क्रिकेट का जुनून देवदत्त पडीक्कल के परिवार को हैदराबाद से बंगलूरू खीच लाया। यह कोई छोटा फैैसला नहीं था। बंगलूरू आने के लिए देवदत्त के पिता को अपना जमा-जमाया व्यापार हैदराबाद से हटाना था। उन्होंने बेटे को बंगलूरू में क्रिकेट सिखाने के लिए यह जोखिम भी उठा लिया। बंगलूरू में बात जब एडमीशन की आई तो कन्नड़ आड़े आ गई जो देवदत्त को आती नहीं थी, लेकिन अपनी बल्लेबाजी के दम पर इस खब्बू बल्लेबाज ने राहुल द्रविड, रोबिन उथप्पा जैसेे क्रिकेटरों को निकालने वाले सेंट जोसेफ ब्वाएज स्कूल के प्रिंसिपल को कन्नड़ के बदले हिंदी देकर एडमीशन देने पर मजबूर कर दिया।