किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं के बाद मेरठ जोन में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों का धरना खत्म कराने की जिम्मेदारी पुलिस को दी गई है। इसके मद्देनजर एडीजी राजीव सभरवाल और आईजी प्रवीण कुमार ने गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाल दिया है। दोनों अधिकारी किसान नेताओं और किसानों से लगातार बातचीत कर रहे हैं।
इस बीच पश्चिमी यूपी में इसके मद्देनजर अप्रिय घटनाएं रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पुलिस ने किसानों को सकुशल घर पहुंचाने की जिम्मेदारी भी ली है। जोन के सभी जिलों की पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि स्थानीय लोगों से बातचीत कर कानून-व्यवस्था को कायम रखा जाए। सभी जिले के कप्तान गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों के बारे में अपडेट भी ले रहे हैं।
जिलों से मांगी जा रही जानकारी
पुलिस का दावा है कि मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, सहारनपुर, बागपत और शामली से किसान आंदोलन में शामिल होने वाले किसानों की वीडियोग्राफी कराई गई थी। अब किस जनपद से कितने किसान दिल्ली पहुंचे हैं, इसकी जानकारी मांगी जा रही है।
खुफिया विभाग ने नहीं दिया था इनपुट
दिल्ली में हुए बवाल का अंदेशा पहले से था। हालांकि खुफिया विभाग ने इसका कोई इनपुट नहीं दिया था। हिंसा के बाद अब खुफिया विभाग भी सतर्क हो गया है। पुलिस के साथ-साथ खुफिया विभाग भी रोजाना जिले के गांव तक भी नजर लगाए हुए हैं। बताया जाता है कि आंदोलन से निपटने के बाद इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर इस लापरवाही की गाज गिर सकती है।
वापस आ रहे ट्रैक्टर नहीं रोके गए
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली में शामिल होने के बाद पश्चिमी यूपी के किसान नेताओं और किसानों की वापसी बुधवार को भी जारी रही। बड़ी संख्या में किसान मंगलवार देर रात तक ही लौट आए थे।
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