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प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना करने के आरोप में प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग और सचिव प्रदेश लोक सेवा आयोग को कोर्ट में तलब किया गया है। मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर और न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने कैलाश चंद्र और रवि कौंडल द्वारा दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान दोनों प्रतिवादियों को
आदेश दिए कि वह एक दिन के भीतर कोर्ट के फैसले का अनुपालन करें। मामले पर सुनवाई दो मार्च को होगी। हाईकोर्ट ने 22 दिसंबर 2014 को प्रतिवादियों को आदेश दिए थे कि वह डीपीसी का गठन कर प्रार्थियों को डिजाइन इंजीनियर के पद से सहायक अभियंता डिजाइन के पद पर पदोन्नत करने पर विचार करें। प्रार्थियों ने 22 दिसंबर 2014 के आदेशों की
छह सप्ताह के भीतर अनुपालना न होने पर हाईकोर्ट के समक्ष अवमानना की याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने 23 मार्च 2015 को आदेश दिए कि हाईकोर्ट द्वारा 22 दिसंबर 2014 को पारित निर्णय को छह सप्ताह के भीतर लागू करें। लेकिन प्रतिवादियों ने फिर भी हाईकोर्ट द्वारा पारित निर्णय की अनुपालना नहीं की। मजबूरन प्रार्थियों को दोबारा दूसरी अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी।
प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना करने के आरोप में प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग और सचिव प्रदेश लोक सेवा आयोग को कोर्ट में तलब किया गया है। मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर और न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने कैलाश चंद्र और रवि कौंडल द्वारा दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान दोनों प्रतिवादियों को
आदेश दिए कि वह एक दिन के भीतर कोर्ट के फैसले का अनुपालन करें। मामले पर सुनवाई दो मार्च को होगी। हाईकोर्ट ने 22 दिसंबर 2014 को प्रतिवादियों को आदेश दिए थे कि वह डीपीसी का गठन कर प्रार्थियों को डिजाइन इंजीनियर के पद से सहायक अभियंता डिजाइन के पद पर पदोन्नत करने पर विचार करें। प्रार्थियों ने 22 दिसंबर 2014 के आदेशों की
छह सप्ताह के भीतर अनुपालना न होने पर हाईकोर्ट के समक्ष अवमानना की याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने 23 मार्च 2015 को आदेश दिए कि हाईकोर्ट द्वारा 22 दिसंबर 2014 को पारित निर्णय को छह सप्ताह के भीतर लागू करें। लेकिन प्रतिवादियों ने फिर भी हाईकोर्ट द्वारा पारित निर्णय की अनुपालना नहीं की। मजबूरन प्रार्थियों को दोबारा दूसरी अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी।