नेपोलियन बोनापार्ट फ्रांस का महान बादशाह था। कद-काठी में छोटे नेपोलियन ने अपनी बहादुरी से दुनिया के एक बड़े हिस्से पर अपना राज कायम किया था। आज की तारीख में भी बहुत कम ऐसे लोग हैं, जो नेपोलियन की ऊंचाई तक तक पहुंचे। नेपोलियन के सैनिक उससे मोहब्बत करते थे, तो दुश्मन उससे खौफ खाते थे। ब्रिटेन के महान योद्धा ड्यूक ऑफ वेलिंगटन ने कहा था कि जंग के मैदान में नेपोलियन, 40 हजार योद्धाओं के बराबर है। एक आम आदमी से बादशाह की गद्दी तक का नेपोलियन की जिंदगी का सफर बेहद दिलचस्प रहा था। और उरूज से उनके पतन तक की कहानी भी बेहद दिलचस्प है।
फ्रांस की सत्ता
नेपोलियन का जन्म कोर्सिका द्वीप के अजाचियो में 15 अगस्त 1769 को हुआ था। फ्रांस ने कोर्सिका द्वीप को नेपोलियन के पैदा होने से एक साल पहले ही जेनोआ से जीता था। नेपोलियन के मां-बाप बहुत अमीर नहीं थे। वो सामंती परिवार से नहीं थे, हालांकि वो इसका दावा बहुत करते थे। जब फ्रांस की सेना ने कोर्सिका पर हमला किया था, तो वो स्थानीय लोगों के साथ फ्रांस के विरोध में खड़े हुए थे। हालांकि बाद में उन्होंने फ्रांस की सत्ता मान ली थी। नौ साल की उम्र में नेपोलियन पढ़ाई के लिए फ्रांस चले आए। वो खुद को बाहरी महसूस करते थे। फ्रांस के रीति-रिवाज से नावाकिफ। नेपोलियन की शुरुआती पढ़ाई ऑटुन में हुई।
फ्रांस की सत्ता
नेपोलियन का जन्म कोर्सिका द्वीप के अजाचियो में 15 अगस्त 1769 को हुआ था। फ्रांस ने कोर्सिका द्वीप को नेपोलियन के पैदा होने से एक साल पहले ही जेनोआ से जीता था। नेपोलियन के मां-बाप बहुत अमीर नहीं थे। वो सामंती परिवार से नहीं थे, हालांकि वो इसका दावा बहुत करते थे। जब फ्रांस की सेना ने कोर्सिका पर हमला किया था, तो वो स्थानीय लोगों के साथ फ्रांस के विरोध में खड़े हुए थे। हालांकि बाद में उन्होंने फ्रांस की सत्ता मान ली थी। नौ साल की उम्र में नेपोलियन पढ़ाई के लिए फ्रांस चले आए। वो खुद को बाहरी महसूस करते थे। फ्रांस के रीति-रिवाज से नावाकिफ। नेपोलियन की शुरुआती पढ़ाई ऑटुन में हुई।