मलेरिया एक वाहक-जनित संक्रामक रोग है जो प्रोटोजोआ परजीवी द्वारा फैलता है। यह बीमारी अमेरिका से लेकर एशिया और अफ्रीका महाद्वीपों तक फैली हुई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल 50 करोड़ से ज्यादा लोग इस बीमारी से प्रभावित होते हैं जबकि 10-30 लाख लोगों की इसके कारण मौत हो जाती है। इसके इलाज के लिए कई तरह की दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें 'आर्टिमिसिनिन' भी एक है। इसका उपयोग दुनियाभर में मलेरिया के इलाज के लिए किया जाता है, लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि यह दवाई अब मलेरिया के रोगियों को ठीक करने में प्रभावी नहीं रही है। अलग-अलग देशों में मलेरिया के मरीजों पर इसके इस्तेमाल के बाद मिल नतीजे बताते हैं कि अब विश्व प्रसिद्ध दवाई आर्टिमिसिनिन उनपर बेअसर हो रही है।