ठंडे मरुस्थल और रूखे पहाड़ों के बीच बर्फ के स्तूप बनाकर लाखों लीटर पानी जमा कर लद्दाख के गांव फिर देश दुनिया के लिए मिसाल बने हैं। इस बार इगू गांव ने बेबी ग्लेशियर बनाकर 85 लाख लीटर पानी स्टोर किया है जबकि तरछित ने 83 लाख और फ्यांग ने 63 लाख लीटर क्षमता का कृत्रिम ग्लेशियर तैयार किया है। जल संरक्षण की इस तकनीक के जनक और मैग्सेसे पुरस्कार विजेता सोनम वांगचुक की संस्था आईस स्तूप इंटरनेशनल की ओर से इन गांवों को पांच, तीन और दो लाख रुपये का पुरस्कार दिया है। स्टोंग्दे गांव को स्तूप बनाने के लिए विशेष प्रयासों पर एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया है।