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फेसबुक ने आखिरकार अपनी सुरक्षा में चूक की बात स्वीकार कर ली है। सोशल मीडिया की महारथी कंपनी ने शुक्रवार को बताया कि पिछले महीने के अंत में हैकर्स ने साइबर अटैक के जरिए करीब 2.90 करोड़ फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारियों को चुरा लिया है। कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी की तरफ से 5 करोड़ लोगों का डाटा चुरा लिए जाने से विवादों में फंसने के बाद फेसबुक के लिए ये हालिया महीनों में दूसरा शर्मिंदा करने वाला मामला है।
दरअसल फेसबुक ने पिछले महीने के आखिर में बताया था कि उसके 5 करोड़ यूजर्स के खातों पर साइबर अटैक हुआ है। इसके बाद फेसबुक से हैक होने वाले खातों का ब्योरा मांगा गया था। इसी कारण शुक्रवार को उसके उपाध्यक्ष गुई रोसेन ने एक ऑनलाइन पोस्ट में 2.90 करोड़ यूजर्स का डाटा चोरी होने की जानकारी दी। रोसेन ने बताया कि हैकर्स ने तीन सॉफ्टवेयर में अपनी घुसपैठ बनाकर ‘एक्सेस टोकन’ चोरी कर लिया, जो किसी भी फेसबुक यूजर को वेबसाइट पर अपने खाते में ऑटोमेटिक लॉग-इन करने की सुविधा देता है।
नेटवर्क में यह घुसपैठ फेसबुक के इंजीनियरों की पकड़ में 25 सितंबर को आई थी और दो दिन बाद इसे ठीक कर लिया गया था। रोसेन ने बताया कि इन हैकर्स की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है, लेकिन इन्होंने करीब 1.5 करोड़ लोगों के नाम, मोबाइल फोन नंबर और ई-मेल पते चोरी कर लिए। रोसेन ने अपनी पोस्ट में कहा कि अन्य 1.4 करोड़ लोगों को इससे भी ज्यादा नुकसान पहुंचा है। हैकर्स ने इनके नाम, मोबाइल नंबर और ई-मेल के अलावा लिंग, धर्म, घरेलू शहर, जन्म तिथि और इन लोगों की तरफ से हाल ही में ‘चेक-इन’ विकल्प का उपयोग करने वाले स्थानों की जानकारी भी चोरी कर ली।
रोसेन ने बताया कि करीब 1 करोड़ यूजर्स के खाते से अभी कोई डाटा नहीं लिया गया है, लेकिन इनका ‘एक्सेस टोकन’ अब भी हैकर्स के पास है और इस कारण इनकी गोपनीयता भी खतरे में है। रोसेन ने बताया कि इस अटैक को झेलने वाले 5 करोड़ यूजर्स का एक्सेस टोकन को रिसेट किया गया है। इसके चलते इन सभी को दोबारा से अपने खाते में लॉग-इन करना होगा।
फेसबुक के अनुसार, डाटा की यह चोरी ‘व्यू एज’ टूल के जरिए की गई थी। यह निजी टूल किसी भी यूजर को ये देखने में मदद करता है कि अन्य लोगों को उसके खाते का मुख्य पेज किस तरह दिखाई देता है।
फेसबुक ने फिलहाल इस टूल को बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि अटैक किए गए 5 करोड़ यूजर्स के अलावा ‘व्यू एज’ टूल का उपयोग करने वाले 4 करोड़ अन्य यूजर्स के भी खातों के भी एक्सेस टोकन को रिसेट किया जा रहा है।
इन्हें भी दोबारा अपने खाते में लॉग-इन करना होगा। हालांकि उन्होंने कहा कि फेसबुक से जुड़े मैसेंजर, मैसेंजर किड्स, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, ओक्यूलस, वर्कप्लेस, पेजेज, पेमेंट्स, थर्ड पार्टी एप्स या विज्ञापन या डवलपर खातों पर इस साइबर अटैक से कोई प्रभाव नहीं पड़ा है और ये सभी पूरी तरह सुरक्षित हैं।
फेसबुक ने कहा है कि उसने अमेरिका में होने वाले मध्यवर्ती चुनाव से कुछ हफ्ते पहले राजनीतिक सामग्री वाले बेकार लिंक और यूजरों को स्पैम करने के मकसद से बनाए गए 800 से अधिक खातों को बंद कर दिया है। इन खातों अपने पेज को वास्तविकता के मुकाबले ज्यादा लोकप्रिय दिखाने की कोशिश की है।
फेसबुक ने कहा कि ये खाते यूजर्स को गुमराह करने के लिए डिजाइन किए गए थे। इन वेबसाइटों को फेसबुक पर सनसनीखेज राजनीतिक सामग्री फैलाने के लिए डिजाइन किया गया था ताकि यूजरों को फेसबुक के बाहर विज्ञापन से भरी वेबसाइटों पर ले जाया जा सके।
फेसबुक ने कहा कि जिन पेजों को हटाया गया है उसमें राजनीतिक विचारधारा के दोनों पक्षों की सामग्री शामिल है। हालांकि, फेसबुक ने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये पेज दक्षिणपंथी विचारधारा से ज्यादा जुड़े हुए थे या वामपंथी विचारधारा से।
फेसबुक को जब से रूसी एजेंटों के 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में उसकी सेवा का दुरुपयोग की जानकारी मिली है तभी से वह गलत सूचना और चुनाव में हस्तक्षेप को खत्म करने के लिए काम कर रहा है।
फेसबुक ने कहा कि वह उन पोस्टों और तस्वीरों से संबंधित सामग्री को नहीं देखता है जो इन खातों से फैलाई जा रही थी। बल्कि, वह पेज को हटाने के दौरान उनके व्यवहार को देखता है कि क्या वे फर्जी खाते का उपयोग कर रहे हैं या स्पैम भेज रहे हैं।
फेसबुक ने आखिरकार अपनी सुरक्षा में चूक की बात स्वीकार कर ली है। सोशल मीडिया की महारथी कंपनी ने शुक्रवार को बताया कि पिछले महीने के अंत में हैकर्स ने साइबर अटैक के जरिए करीब 2.90 करोड़ फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारियों को चुरा लिया है। कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी की तरफ से 5 करोड़ लोगों का डाटा चुरा लिए जाने से विवादों में फंसने के बाद फेसबुक के लिए ये हालिया महीनों में दूसरा शर्मिंदा करने वाला मामला है।
दरअसल फेसबुक ने पिछले महीने के आखिर में बताया था कि उसके 5 करोड़ यूजर्स के खातों पर साइबर अटैक हुआ है। इसके बाद फेसबुक से हैक होने वाले खातों का ब्योरा मांगा गया था। इसी कारण शुक्रवार को उसके उपाध्यक्ष गुई रोसेन ने एक ऑनलाइन पोस्ट में 2.90 करोड़ यूजर्स का डाटा चोरी होने की जानकारी दी। रोसेन ने बताया कि हैकर्स ने तीन सॉफ्टवेयर में अपनी घुसपैठ बनाकर ‘एक्सेस टोकन’ चोरी कर लिया, जो किसी भी फेसबुक यूजर को वेबसाइट पर अपने खाते में ऑटोमेटिक लॉग-इन करने की सुविधा देता है।
नेटवर्क में यह घुसपैठ फेसबुक के इंजीनियरों की पकड़ में 25 सितंबर को आई थी और दो दिन बाद इसे ठीक कर लिया गया था। रोसेन ने बताया कि इन हैकर्स की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है, लेकिन इन्होंने करीब 1.5 करोड़ लोगों के नाम, मोबाइल फोन नंबर और ई-मेल पते चोरी कर लिए। रोसेन ने अपनी पोस्ट में कहा कि अन्य 1.4 करोड़ लोगों को इससे भी ज्यादा नुकसान पहुंचा है। हैकर्स ने इनके नाम, मोबाइल नंबर और ई-मेल के अलावा लिंग, धर्म, घरेलू शहर, जन्म तिथि और इन लोगों की तरफ से हाल ही में ‘चेक-इन’ विकल्प का उपयोग करने वाले स्थानों की जानकारी भी चोरी कर ली।
