तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार धरना दे रहे किसानों के लिए लंगर बनाने को अब गैस सिलिंडर के साथ ही चूल्हे भी लगा दिए हैं और आसपास के गांव से लकड़ी और उपलों की भी व्यवस्था करा दी गई है। चूल्हों पर लंगर तैयार करने की जिम्मेदारी युवाओं ने संभाली है और कोई भी भूखा न रहे, यह जिम्मा उन्होंने उठाया है। मशीन से भी धरनास्थल पर रोटी बनाईं जा रही हैं। दिल्ली-हरियाणा के बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में अन्नदाताओं के खाने का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
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