पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में छात्र परिषद चुनाव का आयोजन दीक्षांत समारोह से पहले मुश्किल है। चुनाव अब पांच सितंबर के बाद ही होने के आसार हैं। इविवि में छात्रसंघ की बहाली को लेकर आंदोलन चल रहा है और छात्र परिषद के विरोध में छात्रसंघ के सभी निवर्तमान एवं पूर्व पदाधिकारी एक मंच पर आ चुके हैं।
इविवि प्रशासन ने 20 अगस्त से पहले छात्र परिषद का चुनाव कराने की तैयारी की थी लेकिन, अब कई कारणों से चुनाव टलता नजर आ रहा है। पहले कारण इविवि में दशकों बाद पांच सितंबर को आयोजित होने जा रहा दीक्षांत समारोह है। इविवि में इसके लिए जोरशोर से तैयारियां चल रही हैं। अफसर और शिक्षक इसी में व्यस्त हैं। इस बीच अगर इविवि प्रशासन छात्र परिषद के चुनाव की तिथि घोषित करता है तो विरोध तेज हो सकता है और इसका असर दीक्षांत समारोह के आयोजन पर पड़ सकता है। ऐसे में चुनाव तिथि को लेकर पांच सितंबर के बाद ही कोई निर्णय होने के आसार हैं।
इसके अलावा चुनाव से पहले सभी छात्र-छात्राओं के आईकार्ड भी बनाए जाने हैं। इविवि में तकरीबन 25 हजार छात्र-छात्राएं हैं और इन सभी के आईकार्ड बनने हैं। क्रेट में तो प्रवेश प्रक्रिया भी अभी पूरी नहीं हुई है। प्रवेश के बाद पीएचडी में नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं के आईकार्ड बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू होगी। सभी छात्र-छात्राओं के आईकार्ड बनाए जाने के बाद वोटर लिस्ट तैयार की जाएगी और इसके बाद ही चुनाव की तिथि पर कोई निर्णय लिया जाएगा। इन परिस्थितियों में अगस्त माह में छात्र परिषद का चुनाव कराए जाने की अब कोई उम्मीद नहीं रह गई है।
प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में छात्र परिषद चुनाव का आयोजन दीक्षांत समारोह से पहले मुश्किल है। चुनाव अब पांच सितंबर के बाद ही होने के आसार हैं। इविवि में छात्रसंघ की बहाली को लेकर आंदोलन चल रहा है और छात्र परिषद के विरोध में छात्रसंघ के सभी निवर्तमान एवं पूर्व पदाधिकारी एक मंच पर आ चुके हैं।
इविवि प्रशासन ने 20 अगस्त से पहले छात्र परिषद का चुनाव कराने की तैयारी की थी लेकिन, अब कई कारणों से चुनाव टलता नजर आ रहा है। पहले कारण इविवि में दशकों बाद पांच सितंबर को आयोजित होने जा रहा दीक्षांत समारोह है। इविवि में इसके लिए जोरशोर से तैयारियां चल रही हैं। अफसर और शिक्षक इसी में व्यस्त हैं। इस बीच अगर इविवि प्रशासन छात्र परिषद के चुनाव की तिथि घोषित करता है तो विरोध तेज हो सकता है और इसका असर दीक्षांत समारोह के आयोजन पर पड़ सकता है। ऐसे में चुनाव तिथि को लेकर पांच सितंबर के बाद ही कोई निर्णय होने के आसार हैं।
इसके अलावा चुनाव से पहले सभी छात्र-छात्राओं के आईकार्ड भी बनाए जाने हैं। इविवि में तकरीबन 25 हजार छात्र-छात्राएं हैं और इन सभी के आईकार्ड बनने हैं। क्रेट में तो प्रवेश प्रक्रिया भी अभी पूरी नहीं हुई है। प्रवेश के बाद पीएचडी में नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं के आईकार्ड बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू होगी। सभी छात्र-छात्राओं के आईकार्ड बनाए जाने के बाद वोटर लिस्ट तैयार की जाएगी और इसके बाद ही चुनाव की तिथि पर कोई निर्णय लिया जाएगा। इन परिस्थितियों में अगस्त माह में छात्र परिषद का चुनाव कराए जाने की अब कोई उम्मीद नहीं रह गई है।