न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उन्नाव
Updated Sat, 31 Oct 2020 09:32 PM IST
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उन्नाव जिले के सफीपुर में पेट की बीमारी से परेशान बुजुर्ग किसान की मौत हो गई। सदमे में पत्नी ने भी दम तोड़ दिया। एक घंटे के अंतराल में बुजुर्ग दंपति की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। माता-पिता के अंतिम संस्कार के दौरान बेटे फफक पड़े।
मौजूद रिश्तेदारों व ग्रामीणों की आंखें भर आईं। नौबतपुर गांव निवासी किसान मेवालाल (65) के पेट में कुछ महीने से दर्द था। शुक्रवार दोपहर खाना खाने के बाद अचानक पेट में तेज दर्द शुरू हो गया। परिजनाें ने सीएचसी सफीपुर में इलाज कराया।
लाभ न मिलने पर शहर के कब्बाखेड़ा स्थित नर्सिंगहोम में भर्ती कराया। शाम चार बजे मेवालाल की मौत हो गई। नर्सिंगहोम में मौजूद परिजनों ने बुजुर्ग की मौत की सूचना घर की महिलाओं को नहीं दी।
पति की मौत से अनजान 60 वर्षीय पत्नी एक घंटे बाद उन्हें देखने नर्सिंग होम पहुंच गईं। पति की मौत की खबर सुनते ही वह शव के पास पहुंची और बिलख पड़ीं। पति की मौत का ऐसा सदमा लगा कि अचानक सीने में तेज दर्द उठने के कुछ देर बाद ही उनकी भी मृत्यु हो गई।
दोनों के शवों को लेकर परिजन रात में घर पहुंचे। माता-पिता के शव देख उनके तीन बेटे व दो बेटियां बदहवास हो गईं। सुबह अंतिम संस्कार के लिए शव को परियर घाट ले जाया गया। माता-पिता की एक साथ मौत से बेटे व परिजन बेहाल रहे।
उन्नाव जिले के सफीपुर में पेट की बीमारी से परेशान बुजुर्ग किसान की मौत हो गई। सदमे में पत्नी ने भी दम तोड़ दिया। एक घंटे के अंतराल में बुजुर्ग दंपति की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। माता-पिता के अंतिम संस्कार के दौरान बेटे फफक पड़े।
मौजूद रिश्तेदारों व ग्रामीणों की आंखें भर आईं। नौबतपुर गांव निवासी किसान मेवालाल (65) के पेट में कुछ महीने से दर्द था। शुक्रवार दोपहर खाना खाने के बाद अचानक पेट में तेज दर्द शुरू हो गया। परिजनाें ने सीएचसी सफीपुर में इलाज कराया।
लाभ न मिलने पर शहर के कब्बाखेड़ा स्थित नर्सिंगहोम में भर्ती कराया। शाम चार बजे मेवालाल की मौत हो गई। नर्सिंगहोम में मौजूद परिजनों ने बुजुर्ग की मौत की सूचना घर की महिलाओं को नहीं दी।
पति की मौत से अनजान 60 वर्षीय पत्नी एक घंटे बाद उन्हें देखने नर्सिंग होम पहुंच गईं। पति की मौत की खबर सुनते ही वह शव के पास पहुंची और बिलख पड़ीं। पति की मौत का ऐसा सदमा लगा कि अचानक सीने में तेज दर्द उठने के कुछ देर बाद ही उनकी भी मृत्यु हो गई।
दोनों के शवों को लेकर परिजन रात में घर पहुंचे। माता-पिता के शव देख उनके तीन बेटे व दो बेटियां बदहवास हो गईं। सुबह अंतिम संस्कार के लिए शव को परियर घाट ले जाया गया। माता-पिता की एक साथ मौत से बेटे व परिजन बेहाल रहे।