न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Updated Fri, 13 Nov 2020 02:00 PM IST
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में जल्द नई सरकार का गठन होगा, लेकिन इसके पहले भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने नीतीश कुमार से एक अहम अपील की है। उन्होंने नीतीश कुमार से बिहार में लागू शराबबंदी में संशोधन किए जाने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे राज्य में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है।
झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर कहा, 'बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से आग्रह है कि शराबबंदी में कुछ संशोधन करें, क्योंकि जिनको पीना या पिलाना है वे नेपाल, बंगाल, झारखंड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ का रास्ता अपनाते हैं। इससे राजस्व की हानि, होटल उद्योग प्रभावित तथा पुलिस, एक्साइज भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है।'
बता दें कि शराबबंदी को नीतीश कुमार के बड़े फैसलों में गिना जाता है। इसके कारण उन्हें राज्य की महिला मतदाताओं का साथ मिलता आया है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में महिला मतदाताओं ने जदयू सहित एनडीए को जमकर वोट दिया। इसका एक मुख्य कारण शराबबंदी जैसे फैसले को बताया गया है। हालांकि चुनावी माहौल में कई बार राज्य से शराब जब्त की गई। विपक्ष ने नीतीश के इस फैसले को फेल करार दिया था और इसे भ्रष्टाचार बढ़ने का कारण बताया था।
यह भी पढ़ें- बिहार: राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल बन सकते हैं डिप्टी सीएम
चार साल में चार लाख गिरफ्तारी, 4000 करोड़ का घाटा
नीतीश कुमार ने पिछले चुनाव (2015) में शराबबंदी का वादा किया था और राज्य में 2016 में इसे लागू किया गया था। पिछले चार साल में शराबबंदी कानून के तहत चार लाख लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जबकि राज्य के राजस्व को 4,000 करोड़ रुपये तक का घाटा हुआ है। विधानसभा चुनाव के दौरान यह मुद्दा छाया रहा। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में शराबबंदी कानून में संशोधन करने की बात कही थी। वहीं राजद नेताओं ने अपनी सरकार बनने पर फिर से शराब की बिक्री शुरू करने का वादा किया था।
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में जल्द नई सरकार का गठन होगा, लेकिन इसके पहले भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने नीतीश कुमार से एक अहम अपील की है। उन्होंने नीतीश कुमार से बिहार में लागू शराबबंदी में संशोधन किए जाने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे राज्य में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है।
झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर कहा, 'बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से आग्रह है कि शराबबंदी में कुछ संशोधन करें, क्योंकि जिनको पीना या पिलाना है वे नेपाल, बंगाल, झारखंड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ का रास्ता अपनाते हैं। इससे राजस्व की हानि, होटल उद्योग प्रभावित तथा पुलिस, एक्साइज भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है।'
बता दें कि शराबबंदी को नीतीश कुमार के बड़े फैसलों में गिना जाता है। इसके कारण उन्हें राज्य की महिला मतदाताओं का साथ मिलता आया है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में महिला मतदाताओं ने जदयू सहित एनडीए को जमकर वोट दिया। इसका एक मुख्य कारण शराबबंदी जैसे फैसले को बताया गया है। हालांकि चुनावी माहौल में कई बार राज्य से शराब जब्त की गई। विपक्ष ने नीतीश के इस फैसले को फेल करार दिया था और इसे भ्रष्टाचार बढ़ने का कारण बताया था।
यह भी पढ़ें- बिहार: राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल बन सकते हैं डिप्टी सीएम
चार साल में चार लाख गिरफ्तारी, 4000 करोड़ का घाटा
नीतीश कुमार ने पिछले चुनाव (2015) में शराबबंदी का वादा किया था और राज्य में 2016 में इसे लागू किया गया था। पिछले चार साल में शराबबंदी कानून के तहत चार लाख लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जबकि राज्य के राजस्व को 4,000 करोड़ रुपये तक का घाटा हुआ है। विधानसभा चुनाव के दौरान यह मुद्दा छाया रहा। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में शराबबंदी कानून में संशोधन करने की बात कही थी। वहीं राजद नेताओं ने अपनी सरकार बनने पर फिर से शराब की बिक्री शुरू करने का वादा किया था।