वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन
Updated Mon, 30 Nov 2020 08:57 AM IST
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दुनिया में पहली बार किसी अदालत में वायु प्रदूषण से हुई मौत पर सुनवाई की जाएगी। यूनाइटेड किंगडम की साउथवार्क कॉर्नर्स अदालत में 30 नवंबर यानि आज इस मामले पर सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करेगा। दरअसल लंदन में रहने वाली नौ साल की एल्ला कीसी देबराह की साल 2013 में मौत हो गई थी।
एल्ला की मौत अस्थमा के गंभीर दौरे और सांस की तकलीफ की वजह से हुई थी। देबराह के घर के पास लगातार तीन सालों से वायु प्रदूषण लंदन के मानकों से ज्यादा रहा। इसलिए एल्ला की मौत के पीछे वायु प्रदूषण को एक संभावित कारण माना जा रहा है।
देबराह की मां रोजमंड एल्ला ने यूके हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के लिए याचिका दायर की। पीड़ित परिवार की कानूनी टीम ने इस मामले को खोलने के लिए वायु प्रदूषण को आधार बनाया। इस मामले में वायु प्रदूषण के कारण हुई बच्ची की मौत को लेकर सरकार की विफलताओं को बताया गया।
इसके अलावा याचिका में स्थानीय सरकार पर भी आरोप लगाए गए कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए स्थानीय सरकार की योजनाएं विफल रहीं। इस पर भी कोर्ट सुनवाई करेगा। बता दें कि एल्ला कीसी देबराह को मौत से पहले 27 बार अस्पताल जाना पड़ा था।
एल्ला को सांस लेने में भारी तकलीफ हो रही थी। इसके अलावा कोर्ट में यह भी देखा जाएगा कि उसकी बीमारी के दौरान क्या प्रदूषण स्तर को सही तरीके से मापा गया था या नहीं। बता दें कि ये दुनिया में पहला ऐसा मामला होगा, जिसमें वायु प्रदूषण से हुई मौत पर कोर्ट सुनवाई करेगा।
दुनिया में पहली बार किसी अदालत में वायु प्रदूषण से हुई मौत पर सुनवाई की जाएगी। यूनाइटेड किंगडम की साउथवार्क कॉर्नर्स अदालत में 30 नवंबर यानि आज इस मामले पर सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करेगा। दरअसल लंदन में रहने वाली नौ साल की एल्ला कीसी देबराह की साल 2013 में मौत हो गई थी।
एल्ला की मौत अस्थमा के गंभीर दौरे और सांस की तकलीफ की वजह से हुई थी। देबराह के घर के पास लगातार तीन सालों से वायु प्रदूषण लंदन के मानकों से ज्यादा रहा। इसलिए एल्ला की मौत के पीछे वायु प्रदूषण को एक संभावित कारण माना जा रहा है।
देबराह की मां रोजमंड एल्ला ने यूके हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के लिए याचिका दायर की। पीड़ित परिवार की कानूनी टीम ने इस मामले को खोलने के लिए वायु प्रदूषण को आधार बनाया। इस मामले में वायु प्रदूषण के कारण हुई बच्ची की मौत को लेकर सरकार की विफलताओं को बताया गया।
इसके अलावा याचिका में स्थानीय सरकार पर भी आरोप लगाए गए कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए स्थानीय सरकार की योजनाएं विफल रहीं। इस पर भी कोर्ट सुनवाई करेगा। बता दें कि एल्ला कीसी देबराह को मौत से पहले 27 बार अस्पताल जाना पड़ा था।
एल्ला को सांस लेने में भारी तकलीफ हो रही थी। इसके अलावा कोर्ट में यह भी देखा जाएगा कि उसकी बीमारी के दौरान क्या प्रदूषण स्तर को सही तरीके से मापा गया था या नहीं। बता दें कि ये दुनिया में पहला ऐसा मामला होगा, जिसमें वायु प्रदूषण से हुई मौत पर कोर्ट सुनवाई करेगा।