कोरोना वायरस का इलाज ढूंढने में दुनियाभर के वैज्ञानिक लगे हुए हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और चीन जैसे देशों में जहां एडवांस तकनीक के जरिए वैक्सीन बनाने का काम किया जा रहा है, तो वहीं भारत में इसके साथ-साथ आयुर्वेद का भी सहारा लिया जा रहा है और खुशी की बात ये है कि इसके सकरात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू) में च्यवनप्राश का ट्रायल जून से अगस्त तक हुआ, जिसे आयुर्वेद संस्थान ने तैयार किया है। इस ट्रायल में 100 कर्मचारियों को च्यवनप्राश दी गई और 100 को नहीं दी गई। फिर च्यवनप्राश खाने और नहीं खाने वालों की इम्युनिटी परखी गई, जिसमें सकारात्मक नतीजे देखने को मिले।