखने वाले और देशवासियों की रक्षा करने के लिए कैसे आंखों में आंखें डाली जाती हैं। भारत डिजिटल स्ट्राइक कर सकता है।'
For security and sovereignty of India, for countrymen's digital security and privacy we have banned 59 apps, including TikTok. India knows how to look in the eyes of those eyeing our borders and to protect countrymen, India can even do a digital strike: Union Minister RS Prasad pic.twitter.com/SobP31ifA9
बता दें कि सरकार ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सेना द्वारा की गई कायराना हरकत को लेकर एप्स पर प्रतिबंध लगाया है, ताकि बीजिंग को एक सख्त संदेश भेजा जा सके। लेकिन उच्चस्तरीय सूत्रों का कहना है कि सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया ताकि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) को एप्स के माध्यम से डाटा चुराकर उसे राजनीतिक और सैन्य उद्देश्यों के लिए प्रयोग करने से रोका जा सके।
यह निर्णय चीन और उसकी संस्थाओं को भारत में नागरिक संरचना और एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) जैसी उभरती हुई तकनीक वाले सेक्टर में रोकने के लिए बनाई जा रही योजना का एक हिस्सा है। साथ ही सीसीपी की 'मिलिट्री-सिविलियन फ्यूजन' रणनीति को विफल करना भी इसके पीछे का एक कारण है।
'मिलिट्री-सिविलियन फ्यूजन' रणनीति के तहत सीसीपी टिकटॉक और यूसी ब्राउजर जैसे एप्स का इस्तेमाल करते हुए इसके डाटा का इस्तेमाल राजनीतिक और सैन्य उद्देश्यों के लिए कर सकती है। उदाहरण के लिए, रिपोर्टों में खुलासा हुआ है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हाल की रैली पंजीकरणों को टिकटॉक बॉट्स द्वारा हाईजैक कर लिया गया था, जो भारत के लिए खतरे की घंटी है।
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