अराधना की अंतिम यात्रा में करीब 600 लोग शामिल हुए, और उसे बाल तपस्वी बताया। यही नहीं, उसकी शव यात्रा को शोभा यात्रा का नाम दिया गया। बच्ची की मौत पर पिता ने कहा, कोई बाप नहीं चाहेगा की उसकी बच्ची की मौत हो। एक संत ने पिता को सलाह दी थी कि अगर बेटी व्रत करेगी तो ज्वेलरी के बिजनेस में फायदा होगा।
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9 अक्टूबर 2016
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8 अक्टूबर 2016
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