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झांसी। पुलिस अपनी गर्दन बचाने व गुड वर्क के चक्कर में किसी के भी भविष्य से खिलवाड़ करने में तनिक भी गुरेज नहीं करती है। यह सच डा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाओं को क्षतिग्रस्त किए जाने के मामले के खुलासे में जुटी पुलिस द्वारा निर्दोष एक युवक को बिना कुसूर जेल में डालने का ताना बना बुनने से उजागर हो गया। पुलिस अपने षड्यंत्र में सफल भी हो जाती, लेकिन युवक को फंसाने के लिए गढ़ी गई कहानी में झोल ही झोल नजर आने पर एसएसपी को शक हो गया। उन्होंने एएसपी से पूरे मामले की जांच कराई तो पुलिस का काला चेहरा सामने आ गया। वर्दीधारियों की इस कारगुजारी से गुस्साए एसएसपी ने नवाबाद थाने की पुलिस की जमकर क्लास लगाते हुए तत्काल पकड़े युवक को छोड़ने के निर्देश दिए। साथ ही असली अभियुक्तों को ही गिरफ्तार करने के निर्देश दिए।
दस सितंबर की रात असामाजिक तत्वों द्वारा कचहरी और तालपुरा चौराहे पर लगी डा. अंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने की घटना के बाद एसएसपी डा. के. एजिलरसन ने नवाबाद पुलिस को जल्द से जल्द अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे। उन्होंने कड़े तेवर अख्तियार करते हुए कहा था कि अभियुक्तों पर रासुका लगाई जाएगी। एसएसपी के तेवर देख नवाबाद थाने की पुलिस ने भी जल्द से जल्द घटना का खुलासा कर अपनी पीठ थपथपाने के लिए षड्यंत्र रचना शुरू कर दिया। षड्यंत्र में एक ऐसे युवक को मुल्जिम बनाने की कहानी गढ़ी गई, जिससे एक पुलिस कर्मी का लेन देने को लेकर विवाद चल रहा था। कहानी में इस युवक को इस बिना पर फिट किया गया कि दस सितंबर की रात उसके मोबाइल का लोकेशन कचहरी चौराहा व तालपुरा चौराहे पर था। युवक को पकड़ लिया गया। बताया गया कि शराब के नशे में इस युवक ने अपने साथियों के साथ अंबेडकर मूर्तियां तोड़ी थीं। पुलिस बाकी दो को भी फंसाने की पूरी तैयारी कर चुकी थी। इतनी जल्दी मामले का खुलासा होता देख अफसर भी प्रसन्न थे। लेकिन, जब एसएसपी को पूरी कहानी सुनाई गई तो उन्हें इसमें झोल नजर आया।
उन्होंने शुक्रवार की रात एएसपी बबलू कुमार को हिरासत में लिए गए युवक से पूछताछ कर सत्यता का पता लगाने की जिम्मेदारी सौंपी। एएसपी ने हिरासत में लिए युवक से पूछताछ की तो पाया कि उसका मूर्ति तोड़ने के मामले से कोई संबंध नहीं है। इसकी जानकारी उन्होंने एसएसपी को दी। इस पर पुलिस कप्तान ने थानाध्यक्ष नवाबाद की जमकर क्लास लगाई।
झांसी। पुलिस अपनी गर्दन बचाने व गुड वर्क के चक्कर में किसी के भी भविष्य से खिलवाड़ करने में तनिक भी गुरेज नहीं करती है। यह सच डा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाओं को क्षतिग्रस्त किए जाने के मामले के खुलासे में जुटी पुलिस द्वारा निर्दोष एक युवक को बिना कुसूर जेल में डालने का ताना बना बुनने से उजागर हो गया। पुलिस अपने षड्यंत्र में सफल भी हो जाती, लेकिन युवक को फंसाने के लिए गढ़ी गई कहानी में झोल ही झोल नजर आने पर एसएसपी को शक हो गया। उन्होंने एएसपी से पूरे मामले की जांच कराई तो पुलिस का काला चेहरा सामने आ गया। वर्दीधारियों की इस कारगुजारी से गुस्साए एसएसपी ने नवाबाद थाने की पुलिस की जमकर क्लास लगाते हुए तत्काल पकड़े युवक को छोड़ने के निर्देश दिए। साथ ही असली अभियुक्तों को ही गिरफ्तार करने के निर्देश दिए।
दस सितंबर की रात असामाजिक तत्वों द्वारा कचहरी और तालपुरा चौराहे पर लगी डा. अंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने की घटना के बाद एसएसपी डा. के. एजिलरसन ने नवाबाद पुलिस को जल्द से जल्द अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे। उन्होंने कड़े तेवर अख्तियार करते हुए कहा था कि अभियुक्तों पर रासुका लगाई जाएगी। एसएसपी के तेवर देख नवाबाद थाने की पुलिस ने भी जल्द से जल्द घटना का खुलासा कर अपनी पीठ थपथपाने के लिए षड्यंत्र रचना शुरू कर दिया। षड्यंत्र में एक ऐसे युवक को मुल्जिम बनाने की कहानी गढ़ी गई, जिससे एक पुलिस कर्मी का लेन देने को लेकर विवाद चल रहा था। कहानी में इस युवक को इस बिना पर फिट किया गया कि दस सितंबर की रात उसके मोबाइल का लोकेशन कचहरी चौराहा व तालपुरा चौराहे पर था। युवक को पकड़ लिया गया। बताया गया कि शराब के नशे में इस युवक ने अपने साथियों के साथ अंबेडकर मूर्तियां तोड़ी थीं। पुलिस बाकी दो को भी फंसाने की पूरी तैयारी कर चुकी थी। इतनी जल्दी मामले का खुलासा होता देख अफसर भी प्रसन्न थे। लेकिन, जब एसएसपी को पूरी कहानी सुनाई गई तो उन्हें इसमें झोल नजर आया।
उन्होंने शुक्रवार की रात एएसपी बबलू कुमार को हिरासत में लिए गए युवक से पूछताछ कर सत्यता का पता लगाने की जिम्मेदारी सौंपी। एएसपी ने हिरासत में लिए युवक से पूछताछ की तो पाया कि उसका मूर्ति तोड़ने के मामले से कोई संबंध नहीं है। इसकी जानकारी उन्होंने एसएसपी को दी। इस पर पुलिस कप्तान ने थानाध्यक्ष नवाबाद की जमकर क्लास लगाई।