भारत में कोरोना वैक्सीन के नए मामले रोज नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। अब एक दिन में 90 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं और दुनिया में अमेरिका के बाद कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मरीज भारत में ही हैं। ऐसे में लोगों से ज्यादा सरकार को कोरोना के वैक्सीन की चिंता सता रही है। इन सब खबरों के बीच रूस की वैक्सीन स्पुतनिक-वी एक उम्मीद की किरण बन कर सामने आई है, लेकिन वाकई में क्या रूस की वैक्सीन पर उतना भरोसा किया जा सकता है।
रूस के वैज्ञानिकों ने कोरोना की वैक्सीन को लेकर पहली रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में कहा गया है पहले फेज के ट्रायल में इम्यून रेस्पॉन्स अच्छा दिखा है। इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद से दुनियाभर से वैज्ञानिकों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। मेडिकल जर्नल दि लैंसेट में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि इस ट्रायल में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों में कोरोना से लड़ने वाली एंटीबॉडी विकसित हुई और किसी में भी कोई भयानक साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला।
रूस के वैज्ञानिकों ने कोरोना की वैक्सीन को लेकर पहली रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में कहा गया है पहले फेज के ट्रायल में इम्यून रेस्पॉन्स अच्छा दिखा है। इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद से दुनियाभर से वैज्ञानिकों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। मेडिकल जर्नल दि लैंसेट में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि इस ट्रायल में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों में कोरोना से लड़ने वाली एंटीबॉडी विकसित हुई और किसी में भी कोई भयानक साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला।