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अमेरिकी संसद में प्रभावशाली डेमाक्रेट सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने लद्दाख के निकट चीन द्वारा करवाए जा रहे निर्माण कार्यों को भड़काने वाली हरकत करार दिया है।
उन्हाेंने चिंता जताई है कि अगर चीन की यह गतिविधियां जारी रहीं तो तनाव बढ़ेगा, इस विषय पर अमेरिका और नए चुने गए राष्ट्रपति बाइडन भारत के साथ खड़े हैं। उन्हाेंने यह भी कहा कि दक्षिण चीन सागर में चीन ने जिस तरीके से अपने पांव पसारने की नीति अपनाई, वैसा ही वह अब भारतीय सीमा पर भी कर रहा है।
चीन की इन गतिविधियों की वजह से भारतीय सेना लद्दाख में मई से मुकाबले के लिए तैनात है। चीन ने सैन्य जमावड़े में इजाफा किया है, जिस के जवाब में भारत ने भी अपनी तैयारियां बढ़ाई।
राजा कृष्णामूर्थि ने उपग्रह से मिली तस्वीरों में चीनी निर्माण कार्यों की बात सामने आने पर कहा कि अगर यह रिपोर्ट सही हैं तो यह चीनी सेना भड़काने वाले वाले काम कर रही है। वह पहले भी ऐसी हरकतें करता रहा है। दक्षिण चीन में उसने पहले से तय सीमाओं को बदलने का प्रयास किया। कृष्णमूर्थि अमेरिका में खुफिया मामले पर बनी संसद की स्थायी तदर्थ समिति में पहली बार शामिल किए गए भारतीय अमेरिकी हैं। वे लगातार तीसरी बार हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के लिए चुने गए हैं।
बाइडन भारत के साथ
उन्हाेंने कहा कि मौजूदा राष्ट्रपति ट्रंप और हाल में चुने गए डेमोक्रेट जो बाइडन का प्रशासन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के साथ खड़ा है। बाइडन भारत के पुराने मित्र रहे हैं। वे और अमेरिका की उपराष्ट्रपति चुने गईं भारतीय मूल की कमला हैरिस नई दिल्ली से संबंध मजबूत करने में जुटे रहे हैं। नामित राज्य सचिव एंथनी ब्लिंकेन भी लंबे समय से भारत के मित्र रहे हैं। रिपब्लिकन और डेमोक्रेट राष्ट्रपतियों की तरह वे भारत का साथ देने और क्षेत्र में चीन या किसी अन्य द्वारा की जा रही सैन्य गतिविधि का विरोध करने की नीति अपनाएंगे।
दक्षिण चीन में चीन ने यह हरकत की
यहां के समस्त 13 लाख वर्ग किमी क्षेत्र को चीन अपना संप्रभु क्षेत्र बताता है। यह आकार में विश्व के 12वें सबसे बड़े देश सऊदी अरब जितना है। यहां उसने ब्रूनेई, मलयशिया, फिलिपींस, ताइवान और वियतनाम के दावे वाले क्षेत्रों में कृत्रिम द्वीप बना सैन्य बेस स्थापित किए। मछली पकड़ने, खनिज उत्खनन व अन्य व्यावसायिक कामों से बाकी देशों को रोका है।
बाइडन चीन की अर्थव्यवस्था के लिए घातक
अमेरिका-चीन तनाव के बीच जाने-माने अर्थशास्त्री डेविड ली डाओकुई ने बाइडन का राष्ट्रपति बनना चीन की अर्थव्यवस्था के लिए घातक बताया। सिंगुआ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व चीन के सेंट्रल बैंक के पूर्व सलाहकार रहे डेविड ने कहा कि 2024 में ट्रंप की वापसी की संभावना भी खत्म नहीं हुई है। चीन के लिए यह अच्छे संकेत नहीं हैं क्योंकि बाइडन चीन के संदर्भ में ट्रंप की कठोर नीति जारी रख सकते हैं। चीन को भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि अमेरिका पर उसे लेकर अपना रुख बदलेगा।
