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Vidur Niti in Hindi: विदुर नीति में मनुष्यों के कल्याण के लिए कई बातें बताई गई हैं। महात्मा विदुर ने अपने अनुभव और ज्ञान से ऐसी कई नीतियां बताई हैं जिनका उपयोग महाभारत काल से ही चला आ रहा है। जो व्यक्ति विदुर नीति को अपने जीवन में अपनाता है तो वह सफलता की ऊंचाइयों को छूता है। आज हम आपको महात्मा विदुर की एक ऐसी नीति बता रहे हैं जिसमें उन्होंने किसी भी सुखी मनुष्य के लिए छह चीजों का महत्व बताया है। ये छह चीजें इस प्रकार हैं-
आय के साधन
वर्तमान समय में व्यक्ति को अपनी जरुरतों को पूरा करने के लिए आय के साधन को जुटाना पड़ता है। जिस व्यक्ति के पास आय के साधन नहीं होते हैं, वास्तव में वह व्यक्ति दुर्भाग्यशाली होता है और उसे जीवन में तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। धनहीन व्यक्ति को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों के आगे हाथ फैलाना पड़ता है। कई बार जब दूसरों के आगे हाथ फैलाने के बावजूद, उसकी जरूरतें पूरी नहीं होती हैं तो वह व्यक्ति भौतिक सुखों का आनंद नहीं ले पाता है। नतीजतन, उस व्यक्ति के पास जीवन में पछतावे के सिवा कुछ भी नहीं होता है। ऐसे में जिनके पास आय के साधन होते हैं, उन्हें खुद को भाग्यशाली मानना चाहिए।
मधुर वाणी
विदुर नीति के अनुसार जो स्त्री-पुरुष मीठा बोलते हैं, उनके ऊपर मां सरस्वती का आशीर्वाद बना रहता है। शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि वाणी में मां सरस्वती का वास होता है। कहते हैं कि बुरे और कटु वचन बोलने वाले लोगों का स्वभाव भी उनकी भाषा की तरह बुरा बन जाता है। मधुर वाणी बोलने वाला मनुष्य अपनी जरूरत को किसी की तृष्णा में परिवर्तित कर सकता है। विदुर के अनुसार जो व्यक्ति मधुर वाणी का स्वामी होता है, भाग्य भी उसका साथ देता है।
निरोगी काया
रोगों से मनुष्य का शरीर कमजोर पड़ जाता है। बीमार व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं। जिसके कारण वह कोई भी कार्य ठीक से नहीं कर पाता। बार-बार बीमार होने से व्यक्ति के संचित धन का भी नुकसान होता है। अगर मनुष्य निरोगी है, तो वह बेहद भाग्यशाली है। जो व्यक्ति रोगों से मुक्त होता है, वह धरती के तमाम सुखों को भोग कर सकता है।
ज्ञान
विश्व में मनुष्य के पास ज्ञान ही एक मात्र ऐसा धन है, जिसे कोई चोरी नहीं कर सकता है और चाह कर भी बांट नही सकता है। शास्त्रों में इस बात का वर्णन है कि ज्ञान ही इंसान की सबसे बड़ी दौलत है। व्यक्ति का ज्ञान सदैव उसके लिए विपरीत समय में एक हथियार की भांति कार्य करता है और हमेशा व्यक्ति के साथ ही रहता है। वर्तमान समय में ज्ञान ही व्यक्ति के लिए आय का सबसे बड़ा साधन बन चुका है।
गुणवान स्त्री
कहते हैं कि एक सफल इंसान के पीछे एक स्त्री का हाथ होता है। एक गुणवान स्त्री किसी भी घर को स्वर्ग बना सकती है। अच्छे स्वभाव और अच्छे आचरण वाली स्त्री घर के पूरे माहौल को खुशनुमा बनाए रखती है। जिस कारण घर में सुख-समृद्धि और प्रेम कायम रहता है। जिस व्यक्ति के पास ऐसी धर्म पत्नी हो, वह व्यक्ति वास्तव में भाग्यशाली होता है। इन गुणों को धारण करने वाली स्त्री परिवार को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है। उसके इन्हीं गुणों के कारण परिवार में एकता कायम रहती है। अच्छे आचरण वाली स्त्री घर में लक्ष्मी के समान होती है और उसके यहां धन-ऐश्वर्य और प्रेम बना रहता है।
आज्ञाकारी संतान
हर दंपत्ति की कामना होती है कि उसकी संतान आज्ञाकारी और उसके कुल का नाम रोशन करने वाली हो। विदुर ने आज्ञाकारी संतान की तुलना उस सुगंधित पुष्प से की है, जो समस्त उपवन को अपनी खुशबू से महका देता है। वहीं अगर संतान आज्ञाकारी न हो तो समस्त कुल का नाश कर देती है। ऐसे में जिनकी संतान आज्ञाकारी होती है, वह वाकई सुखी और सौभाग्यशाली होता है।
