वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, जिनेवा
Updated Tue, 24 Nov 2020 12:30 AM IST
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संयुक्त राष्ट्र की मौसम एजेंसी ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण औद्योगिक गतिविधियों के धीमे होने से प्रदूषणकारी तत्व और गर्मी बढ़ाने वाली ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम हुआ है, लेकिन वातावरण में उनके रिकॉर्ड स्तर में कमी नहीं आई है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में बहुत बढ़ोतरी हुई है और उसने चेतावनी दी है कि महामारी से संबंधित औद्योगिक गतिविधियों की कमी के परिणामस्वरूप प्रदूषण के स्तर में किसी तरह की कमी के लाभ मिलने में सालों लग जाएंगे। संगठन ने यह भी कहा कि अगर सभी देश अपने ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कटौती कर उसे शून्य तक पहुंचा दें तो इस लक्ष्य को सर्वश्रेष्ठ तरीके से प्राप्त किया जा सकता है।
डब्ल्यूएमओ महासचिव पेटेरी तालास ने सोमवार को संगठन के वार्षिक ग्रीनहाउस गैस बुलेटिन के ताजा संस्करण के विमोचन के बाद कहा, लॉकडाउन के कारण उत्सर्जन में कमी से दीर्घकालिक ग्राफ में एक छोटी सी अस्थायी गिरावट दर्ज हो सकती है। लेकिन हमें ग्राफ को लंबे समय तक सपाट रखना होगा। संगठन ने कहा, कोविड-19 जलवायु परिवर्तन के लिए समाधान नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र की मौसम एजेंसी ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण औद्योगिक गतिविधियों के धीमे होने से प्रदूषणकारी तत्व और गर्मी बढ़ाने वाली ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम हुआ है, लेकिन वातावरण में उनके रिकॉर्ड स्तर में कमी नहीं आई है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में बहुत बढ़ोतरी हुई है और उसने चेतावनी दी है कि महामारी से संबंधित औद्योगिक गतिविधियों की कमी के परिणामस्वरूप प्रदूषण के स्तर में किसी तरह की कमी के लाभ मिलने में सालों लग जाएंगे। संगठन ने यह भी कहा कि अगर सभी देश अपने ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कटौती कर उसे शून्य तक पहुंचा दें तो इस लक्ष्य को सर्वश्रेष्ठ तरीके से प्राप्त किया जा सकता है।
डब्ल्यूएमओ महासचिव पेटेरी तालास ने सोमवार को संगठन के वार्षिक ग्रीनहाउस गैस बुलेटिन के ताजा संस्करण के विमोचन के बाद कहा, लॉकडाउन के कारण उत्सर्जन में कमी से दीर्घकालिक ग्राफ में एक छोटी सी अस्थायी गिरावट दर्ज हो सकती है। लेकिन हमें ग्राफ को लंबे समय तक सपाट रखना होगा। संगठन ने कहा, कोविड-19 जलवायु परिवर्तन के लिए समाधान नहीं है।