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पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विद्यालय में कक्षा पांच में पढ़ने वाली छात्रा को वार्डेन द्वारा उसकी पेशाब पिलाए जाने के मामले के बाद इस बारे में जानना बहुत जरूरी हो चुका है कि अगर कोई बच्चा बिस्तर में सोते समय अक्सर पेशाब करता है, तो इसकी वजह क्या है।
अगर आपका बच्चा भी अक्सर सोते समय बिस्तर गीला करता है तो इसका मतलब यह कतई नहीं कि वह आलसी या नासमझ है या फिर वह यह जानबूझ कर करता है, यह उसके शारीरिक व मानसिक विकास से संबंधित समस्या भी हो सकती है। यदि चार साल की उम्र के बाद भी आपके बच्चे को यह दिक्कत है तो इस पर ध्यान देना जरूरी है।
क्या है इसकी वजहइस समस्या की वजह तक जाने के लिए इसे दो भागों में बांटना मुनासिब है- सामान्य कारण व विशिष्ट कारण। सामान्य कारणों पर गौर करें तो कुछ वजहें हो सकती हैं, जैसे आपका बच्चे का यूरनरी ब्लैडर (मूत्राशय) भरने के बाद भी उसकी नींद न खुले, शाम या रात के समय शरीर में अधिक पेशाब का बनना, दिन में बेवजह पेशाब को रोकना आदि।
कई बार इसके पीछे कोई चिकित्सकीय या भावनात्मक समस्या भी हो सकती है। मसलन, बच्चे के यूरीन ट्रैक में संक्रमण, कम उम्र में मधुमेह, शरीर की बनावट में असंतुलन, नर्वस सिस्टम से संबंधित कोई समस्या, बच्चे पर आवश्यकता से अधिक शारीरिक व मानसिक दबाव।
यदि सामान्य कारणों के निदान से आपके बच्चे को आराम नहीं मिलता तो इसके लिए डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। कई बार यह समस्या अनुवांशिक भी होती है और बच्चों में उसी उम्र में समाप्त होती है जिस उम्र में उनके माता-पिता में होनी चाहिए।
कारगर होंगे ये उपायइस समस्या से निपटने के लिए कुछ ऐसे उपाय हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चे को इस समस्या से निजात दिला सकते हैं।
- सोने से पहले बच्चे को बाथरूम जाने की आदत डालें।
- रात में भोजन के बाद बच्चे को कोल्ड ड्रिंक आदि न पीने दें।
- गुण, अज्वाइन और काले तिल को मिला लें। रोज सुबह एक चम्मच इस मिश्रण को एक गिलास दूध में मिलाक बच्चे को पिलाएं।
- आंवले के गूदे में थोड़ा सा काली मिर्च पाउडर मिलाकर बच्चे को सोने से पहले दें।
पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विद्यालय में कक्षा पांच में पढ़ने वाली छात्रा को वार्डेन द्वारा उसकी पेशाब पिलाए जाने के मामले के बाद इस बारे में जानना बहुत जरूरी हो चुका है कि अगर कोई बच्चा बिस्तर में सोते समय अक्सर पेशाब करता है, तो इसकी वजह क्या है।
अगर आपका बच्चा भी अक्सर सोते समय बिस्तर गीला करता है तो इसका मतलब यह कतई नहीं कि वह आलसी या नासमझ है या फिर वह यह जानबूझ कर करता है, यह उसके शारीरिक व मानसिक विकास से संबंधित समस्या भी हो सकती है। यदि चार साल की उम्र के बाद भी आपके बच्चे को यह दिक्कत है तो इस पर ध्यान देना जरूरी है।
क्या है इसकी वजह
इस समस्या की वजह तक जाने के लिए इसे दो भागों में बांटना मुनासिब है- सामान्य कारण व विशिष्ट कारण। सामान्य कारणों पर गौर करें तो कुछ वजहें हो सकती हैं, जैसे आपका बच्चे का यूरनरी ब्लैडर (मूत्राशय) भरने के बाद भी उसकी नींद न खुले, शाम या रात के समय शरीर में अधिक पेशाब का बनना, दिन में बेवजह पेशाब को रोकना आदि।
कई बार इसके पीछे कोई चिकित्सकीय या भावनात्मक समस्या भी हो सकती है। मसलन, बच्चे के यूरीन ट्रैक में संक्रमण, कम उम्र में मधुमेह, शरीर की बनावट में असंतुलन, नर्वस सिस्टम से संबंधित कोई समस्या, बच्चे पर आवश्यकता से अधिक शारीरिक व मानसिक दबाव।
यदि सामान्य कारणों के निदान से आपके बच्चे को आराम नहीं मिलता तो इसके लिए डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। कई बार यह समस्या अनुवांशिक भी होती है और बच्चों में उसी उम्र में समाप्त होती है जिस उम्र में उनके माता-पिता में होनी चाहिए।
कारगर होंगे ये उपाय
इस समस्या से निपटने के लिए कुछ ऐसे उपाय हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चे को इस समस्या से निजात दिला सकते हैं।
- सोने से पहले बच्चे को बाथरूम जाने की आदत डालें।
- रात में भोजन के बाद बच्चे को कोल्ड ड्रिंक आदि न पीने दें।
- गुण, अज्वाइन और काले तिल को मिला लें। रोज सुबह एक चम्मच इस मिश्रण को एक गिलास दूध में मिलाक बच्चे को पिलाएं।
- आंवले के गूदे में थोड़ा सा काली मिर्च पाउडर मिलाकर बच्चे को सोने से पहले दें।