आठ साल का सिद्धांत हर वक्त हाथों के नाखून चबाता है, खासतौर पर जब भी वह पढ़ता है, कुछ समझने की कोशिश करता है या फिर कोई भी निर्णय लेता है। वैसे तो वह पढ़ने-लिखने में होशियार है लेकिन परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र देखकर आता हुआ जवाब भी वह भूल जाता है और रटी-रटाई कविता जब किसी भी मेहमान के आगे उसे सुनाने की बारी आती है तो उसकी आवाज ही नहीं निकलती। सिद्धांत की ये समस्याएं उसपर इस कदर प्रभाव छोड़ रही हैं कि उसके माता-पिता को उसे चाइल्ड काउंसलर के पास ले जाना पड़ा।
हर समय नाखून चबाने वाले सिद्धांत की समस्याएं दरअसल एक इशारा हैं उसकी मानसिक स्थिति की ओर, जिसे समझने में उसके अभिभावकों ने देर नहीं की। लेकिन सामान्यतः अभिभावक अपने बच्चों की बहुत अधिक नाखून चबाने की आदत को नजरअंदाज करते हैं जिससे आगे चलकर बच्चों के व्यक्तित्व के विकास में आने वाली बाधाएं उन्हें सही समय पर पता ही नहीं चल पातीं। तो चलिए, आज बहुत अधिक नाखून चबाने की आदत से जुड़ी समस्याओं पर गौर करते हैं।
इन समस्याओं को मिलता है आमंत्रण
बहुत अधिक नाखून चबाने की लत से कई तरह की मानसिक व शारीरिक समस्याएं जुड़ी रहती हैं। मसलन-
- यह एक तरह का इंपल्स कंट्रोल डिसॉडर माना जाता है जिसका बच्चे या किशोर के व्यक्तित्व व मानसिक स्तर से गहरा संबंध होता है।
- कई बार बच्चे में आत्मविश्वास की कमी भी उसकी अस आदत को दर्शाती है।
- हर समय नाखून चबाने से नाखूनों में फंसी गंदगी का संपर्क मुंह की लार से होता है जिससे बाहरी संक्रमणों की आशंका अधिक हो जाती है और बच्चे जल्द बीमार पड़ते हैं।
- इससे दांतों व मसूड़ों में संक्रमण या जिन्जिवाइटिस जैसी समस्याओं की आशंका भी अधिक रहती है।
- पेट की समस्याएं भी अधिक रहती हैं।
क्या हो सकती है वजह
वैसे तो इस समस्या के लिए जरूरी नहीं कि कोई एक ही वजह हो पर फिर भी इसकी मुख्य वजहों पर गौर किया जा सकता है। इस समस्या के पीछे सबसे सामान्य कारण पाया जाता है बच्चों की मानसिक स्थिति।
एडीएचडी यानी अटेंशन डेफिसिट डिसॉर्डर की स्थिति में भी वह नाखून अधिक चबाते हैं। इस मानसिक स्थिति में बच्चा आकर्षण का केंद्र बनने के लिए भी कई बार असमान्य हरकतें करता है। इसके अलावा, दूसरे बच्चों की नकल, आत्मविश्वास की कमी, पारिवारिक या किसी अन्य प्रकार के तनाव, घबराहट आदि किसी भी कारण से वह इसे अपनी आदत बना सकता है।
ऐसे में क्या करें
बच्चों को नाखून चबाने से किस तरह दूर रखें इसे लेकर आप अक्सर परेशान होते होंगे। लाख मना करने या समझाने पर भी बच्चे आदतवश यह काम करते ही हैं। इसके लिए कुछ आसान उपाय आप खुद ही अपना सकते हैं और तब भी बात न बने तो चिकित्सक से संपर्क करें।
नाखूनों पर कड़वे स्वाद वाली किसी नेलपॉलिश को लगा दें। इससे बच्चा जब भी नाखून मुंह में लेगा तो उसे स्वाद कड़वा लगेगा और वह यह काम दोबारा नहीं करेगा।
बच्चों के व्यक्तित्व विकास पर ध्यान दें। उनकी समस्याओं को समझें और उनके साथ मिलकर इसे दूर करने की कोशिश करें। उनके खानपान पर ध्यान दें और बच्चों की व्यायाम, प्राणायम व योगासनों जैसे गतिविधियों में भी रुचि बढ़ाएं।
हाथों के नाखून हमेशा काटकर रखें जिससे मुंह में नाखून जाए ही नहीं।
नाखून चबाने के अलावा भी अगर बच्चे में व्यक्तित्व संबंधी कुछ समस्याएं महसूस होती हैं तो इसके लिए चिकित्सक के पास जाने में देर न करें।