न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Updated Sun, 17 Nov 2019 10:11 PM IST
तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधि मंडल ने रविवार को यहां समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन देकर अपनी समस्याएं बताईं। कहा कि उनके स्थानों को बिना सूचना तोड़ दिया गया। जिसमें तमाम वस्तुएं नष्ट हो गईं। अक्षयवट के दर्शन भी बंद कर दिए गए लेकिन प्रदेश सरकार सभी मु्ददों पर मौन है। तीर्थ पुरोहितों ने सपा मुखिया से संघर्ष में मदद मांगी और कहा कि प्रदेश सरकार ने चुप्पी न तोड़ी तो वे धरना-प्रदर्शन और आमरण अनशन करेंगे।
सपा मुखिया ने तीर्थ पुरोहितों का सम्मान करने के बाद उनके महत्व को स्वीकार करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में तीर्थों का महत्व तीर्थ पुरोहितों से ही हैं। इसलिए सरकार को तीर्थ पुरोहितों को लेकर संवेदनशील रहना चाहिए।
अखिलेश यादव ने प्रयागराज स्थित अक्षयवट के दर्शनों पर रोक को भी अनुचित बताते हुए केंद्र सरकार से इसे उत्तर प्रदेश को दान में सौंपने की मांग की। प्रतिनिधि मंडल तीर्थ परोहितों की प्रधान संस्था ‘प्रयागवाल सभा, प्रयाग’ के अध्यक्ष जितेंद्र गौड़ और महामंत्री राजेंद्र पालीवाल के नेतृत्व में आया था।
गौड़ ने यादव को बताया कि प्रयागराज में संगम क्षेत्र स्थित प्रयागवाल तख्त वर्षों से स्थापित हैं। करीब 112 तीर्थ पुरोहित सूचीबद्ध हैं। कभी अन्याय नहीं हुआ। पर, 14 नवंबर को अचानक प्रशासन और छावनी परिषद ने उनके स्थान को ध्वस्त कर दिया। जिसमें पारिवारिक बहीखाते, वंशावलियां नष्ट हो गईं। सपा मुखिया ने कहा कि बिना सूचना ध्वस्तीकरण अन्यायपूर्ण कार्रवाई है।
अपने खर्च पर निर्माण कराए सरकार
प्रयागवाल सभा ने प्रदेश सरकार से अपने खर्च पर तीर्थपुरोहितों के स्थानों के निर्माण की मांग की है। अखिलेश ने सरकार की कार्रवाई को अनुचित बताते हुए कहा कि धार्मिक स्थानों की पवित्र स्थायी व्यवस्था होनी चाहिए। संगम तट पर राजा हर्षवर्धन के द्वारा कुम्भ के अवसर पर दान पुण्य की तमाम कथाएं है। उनसे भावनात्मक एवं धार्मिक लगाव है।
सरकार की कार्रवाई ठीक नहीं है। पुरोहितों ने अखिलेश को 2022 के विधानसभा चुनावों में बहुमत से जीत तथा मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया। प्रतिनिधिमंडल में संतोष भारद्वाज, जितेन्द्र गौड़, वीरेन्द्र तिवारी, दिनकर पांडेय, अमरनाथ तिवारी, नितिन भारद्वाज, गोविन्द मिश्र, अवनीश शर्मा, पंकज शोकहा, लकी पांडेय, पंकज शर्मा तथा प्रभाकर शर्मा शामिल थे। इनके साथ पूर्व ब्लाक प्रमुख फाफामऊ संदीप यादव भी थे।
तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधि मंडल ने रविवार को यहां समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन देकर अपनी समस्याएं बताईं। कहा कि उनके स्थानों को बिना सूचना तोड़ दिया गया। जिसमें तमाम वस्तुएं नष्ट हो गईं। अक्षयवट के दर्शन भी बंद कर दिए गए लेकिन प्रदेश सरकार सभी मु्ददों पर मौन है। तीर्थ पुरोहितों ने सपा मुखिया से संघर्ष में मदद मांगी और कहा कि प्रदेश सरकार ने चुप्पी न तोड़ी तो वे धरना-प्रदर्शन और आमरण अनशन करेंगे।
सपा मुखिया ने तीर्थ पुरोहितों का सम्मान करने के बाद उनके महत्व को स्वीकार करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में तीर्थों का महत्व तीर्थ पुरोहितों से ही हैं। इसलिए सरकार को तीर्थ पुरोहितों को लेकर संवेदनशील रहना चाहिए।
अखिलेश यादव ने प्रयागराज स्थित अक्षयवट के दर्शनों पर रोक को भी अनुचित बताते हुए केंद्र सरकार से इसे उत्तर प्रदेश को दान में सौंपने की मांग की। प्रतिनिधि मंडल तीर्थ परोहितों की प्रधान संस्था ‘प्रयागवाल सभा, प्रयाग’ के अध्यक्ष जितेंद्र गौड़ और महामंत्री राजेंद्र पालीवाल के नेतृत्व में आया था।
गौड़ ने यादव को बताया कि प्रयागराज में संगम क्षेत्र स्थित प्रयागवाल तख्त वर्षों से स्थापित हैं। करीब 112 तीर्थ पुरोहित सूचीबद्ध हैं। कभी अन्याय नहीं हुआ। पर, 14 नवंबर को अचानक प्रशासन और छावनी परिषद ने उनके स्थान को ध्वस्त कर दिया। जिसमें पारिवारिक बहीखाते, वंशावलियां नष्ट हो गईं। सपा मुखिया ने कहा कि बिना सूचना ध्वस्तीकरण अन्यायपूर्ण कार्रवाई है।
अपने खर्च पर निर्माण कराए सरकार
प्रयागवाल सभा ने प्रदेश सरकार से अपने खर्च पर तीर्थपुरोहितों के स्थानों के निर्माण की मांग की है। अखिलेश ने सरकार की कार्रवाई को अनुचित बताते हुए कहा कि धार्मिक स्थानों की पवित्र स्थायी व्यवस्था होनी चाहिए। संगम तट पर राजा हर्षवर्धन के द्वारा कुम्भ के अवसर पर दान पुण्य की तमाम कथाएं है। उनसे भावनात्मक एवं धार्मिक लगाव है।
सरकार की कार्रवाई ठीक नहीं है। पुरोहितों ने अखिलेश को 2022 के विधानसभा चुनावों में बहुमत से जीत तथा मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया। प्रतिनिधिमंडल में संतोष भारद्वाज, जितेन्द्र गौड़, वीरेन्द्र तिवारी, दिनकर पांडेय, अमरनाथ तिवारी, नितिन भारद्वाज, गोविन्द मिश्र, अवनीश शर्मा, पंकज शोकहा, लकी पांडेय, पंकज शर्मा तथा प्रभाकर शर्मा शामिल थे। इनके साथ पूर्व ब्लाक प्रमुख फाफामऊ संदीप यादव भी थे।