अनियमित दिनचर्या, तनाव, खान-पान में लापरवाही, पर्यावरण प्रदूषण और कई अन्य कारणों से वर्तमान समय में हृदय संबंधी समस्याएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। न केवल बड़ी उम्र या बुजुर्गों में, बल्कि छोटी उम्र के बच्चों और किशोरों में भी दिल की समस्याएं बढ़ी है। दुनियाभर में हृदय के प्रति जागरूकता बढ़ाने और हृदय संबंधी समस्याओं से बचने के उपायों के बारे में बताने के उद्देश्य से हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। दिल के दौरे से दुनियाभर में अनगिनत मौतें होती हैं और 50 फीसदी मामलों में तो मरीज अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। कई बार मौतें हार्ट अटैक से होती हैं तो कई बार कार्डियक अरेस्ट मौत का कारण बनता है। ये दोनों अलग हैं। आइए जानते हैं दोनों के बारे में विस्तार से: