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बेटियों और बेटों में भेदभाव करने वाली महिलाओं को शायद यह नहीं पता होगा कि जो महलिएं बेटियों को उम्र देते हैं वे बेटों को जन्म देने वाली महिलाओं की अपेक्षा अधिक समय तक जीती हैं। हाल में विज्ञान की प्रसिद्ध पत्रिका 'नेचर' में प्रकाशित फिनलैंड के तुर्कू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का मानना है कि जो एक बेटे के जन्म पर महिलाओं का जीवनकाल 7 प्रतिशत कम हो जाता है।
शोधकर्ता सैमुली हेले के अनुसार, 'इससे पहले किसी भी शोध में इस तथ्य का पता नहीं चल सका था कि बच्चे के लिंग से मां के जीवनकाल का क्या संबंध हो सकता है। ऐसे में हमारा यह शोध बहुत महत्वपूर्ण है। मैं इसके परिणाम से बहुत अचंभे में नहीं हूं क्योंकि इसमें अलग-अलग समाजों की परिस्थितियों को भी शामिल किया गया है।'
शोधकर्ताओं ने माना कि एक बालक के जन्म से उसकी मां की उम्र सात हफ्ते तक कम होती है जबकि बालिकाओं के जन्म से मां की उम्र बढ़ती तो है, पर कितनी बढ़ती है, इसकी ठीक जानकारी अभी तक नहीं लगाई जा सकी है। हालांकि बच्चों के जन्म और लिंग का संबंध सिर्फ उनकी माताओं की उम्र से है न कि उनके पिता की उम्र से।
हालांकि इसके पीछे कारण क्या है इस बारे में शोधकर्ता अभी पूरी तरह निश्चित नहीं हैं। जैगीलोनियन विश्वविद्यालय के के शोधकर्ताओं का मानना है कि इसकी वजह यह हो सकती है कि बालकों का वजन जन्म के समय बालिकाओं से थोड़ा अधिक होता है जबकि कुछ अन्य शोधकर्ताओं का मानना है कि महिलाओं को बालकों को अधिक स्तनपान कराना पड़ा है जिससे उनकी उम्र पर असर पड़ सकता है।
बेटियों और बेटों में भेदभाव करने वाली महिलाओं को शायद यह नहीं पता होगा कि जो महलिएं बेटियों को उम्र देते हैं वे बेटों को जन्म देने वाली महिलाओं की अपेक्षा अधिक समय तक जीती हैं। हाल में विज्ञान की प्रसिद्ध पत्रिका 'नेचर' में प्रकाशित फिनलैंड के तुर्कू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का मानना है कि जो एक बेटे के जन्म पर महिलाओं का जीवनकाल 7 प्रतिशत कम हो जाता है।
शोधकर्ता सैमुली हेले के अनुसार, 'इससे पहले किसी भी शोध में इस तथ्य का पता नहीं चल सका था कि बच्चे के लिंग से मां के जीवनकाल का क्या संबंध हो सकता है। ऐसे में हमारा यह शोध बहुत महत्वपूर्ण है। मैं इसके परिणाम से बहुत अचंभे में नहीं हूं क्योंकि इसमें अलग-अलग समाजों की परिस्थितियों को भी शामिल किया गया है।'
शोधकर्ताओं ने माना कि एक बालक के जन्म से उसकी मां की उम्र सात हफ्ते तक कम होती है जबकि बालिकाओं के जन्म से मां की उम्र बढ़ती तो है, पर कितनी बढ़ती है, इसकी ठीक जानकारी अभी तक नहीं लगाई जा सकी है। हालांकि बच्चों के जन्म और लिंग का संबंध सिर्फ उनकी माताओं की उम्र से है न कि उनके पिता की उम्र से।
हालांकि इसके पीछे कारण क्या है इस बारे में शोधकर्ता अभी पूरी तरह निश्चित नहीं हैं। जैगीलोनियन विश्वविद्यालय के के शोधकर्ताओं का मानना है कि इसकी वजह यह हो सकती है कि बालकों का वजन जन्म के समय बालिकाओं से थोड़ा अधिक होता है जबकि कुछ अन्य शोधकर्ताओं का मानना है कि महिलाओं को बालकों को अधिक स्तनपान कराना पड़ा है जिससे उनकी उम्र पर असर पड़ सकता है।