जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने सोमवार को 20 साल में सातवीं बार और लगातार चौथी बार बिहार के मुख्यमंत्री की गद्दी संभाल ली। इसी के साथ नीतीश ने सबसे अधिक बार सीएम बनने के सिक्किम के पवन चामलिंग और पश्चिम बंगाल के ज्योति बसु का रिकार्ड तोड़ दिया है। राजभवन में सोमवार शाम 4:30 बजे से आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल फागू चौहान ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में 69 वर्षीय नीतीश कुमार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
नीतीश के साथ 14 मंत्रियों ने भी शपथ ली। तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के रूप में भाजपा के कोटे से पहली बार दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं। नीतीश के बाद दूसरे नंबर पर भाजपा विधानमंडल दल के नेता तारकिशोर प्रसाद ने शपथ ली, जबकि तीसरे नंबर पर भाजपा की उपनेता रेणु देवी ने शपथ ली। नीतीश की 14 सदस्यीय कैबिनेट में जातीय संतुलन साधने की कोशिश की गई है।
फिलहाल, नीतीश के कैबिनेट में जदयू के पांच, भाजपा के सात, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के एक-एक सदस्य को मंत्री के तौर पर शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार ने मुख्य सचिवालय जाकर कैबिनेट की बैठक की और शासन-प्रशासन को लेकर कई निर्देश दिए। इससे पहले शपथ ग्रहण समारोह में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद थे। इस बार उपमुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज बताए जा रहे सुशील मोदी ने पटना हवाई अड्डे पर शाह और नड्डा का स्वागत भी नहीं किया। रविवार को भी सुशील मोदी नई सरकार के गठन की पूरी प्रक्रिया में कहीं नहीं दिखे। वहीं, महागठबंधन ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया।
भाजपा से इन्हें मिली नीतीश कैबिनेट में जगह
तारकिशोर प्रसाद (उपमुख्यमंत्री)
रेणु देवी (उपमुख्यमंत्री)
अमरेंद्र प्रताप
मंगल पांडे
रामप्रीत पासवान
जीवेश मिश्रा
रामसूरत राय
जेडीयू से इन्होंने ली शपथ
विजय चौधरी
विजेंद्र यादव
अशोक चौधरी
मेवालाल चौधरी
शीला कुमारी
इसके अलावा हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी के बेटे संतोष कुमार और विकासशील इनसान पार्टी के मुकेश साहनी ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
तारकिशोर प्रसाद (भाजपा)
वैश्य समुदाय से आने वाले तारकिशोर प्रसाद भाजपा विधानमंडल के नेता हैं। कटिहार से चार बार से विधायक रहे तारकिशोर प्रसाद 12वीं पास हैं। डिप्टी सीएम पद इन्हीं के पास होगा। तारकिशोर प्रसाद की बिहार की राजनीति में अच्छी पकड़ है। 64 वर्षीय तारकिशोर को चौथी बार कटिहार सीट से लड़ने का मौका मिला, यहां से उन्होंने डॉ. राम प्रकाश महतो को हराकर लगातार चौथी बार जीत दर्ज की।
भाजपा विधानमंडल की उपनेता रेणु देवी भी 12वीं तक पढ़ी हैं। बेतिया से विधायक हैं अति पिछड़े नोनिया समुदाय से आती हैं। 2005 से 2009 तक खेल और संस्कृति मंत्री रह चुकी हैं। रेणु देवी बेतिया से चौथी बार विधायक चुनी गई हैं। साल 1988 से रेणु देवी राजनीतिक व सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। उनकी मां संघ परिवार से जुड़ी थीं। बताया जाता है कि ननिहाल से ही उनका भाजपा व संघ से लगाव हुआ।
रेणु देवी के पति दुर्गा प्रसाद का देहांत हो चुका है। परिवार में उनके अलावा उनका एक बेटा और बेटी है। रेणी देवी बिहार में वर्ष 2005 से 2009 तक राज्य की खेल, कला एवं संस्कृति मंत्री भी रह चुकी हैं। रेणु देवी संगठन में महिला मोर्चा की अध्यक्ष, तीन राज्यों में महिला मोर्चा की प्रभारी, राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य से लेकर अमित शाह के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमेटी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुकी हैं।
बिहार के भाजपा नेता अमरेंद्र प्रताप ने मंत्री पद की शपथ ली है। राजपूत वर्ग से हैं और आरा से विधायक हैं। अमरेंद्र के भाई भूपेंद्र झारखंड सरकार में मंत्री हैं। बक्सर जिले की चौगाई गांव निवासी प्रताप आरा से चौथी बार विधायक चुने गए हैं। वे 2012 और 2015 में विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं। अमरेंद्र प्रताप की शिक्षा स्नातक है। इस बार चुनाव हलफनामे में दी गई जानकारी के मुताबिक, उनकी कुल संपत्ति 2.08 करोड़ रुपये है। अमरेंद्र प्रताप खुद को सामाजिक कार्यकर्ता और पेशे से किसान बताते हैं, जबकि उनकी पत्नी गृहिणी हैं।
