पता नहीं आइडिया किसका पहले क्लिक हुआ, वीरे दी वेडिंग का या फोर मोर शॉट्स प्लीज का, पर मामला प्राइम वीडियो के लिए अब भारत में नेटफ्लिक्स से मुकाबले का है। दांव पर ऐसे करोड़ों मोबाइल यूजर्स हैं जो चोरी चोरी चुपके चुपके डेढ़ जीबी प्रति दिन डाटा को कभी खेत में, कभी स्कूल की बाउंड्री के पीछे तो कभी छत पर अकेले बैठे घटिया वीडियोज देखने में खर्च करते हैं।
क्या हो, ये सब अगर थोड़ा चमका के देखने को मिले और वह भी उन सितारों के साथ जो बड़े परदे पर ये सब करते कम से कम भारत में दिख नहीं सकते।
तो मेहरबान, कद्रदान आठ सौ रुपये महीने वाले नेटफ्लिक्स की सैक्रेड गेम्स की किक्कू का टाइम खत्म होता है और दो सौ रुपये महीने वाले प्राइम वीडियो पर शुरू होने वाली है महिला सशक्तीकरण को सीधे बिस्तर की आजादी से सीधे जोड़ने वाली सीरीज फोर मोर शॉट्स प्लीज।
हालांकि, ये विषय ऐसा कुछ नया भी नहीं है। जिनको इंडिया से ज्यादा भारत के बारे में पता है वह यह भी जानते हैं कि गांव, देहात, गली, मोहल्ले में ये आजादी कब की आ चुकी है। बस वहां कोई दरिया किनारे बैठकर चिल्लाता नहीं है कि हां हमें भी मिल चुकी है देह की आजादी।
देखा जाए तो इस सबमें ऐसा कुछ चौंकाने वाला भी नहीं है। स्वरा भास्कर वीरे दी वेडिंग में इसकी हिम्मत दिखा चुकी हैं। सयानी गुप्ता इस सीरीज में दिखा रही हैं। जिसकी जिससे पटती है, उसमें किसी दूसरे क्यूं जान अटकती है? बस इसी दर्शन को मानकर दैहिक संबंधों के कैवल्य की ओर ले जाने की कोशिश करती है फोर मोर शॉट्स प्लीज। ट्रेलर फड़फडाता सा है। सीरीज भी धड़काएगी जरूर।
वैधानिक चेतावनी: ट्रेलर को परिवार के साथ न देखें।