कोरोना वायरस से बचने के लिए किए गए लॉकडाउन की मार गरीबों मजदूरों और प्रवासी श्रमिकों पर सबसे अधिक पड़ी है। दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासी श्रमिकों को न काम मिल रहा है न पेट भरने के लिए खाना। बच्चे भूख से बिलखने के लिए मजबूर है। प्रवासियों को राशन और मनरेगा में काम भले ही कागजों में मिल रहा हो पर असल में कईयों के घरों में ताे चूल्हा भी नहीं जला है।