रोसेन ने बताया कि करीब 1 करोड़ यूजर्स के खाते से अभी कोई डाटा नहीं लिया गया है, लेकिन इनका ‘एक्सेस टोकन’ अब भी हैकर्स के पास है और इस कारण इनकी गोपनीयता भी खतरे में है। रोसेन ने बताया कि इस अटैक को झेलने वाले 5 करोड़ यूजर्स का एक्सेस टोकन को रिसेट किया गया है। इसके चलते इन सभी को दोबारा से अपने खाते में लॉग-इन करना होगा।
‘व्यू एज’ टूल से हुई चोरी
फेसबुक के अनुसार, डाटा की यह चोरी ‘व्यू एज’ टूल के जरिए की गई थी। यह निजी टूल किसी भी यूजर को ये देखने में मदद करता है कि अन्य लोगों को उसके खाते का मुख्य पेज किस तरह दिखाई देता है।
फेसबुक ने फिलहाल इस टूल को बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि अटैक किए गए 5 करोड़ यूजर्स के अलावा ‘व्यू एज’ टूल का उपयोग करने वाले 4 करोड़ अन्य यूजर्स के भी खातों के भी एक्सेस टोकन को रिसेट किया जा रहा है।
इन्हें भी दोबारा अपने खाते में लॉग-इन करना होगा। हालांकि उन्होंने कहा कि फेसबुक से जुड़े मैसेंजर, मैसेंजर किड्स, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, ओक्यूलस, वर्कप्लेस, पेजेज, पेमेंट्स, थर्ड पार्टी एप्स या विज्ञापन या डवलपर खातों पर इस साइबर अटैक से कोई प्रभाव नहीं पड़ा है और ये सभी पूरी तरह सुरक्षित हैं।
अमेरिका में चुनाव से पहले फेसबुक ने हटाए 800 खाते
फेसबुक ने कहा है कि उसने अमेरिका में होने वाले मध्यवर्ती चुनाव से कुछ हफ्ते पहले राजनीतिक सामग्री वाले बेकार लिंक और यूजरों को स्पैम करने के मकसद से बनाए गए 800 से अधिक खातों को बंद कर दिया है। इन खातों अपने पेज को वास्तविकता के मुकाबले ज्यादा लोकप्रिय दिखाने की कोशिश की है।
फेसबुक ने कहा कि ये खाते यूजर्स को गुमराह करने के लिए डिजाइन किए गए थे। इन वेबसाइटों को फेसबुक पर सनसनीखेज राजनीतिक सामग्री फैलाने के लिए डिजाइन किया गया था ताकि यूजरों को फेसबुक के बाहर विज्ञापन से भरी वेबसाइटों पर ले जाया जा सके।
हटाए गए पेजों में दोनों राजनीतिक विचारधाराओं की सामग्रियां शामिल
फेसबुक ने कहा कि जिन पेजों को हटाया गया है उसमें राजनीतिक विचारधारा के दोनों पक्षों की सामग्री शामिल है। हालांकि, फेसबुक ने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये पेज दक्षिणपंथी विचारधारा से ज्यादा जुड़े हुए थे या वामपंथी विचारधारा से।
फेसबुक को जब से रूसी एजेंटों के 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में उसकी सेवा का दुरुपयोग की जानकारी मिली है तभी से वह गलत सूचना और चुनाव में हस्तक्षेप को खत्म करने के लिए काम कर रहा है।
फेसबुक ने कहा कि वह उन पोस्टों और तस्वीरों से संबंधित सामग्री को नहीं देखता है जो इन खातों से फैलाई जा रही थी। बल्कि, वह पेज को हटाने के दौरान उनके व्यवहार को देखता है कि क्या वे फर्जी खाते का उपयोग कर रहे हैं या स्पैम भेज रहे हैं।