भारत के आजादी का दिन तय होते ही ये भी तय हो गया कि भारत और पाकिस्तान के भौगोलिक क्षेत्र में आने वाली रियासतों के राजाओं को इन दोनों देशों में अपने राज्यों का विलय करना होगा। लेकिन ऐसे कई राजा थे, जो इस काम के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे। राजा-रजवाड़ों के किस्सों की ही तरह राजस्थान का भारत में विलय भी दिलचस्प कहानी की तरह है। 1947 में जब देश आजाद हुआ था, तो मुगल और अंग्रेजों की शासन पर पकड़ खत्म हो चुकी थी और देशी रियासतों ने फिर से ताकत जुटाना शुरू कर दिया था।