न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Updated Fri, 13 Nov 2020 02:33 PM IST
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कानपुर में स्कूली छात्रा संग दुष्कर्म करने फिर उनका अश्लील वीडियो बनाकर रुपये ऐंठने वाले गिरोह के सदस्य को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट राजवीर सिंह ने दस साल कठोर कारावास और तीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न देने पर चार माह की कैद और भुगतनी होगी। तिलक नगर स्थित नगर निगम इंटर कॉलेज में इंटर की छात्रा आजाद नगर स्थित कोचिंग पढ़ने जाती थी।
रास्ते में कुछ लड़के छात्रा से छेड़छाड़ करते थे। परेशान होकर एक माह बाद ही छात्रा ने कोचिंग छोड़ दी। इसी बीच आजाद नगर सूर्य विहार निवासी अभय प्रताप सिंह ने छात्रा को प्रेम जाल में फंसाया और उसे घुमाने लगा। एक दिन होटल में ले जाकर दुष्कर्म किया। उसके साथी आकाश व अन्य लोगों ने अश्लील वीडियो बना लिया। जिसके बाद वह छात्रा को ब्लैकमेल कर एक लाख रुपये मांगने लगे।
छात्रा ने पिता के एटीएम से रुपये दिए। जिसकी जानकारी पर पिता ने सख्ती से पूछताछ की तो छात्रा ने पूरी बात बताई। साल 2015 में कोहना थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। विशेष लोक अभियोजक गंगा प्रसाद यादव ने बताया कि विवेचना के बाद अभय प्रताप के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की गई। अभियुक्त पांच साल से जेल में बंद है। पीड़िता, उसकी मां और पिता समेत सात गवाह अभियोजन की ओर से पेश किए गए। सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने अभय के अपराध को गंभीर मानते हुए सजा सुनाई।
कोर्ट ने ठुकराया अभियुक्त का तर्क
सजा से बचने के लिए अभियुक्त अभय प्रताप की ओर से तर्क रखा गया कि छात्रा के पिता के घर पर उसने सबमर्सिबल लगाया था। ढाई हजार रुपए तय हुए थे। 500 रुपये एडवांस दिए बाकी रकम मांगने पर झूठे मुकदमे में फंसा दिया। कोर्ट ने अभियुक्त का तर्क खारिज करते हुए टिप्पणी की कि दुष्कर्म पीड़िता की सामाजिक मृत्यु हो जाती है। उसे दाग के साथ पूरा जीवन नारकीय रूप से बिताना पड़ता है। कोई भी पिता रुपए के लिए ऐसा आरोप नहीं लगा सकता।
कानपुर में स्कूली छात्रा संग दुष्कर्म करने फिर उनका अश्लील वीडियो बनाकर रुपये ऐंठने वाले गिरोह के सदस्य को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट राजवीर सिंह ने दस साल कठोर कारावास और तीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न देने पर चार माह की कैद और भुगतनी होगी। तिलक नगर स्थित नगर निगम इंटर कॉलेज में इंटर की छात्रा आजाद नगर स्थित कोचिंग पढ़ने जाती थी।
रास्ते में कुछ लड़के छात्रा से छेड़छाड़ करते थे। परेशान होकर एक माह बाद ही छात्रा ने कोचिंग छोड़ दी। इसी बीच आजाद नगर सूर्य विहार निवासी अभय प्रताप सिंह ने छात्रा को प्रेम जाल में फंसाया और उसे घुमाने लगा। एक दिन होटल में ले जाकर दुष्कर्म किया। उसके साथी आकाश व अन्य लोगों ने अश्लील वीडियो बना लिया। जिसके बाद वह छात्रा को ब्लैकमेल कर एक लाख रुपये मांगने लगे।
छात्रा ने पिता के एटीएम से रुपये दिए। जिसकी जानकारी पर पिता ने सख्ती से पूछताछ की तो छात्रा ने पूरी बात बताई। साल 2015 में कोहना थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। विशेष लोक अभियोजक गंगा प्रसाद यादव ने बताया कि विवेचना के बाद अभय प्रताप के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की गई। अभियुक्त पांच साल से जेल में बंद है। पीड़िता, उसकी मां और पिता समेत सात गवाह अभियोजन की ओर से पेश किए गए। सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने अभय के अपराध को गंभीर मानते हुए सजा सुनाई।
कोर्ट ने ठुकराया अभियुक्त का तर्क
सजा से बचने के लिए अभियुक्त अभय प्रताप की ओर से तर्क रखा गया कि छात्रा के पिता के घर पर उसने सबमर्सिबल लगाया था। ढाई हजार रुपए तय हुए थे। 500 रुपये एडवांस दिए बाकी रकम मांगने पर झूठे मुकदमे में फंसा दिया। कोर्ट ने अभियुक्त का तर्क खारिज करते हुए टिप्पणी की कि दुष्कर्म पीड़िता की सामाजिक मृत्यु हो जाती है। उसे दाग के साथ पूरा जीवन नारकीय रूप से बिताना पड़ता है। कोई भी पिता रुपए के लिए ऐसा आरोप नहीं लगा सकता।