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शनि ग्रह की चाल नौ ग्रहों में सबसे धीमी है। शनि ढाई साल बाद अपनी राशि बदलते हैं। इस साल शनिदेव अपनी स्वराशि मकर में ही रहेंगे। लेकिन 22 जनवरी को शनि देव श्रवण नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। शनि के नक्षत्र परिवर्तन का प्रभाव सभी राशियों पर शुभ-अशुभ रूप में पड़ेगा। शनि साढ़ेसाती और ढैय्या की तरह शनि का पाया भी प्रभावशाली होता है। आइए जानते हैं आपकी राशि पर शनि देव का कौनसा पाया रहेगा और ये किन राशियों के लिए अशुभ फलकारी होंगे।
मेष, कर्क और वृश्चिक राशि पर ताम्रपाद
ज्योतिष गणना के अनुसार, इस साल मेष, कर्क और वृश्चिक राशि को शनि का ताम्र पाया प्राप्त हुआ है। ऐसे में इन राशि के जातकों को आगे चलकर लाभ प्राप्त होगा। कार्य-व्यापार में तरक्की मिलेगी और इनके भौतिक सुखों में वृद्धि होने की संभावना है।
वृषभ, कन्या और धनु राशि पर शनि का रजत पाया
इस साल वृष, कन्या और धनु राशि को शनि का रजत पाया प्राप्त हुआ है। इसके प्रभाव से इन राशि के जातकों को आकस्मिक धन प्राप्ति के योग बनेंगे। कार्यक्षेत्र में किए गए कार्य सफल होंगे। पारिवारिक जीवन में सुख-शांति के योग हैं। इसके साथ ही इन राशि के जातकों को निजी जीवन में सकारात्मक फल प्राप्त होंगे।
मिथुन, तुला और कुंभ को प्राप्त हुआ है लौह पाया
इस साल शनि का लौह पाया मिथुन, तुला और कुंभ राशि के हिस्से में आया है। इस साल इन राशि के जातकों को नौकरी-व्यापार में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आपको संभलकर कार्य करने की सलाह दी जाती है। मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आपके खर्चों में भी वृद्धि होगी। वाहन संभलकर चलाएं अन्यथा दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं।
सिंह, मकर और मीन राशि को मिला है स्वर्ण पाया
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, सिंह, मकर और मीन राशि के जातकों को इस साल शनि का स्वर्ण पाया प्राप्त हुआ है। इस दौरान आपको संघर्ष के बाद सफलता मिलने की संभावना है। आपको अपने शत्रुओं से संभलकर रहने की सलाह दी जाती है। किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय को लेते समय बड़े बुजुर्गों की सलाह जरूर लें।
शनि का पाया
शनि के राशि परिवर्तन के समय यदि चंद्रमा पहले, छठे और ग्यारहवें स्थान में हों तो सोने का पाया, दूसरे, पांचवें में तथा नवम स्थान में हो तो चांदी के पाये पर गोचर करते कहलाते हैं। जब शनिदेव तीसरे, सातवें एवं दसवें स्थान में हों तो तांबे का पाया और चौथे, आठवें तथा बारहवें स्थान में हो तो लोहे के पाए पर गोचर करते हुए माने गए हैं।
शनि ग्रह की चाल नौ ग्रहों में सबसे धीमी है। शनि ढाई साल बाद अपनी राशि बदलते हैं। इस साल शनिदेव अपनी स्वराशि मकर में ही रहेंगे। लेकिन 22 जनवरी को शनि देव श्रवण नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। शनि के नक्षत्र परिवर्तन का प्रभाव सभी राशियों पर शुभ-अशुभ रूप में पड़ेगा। शनि साढ़ेसाती और ढैय्या की तरह शनि का पाया भी प्रभावशाली होता है। आइए जानते हैं आपकी राशि पर शनि देव का कौनसा पाया रहेगा और ये किन राशियों के लिए अशुभ फलकारी होंगे।
मेष, कर्क और वृश्चिक राशि पर ताम्रपाद
- फोटो : अमर उजाला
मेष, कर्क और वृश्चिक राशि पर ताम्रपाद
ज्योतिष गणना के अनुसार, इस साल मेष, कर्क और वृश्चिक राशि को शनि का ताम्र पाया प्राप्त हुआ है। ऐसे में इन राशि के जातकों को आगे चलकर लाभ प्राप्त होगा। कार्य-व्यापार में तरक्की मिलेगी और इनके भौतिक सुखों में वृद्धि होने की संभावना है।
वृषभ, कन्या और धनु राशि पर शनि का रजत पाया
- फोटो : सोशल मीडिया
वृषभ, कन्या और धनु राशि पर शनि का रजत पाया
इस साल वृष, कन्या और धनु राशि को शनि का रजत पाया प्राप्त हुआ है। इसके प्रभाव से इन राशि के जातकों को आकस्मिक धन प्राप्ति के योग बनेंगे। कार्यक्षेत्र में किए गए कार्य सफल होंगे। पारिवारिक जीवन में सुख-शांति के योग हैं। इसके साथ ही इन राशि के जातकों को निजी जीवन में सकारात्मक फल प्राप्त होंगे।
मिथुन, तुला और कुंभ को प्राप्त हुआ है लौह पाया
- फोटो : social media
मिथुन, तुला और कुंभ को प्राप्त हुआ है लौह पाया
इस साल शनि का लौह पाया मिथुन, तुला और कुंभ राशि के हिस्से में आया है। इस साल इन राशि के जातकों को नौकरी-व्यापार में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आपको संभलकर कार्य करने की सलाह दी जाती है। मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आपके खर्चों में भी वृद्धि होगी। वाहन संभलकर चलाएं अन्यथा दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं।
सिंह, मकर और मीन राशि को मिला है स्वर्ण पाया
- फोटो : अमर उजाला
सिंह, मकर और मीन राशि को मिला है स्वर्ण पाया
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, सिंह, मकर और मीन राशि के जातकों को इस साल शनि का स्वर्ण पाया प्राप्त हुआ है। इस दौरान आपको संघर्ष के बाद सफलता मिलने की संभावना है। आपको अपने शत्रुओं से संभलकर रहने की सलाह दी जाती है। किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय को लेते समय बड़े बुजुर्गों की सलाह जरूर लें।
शनि का पाया
- फोटो : सोशल मीडिया
शनि का पाया
शनि के राशि परिवर्तन के समय यदि चंद्रमा पहले, छठे और ग्यारहवें स्थान में हों तो सोने का पाया, दूसरे, पांचवें में तथा नवम स्थान में हो तो चांदी के पाये पर गोचर करते कहलाते हैं। जब शनिदेव तीसरे, सातवें एवं दसवें स्थान में हों तो तांबे का पाया और चौथे, आठवें तथा बारहवें स्थान में हो तो लोहे के पाए पर गोचर करते हुए माने गए हैं।