Vidur Niti in Hindi: विदुर नीति में मनुष्यों के कल्याण के लिए कई बातें बताई गई हैं। महात्मा विदुर ने अपने अनुभव और ज्ञान से ऐसी कई नीतियां बताई हैं जिनका उपयोग महाभारत काल से ही चला आ रहा है। जो व्यक्ति विदुर नीति को अपने जीवन में अपनाता है तो वह सफलता की ऊंचाइयों को छूता है। आज हम आपको महात्मा विदुर की एक ऐसी नीति बता रहे हैं जिसमें उन्होंने किसी भी सुखी मनुष्य के लिए छह चीजों का महत्व बताया है। ये छह चीजें इस प्रकार हैं-
आय के साधन
वर्तमान समय में व्यक्ति को अपनी जरुरतों को पूरा करने के लिए आय के साधन को जुटाना पड़ता है। जिस व्यक्ति के पास आय के साधन नहीं होते हैं, वास्तव में वह व्यक्ति दुर्भाग्यशाली होता है और उसे जीवन में तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। धनहीन व्यक्ति को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों के आगे हाथ फैलाना पड़ता है। कई बार जब दूसरों के आगे हाथ फैलाने के बावजूद, उसकी जरूरतें पूरी नहीं होती हैं तो वह व्यक्ति भौतिक सुखों का आनंद नहीं ले पाता है। नतीजतन, उस व्यक्ति के पास जीवन में पछतावे के सिवा कुछ भी नहीं होता है। ऐसे में जिनके पास आय के साधन होते हैं, उन्हें खुद को भाग्यशाली मानना चाहिए।
मधुर वाणी
विदुर नीति के अनुसार जो स्त्री-पुरुष मीठा बोलते हैं, उनके ऊपर मां सरस्वती का आशीर्वाद बना रहता है। शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि वाणी में मां सरस्वती का वास होता है। कहते हैं कि बुरे और कटु वचन बोलने वाले लोगों का स्वभाव भी उनकी भाषा की तरह बुरा बन जाता है। मधुर वाणी बोलने वाला मनुष्य अपनी जरूरत को किसी की तृष्णा में परिवर्तित कर सकता है। विदुर के अनुसार जो व्यक्ति मधुर वाणी का स्वामी होता है, भाग्य भी उसका साथ देता है।
निरोगी काया
रोगों से मनुष्य का शरीर कमजोर पड़ जाता है। बीमार व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं। जिसके कारण वह कोई भी कार्य ठीक से नहीं कर पाता। बार-बार बीमार होने से व्यक्ति के संचित धन का भी नुकसान होता है। अगर मनुष्य निरोगी है, तो वह बेहद भाग्यशाली है। जो व्यक्ति रोगों से मुक्त होता है, वह धरती के तमाम सुखों को भोग कर सकता है।
ज्ञान
विश्व में मनुष्य के पास ज्ञान ही एक मात्र ऐसा धन है, जिसे कोई चोरी नहीं कर सकता है और चाह कर भी बांट नही सकता है। शास्त्रों में इस बात का वर्णन है कि ज्ञान ही इंसान की सबसे बड़ी दौलत है। व्यक्ति का ज्ञान सदैव उसके लिए विपरीत समय में एक हथियार की भांति कार्य करता है और हमेशा व्यक्ति के साथ ही रहता है। वर्तमान समय में ज्ञान ही व्यक्ति के लिए आय का सबसे बड़ा साधन बन चुका है।
गुणवान स्त्री
कहते हैं कि एक सफल इंसान के पीछे एक स्त्री का हाथ होता है। एक गुणवान स्त्री किसी भी घर को स्वर्ग बना सकती है। अच्छे स्वभाव और अच्छे आचरण वाली स्त्री घर के पूरे माहौल को खुशनुमा बनाए रखती है। जिस कारण घर में सुख-समृद्धि और प्रेम कायम रहता है। जिस व्यक्ति के पास ऐसी धर्म पत्नी हो, वह व्यक्ति वास्तव में भाग्यशाली होता है। इन गुणों को धारण करने वाली स्त्री परिवार को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है। उसके इन्हीं गुणों के कारण परिवार में एकता कायम रहती है। अच्छे आचरण वाली स्त्री घर में लक्ष्मी के समान होती है और उसके यहां धन-ऐश्वर्य और प्रेम बना रहता है।
आज्ञाकारी संतान
हर दंपत्ति की कामना होती है कि उसकी संतान आज्ञाकारी और उसके कुल का नाम रोशन करने वाली हो। विदुर ने आज्ञाकारी संतान की तुलना उस सुगंधित पुष्प से की है, जो समस्त उपवन को अपनी खुशबू से महका देता है। वहीं अगर संतान आज्ञाकारी न हो तो समस्त कुल का नाश कर देती है। ऐसे में जिनकी संतान आज्ञाकारी होती है, वह वाकई सुखी और सौभाग्यशाली होता है।