महोबा के इंद्रकांत त्रिपाठी मामले में एसआईटी द्वारा एक सप्ताह तक विभिन्न बिंदुओं पर की गई जांच पड़ताल के बाद क्रशर कारोबारी इंद्रकांत को ही आत्महत्या का दोषी माना। जिससे नामजद अभियुक्तों को राहत मिल गई है। कारण आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में मात्र सात साल की सजा का प्रावधान है।