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गोंडा। शनिवार से शारदीय नवरात्र लगते ही त्योहारों का सीजन शुरू हो जायेगा। त्योहारों के कारण बाजार में भीड़ बढ़ी है। लेकिन बेतहाशा बढ़ रही महंगाई के चलते बाजार की रौनक कम हो गई है। गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों को नवरात्र के थाली की चिंता सताने लगी है। कोरोना लॉकडाउन की वजह से लोगों के रोजगार छिन जाने से आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। दो दिन बाद नवरात्र शुरू होने के चलते फल एवं सब्जियों के साथ किराना के सामानों में मूल्यवृद्धि हुई है। जिससे गरीबों के फलाहार में सर्वाधिक प्रयोग किया जाने वाले आलू के भाव आसमान छू रहे हैं।
आलू के दाम में एक सप्ताह के अंदर ही 20 रुपये तक बढ़ोत्तरी हुई है। 22 रुपये किलो बिकने वाला आलू अब 40 रुपये में बिक रहा है तथा नया आलू बाजार में 60 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। टमाटर के दामों में भी 10 रुपये किलो तक वृद्धि हुई है। यही हाल फलों व किराने के सामानों का भी है। त्योहार का सीजन आते ही सेब 90 से सौ रुपये किलो, केला 50 रुपया दर्जन, अनार 80 रुपया किलो तथा संतरा 60 रुपया किलो तक बिक रहा है। यही हाल नवरात्र में उपयोग होने वाले किराना के सामानों का भी है। फलाहार में प्रयोग होने वाला कुट्टू का आटा 100 रुपया किलो, मूंगफली का तेल 160 रुपया लीटर तक बिक रहा है। गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार के लिए इस नवरात्र में फलाहार का इंतजाम करना मुश्किल हो रहा है।
इस बार नवरात्र का व्रत होगा महंगा
नवरात्र की खरीदारी करने आई पल्लवी ओझा ने बताया कि इस बार नवरात्र में फल एवं सब्जियों के साथ पूजा सामग्री के दाम भी बढ़ गये हैं। जिससे गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों को नवरात्र के थाली की व्यवस्था करने में समस्या हो रही है। ममता पांडेय ने बताया कि कोरोना की वजह से आर्थिक संकट पैदा हो गया है जिसमें बढ़ी महंगाई के कारण नवरात्र के फलाहार की व्यवस्था करने में दिक्कत हो रही है। पूजा यादव ने बताया कि आलू के महंगे होने से नवरात्र का व्रत महंगा पड़ेगा।
फलों, सब्जियों व किराना सामानों के भाव
आलू- 40-60 रुपया प्रति किलो
टमाटर- 40
सेब- 100
केला- 50 रुपया प्रति दर्जन
अनार- 80 रुपया किलो
संतरा- 60
साबूदाना- 80
मूंगफली का दाना- 100
कुट्टू का आटा- 100
मूंगफली का तेल - 160
खीरा- 55 रुपया प्रति किलो
गोंडा। शनिवार से शारदीय नवरात्र लगते ही त्योहारों का सीजन शुरू हो जायेगा। त्योहारों के कारण बाजार में भीड़ बढ़ी है। लेकिन बेतहाशा बढ़ रही महंगाई के चलते बाजार की रौनक कम हो गई है। गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों को नवरात्र के थाली की चिंता सताने लगी है। कोरोना लॉकडाउन की वजह से लोगों के रोजगार छिन जाने से आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। दो दिन बाद नवरात्र शुरू होने के चलते फल एवं सब्जियों के साथ किराना के सामानों में मूल्यवृद्धि हुई है। जिससे गरीबों के फलाहार में सर्वाधिक प्रयोग किया जाने वाले आलू के भाव आसमान छू रहे हैं।
आलू के दाम में एक सप्ताह के अंदर ही 20 रुपये तक बढ़ोत्तरी हुई है। 22 रुपये किलो बिकने वाला आलू अब 40 रुपये में बिक रहा है तथा नया आलू बाजार में 60 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। टमाटर के दामों में भी 10 रुपये किलो तक वृद्धि हुई है। यही हाल फलों व किराने के सामानों का भी है। त्योहार का सीजन आते ही सेब 90 से सौ रुपये किलो, केला 50 रुपया दर्जन, अनार 80 रुपया किलो तथा संतरा 60 रुपया किलो तक बिक रहा है। यही हाल नवरात्र में उपयोग होने वाले किराना के सामानों का भी है। फलाहार में प्रयोग होने वाला कुट्टू का आटा 100 रुपया किलो, मूंगफली का तेल 160 रुपया लीटर तक बिक रहा है। गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार के लिए इस नवरात्र में फलाहार का इंतजाम करना मुश्किल हो रहा है।
इस बार नवरात्र का व्रत होगा महंगा
नवरात्र की खरीदारी करने आई पल्लवी ओझा ने बताया कि इस बार नवरात्र में फल एवं सब्जियों के साथ पूजा सामग्री के दाम भी बढ़ गये हैं। जिससे गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों को नवरात्र के थाली की व्यवस्था करने में समस्या हो रही है। ममता पांडेय ने बताया कि कोरोना की वजह से आर्थिक संकट पैदा हो गया है जिसमें बढ़ी महंगाई के कारण नवरात्र के फलाहार की व्यवस्था करने में दिक्कत हो रही है। पूजा यादव ने बताया कि आलू के महंगे होने से नवरात्र का व्रत महंगा पड़ेगा।
फलों, सब्जियों व किराना सामानों के भाव
आलू- 40-60 रुपया प्रति किलो
टमाटर- 40
सेब- 100
केला- 50 रुपया प्रति दर्जन
अनार- 80 रुपया किलो
संतरा- 60
साबूदाना- 80
मूंगफली का दाना- 100
कुट्टू का आटा- 100
मूंगफली का तेल - 160
खीरा- 55 रुपया प्रति किलो