अमेरिकी संसद में प्रभावशाली डेमाक्रेट सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने लद्दाख के निकट चीन द्वारा करवाए जा रहे निर्माण कार्यों को भड़काने वाली हरकत करार दिया है।
उन्हाेंने चिंता जताई है कि अगर चीन की यह गतिविधियां जारी रहीं तो तनाव बढ़ेगा, इस विषय पर अमेरिका और नए चुने गए राष्ट्रपति बाइडन भारत के साथ खड़े हैं। उन्हाेंने यह भी कहा कि दक्षिण चीन सागर में चीन ने जिस तरीके से अपने पांव पसारने की नीति अपनाई, वैसा ही वह अब भारतीय सीमा पर भी कर रहा है।
चीन की इन गतिविधियों की वजह से भारतीय सेना लद्दाख में मई से मुकाबले के लिए तैनात है। चीन ने सैन्य जमावड़े में इजाफा किया है, जिस के जवाब में भारत ने भी अपनी तैयारियां बढ़ाई।
राजा कृष्णामूर्थि ने उपग्रह से मिली तस्वीरों में चीनी निर्माण कार्यों की बात सामने आने पर कहा कि अगर यह रिपोर्ट सही हैं तो यह चीनी सेना भड़काने वाले वाले काम कर रही है। वह पहले भी ऐसी हरकतें करता रहा है। दक्षिण चीन में उसने पहले से तय सीमाओं को बदलने का प्रयास किया। कृष्णमूर्थि अमेरिका में खुफिया मामले पर बनी संसद की स्थायी तदर्थ समिति में पहली बार शामिल किए गए भारतीय अमेरिकी हैं। वे लगातार तीसरी बार हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के लिए चुने गए हैं।
बाइडन भारत के साथ
उन्हाेंने कहा कि मौजूदा राष्ट्रपति ट्रंप और हाल में चुने गए डेमोक्रेट जो बाइडन का प्रशासन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के साथ खड़ा है। बाइडन भारत के पुराने मित्र रहे हैं। वे और अमेरिका की उपराष्ट्रपति चुने गईं भारतीय मूल की कमला हैरिस नई दिल्ली से संबंध मजबूत करने में जुटे रहे हैं। नामित राज्य सचिव एंथनी ब्लिंकेन भी लंबे समय से भारत के मित्र रहे हैं। रिपब्लिकन और डेमोक्रेट राष्ट्रपतियों की तरह वे भारत का साथ देने और क्षेत्र में चीन या किसी अन्य द्वारा की जा रही सैन्य गतिविधि का विरोध करने की नीति अपनाएंगे।
दक्षिण चीन में चीन ने यह हरकत की
यहां के समस्त 13 लाख वर्ग किमी क्षेत्र को चीन अपना संप्रभु क्षेत्र बताता है। यह आकार में विश्व के 12वें सबसे बड़े देश सऊदी अरब जितना है। यहां उसने ब्रूनेई, मलयशिया, फिलिपींस, ताइवान और वियतनाम के दावे वाले क्षेत्रों में कृत्रिम द्वीप बना सैन्य बेस स्थापित किए। मछली पकड़ने, खनिज उत्खनन व अन्य व्यावसायिक कामों से बाकी देशों को रोका है।
बाइडन चीन की अर्थव्यवस्था के लिए घातक
अमेरिका-चीन तनाव के बीच जाने-माने अर्थशास्त्री डेविड ली डाओकुई ने बाइडन का राष्ट्रपति बनना चीन की अर्थव्यवस्था के लिए घातक बताया। सिंगुआ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व चीन के सेंट्रल बैंक के पूर्व सलाहकार रहे डेविड ने कहा कि 2024 में ट्रंप की वापसी की संभावना भी खत्म नहीं हुई है। चीन के लिए यह अच्छे संकेत नहीं हैं क्योंकि बाइडन चीन के संदर्भ में ट्रंप की कठोर नीति जारी रख सकते हैं। चीन को भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि अमेरिका पर उसे लेकर अपना रुख बदलेगा।