बिहार में मंत्री पद की शपथ लेने वाले भाजपा नेता मंगल पांडेय ब्राह्मण समुदाय से हैं। पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। आरएसएस और एबीवीपी में रह चुके हैं। बिहार भाजपा के अध्यक्ष भी रहे। मंगल पांडेय बिहार भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सीवान जिले के भृगु बलिया गांंव में जन्मे मंगल पांडेय वर्ष 1989 में भाजपा में शामिल हुए थे। 2005 में मंगल पांडेय को बिहार भाजपा का महासचिव बनाया गया। वर्ष 2012 में वे बिहार विधान परिषद के सदस्य बने थे। युवा नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले मंगल पांडेय सबसे कम उम्र में बिहार भाजपा में अध्यक्ष बनने वाले नेता रहे हैं। मंगल पांडेय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् और आरएसएस से जुड़े रहे हैं और बिहार के कद्दावर नेताओं में उनका नाम है।
पार्टी का दलित चेहरा हैं। लोजपा के अलग होने के बाद पासवान समुदाय के नेता को भाजपा ने मंत्री बनाया। मधुबनी के राजनगर से विधायक हैं। रामप्रीत पासवान के पास डॉक्टरेट की उपाधि है। रामप्रीत पासवान ने इस चुनाव में राजद नेता रामअवतार पासवान को हराया था। राजनगर (एससी) विधानसभा सुरक्षित सीट है। मैथिली में शपथ ली।
मिथिलांचल में भूमिहार समुदाय के प्रभावशाली नेता। दरभंगा की जाले सीट से चुनाव जीतने वाले जीवेश मिश्रा को भाजपा की ओर से मंत्री बनाय गया है। जीवेश मिश्रा के सामने कांग्रेस से मस्कूर उस्मानी उम्मीदवार थे, जिनका नाम जिन्ना विवाद में सामने आया था। जीवेश मिश्रा ने शपथ के दौरान खांटी दरभंगा के अंदाज में पाग पहन कर शपथ ली। जीवेश मिश्रा ने भी मैथिली भाषा में शपथ ग्रहण किया।
भाजपा विधायक राममूरत राय ने मंत्री पद की शपथ ली है। रामसूरत राय ने इस बार मुजफ्फरपुर के औराई से जीत दर्ज की है। इससे पहले रामसूरत राय ने पहली बार 2010 में चुनाव जीता था। रामसूरत राय ने बीकॉम किया है। यादव समुदाय से आते हैं। पहली बार मंत्री बन रहे हैं।
विजेंद्र यादव :
जदयू नेता विजेंद्र यादव ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। 74 साल के यादव सबसे उम्रदराज मंत्री। इससे पहले भी वह नीतीश सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे थे। विजेंद्र यादव पहले राजद में थे, लेकिन कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए उन्होंने राजद को छोड़कर जदयू का दामन थाम लिया। वर्ष 1990 में सुपौल सीट से जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले विजेंद्र यादव लगातार जीत हासिल करते रहे हैं। वह 2005 में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।इस दौरान ही राजद की बिहार की सत्ता से विदाई हुई थी और भाजपा-जदयू की सरकार बनी थी। विजेंद्र यादव अब तक बिहार के ऊर्जा, सिंचाई, विधि, वाणिज्य, मद्य निषेध विभाग के मंत्री रह चुके हैं।
जदयू के नेता अशोक चौधरी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते हैं। महादलित वर्ग से हैं। इस चुनाव में सकरा विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले चौधरी ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। अशोक चौधरी जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। चौधरी पहले कांग्रेस पार्टी में थे। बाद में वह जदयू में शामिल हो गए। 2017 में नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग हुए, तो 1 मार्च, 2018 को चौधरी ने जदयू की सदस्यता ली। पिछले साल उन्हें भवन निर्माण मंत्री बनाया गया था। वर्ष 2014 में अशोक चौधरी बिहार विधान परिषद के सदस्य बने थे। महागठबंधन की सरकार बनने पर शिक्षा मंत्री बनाए गए थे। इस बार उन्हें कौन सा मंत्रालय मिलेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
मुंगेर के तारापुर से चुनाव जीतने वाले जदयू विधायक मेवालाल चौधरी ने नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है। कुशवाहा वर्ग से हैं। वह तारापुर से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। इससे पहले, वर्ष 2010-15 में उनकी पत्नी स्वर्गीय नीता चौधरी यहां से विधायक चुनी गई थीं। राजनीति में आने से पहले 2015 तक वे भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे। उन पर असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगा था और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हुआ था। असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति घोटाले का मामला सबौर थाने में 2017 में दर्ज किया गया था। इस मामले में विधायक ने कोर्ट से अंतरिम जमानत ले ली थी।
फुलपरास से जदयू की टिकट पर विधायक चुनी गई शीला कुमारी ने मंत्री पद की शपथ ली है। अति पिछड़ा वर्ग से आने वालीं शीला फुलपरास से विधायक हैं। पहली बार चुनाव जीती और मंत्री बनीं। शीला कुमारी की ओर से चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में दी गई जानकारी के अनुसार, उनका पेशा कृषि है। उनकी शैक्षणिक योग्यता परास्नातक है। 50 साल की शीला कुमारी की घोषित संपत्ति 6.1 करोड़ है, जिसमें 39.1 लाख रुपये चल संपत्ति और 5.7 करोड़ अचल संपत्ति शामिल है।
जदयू विधायक विजय चौधरी को बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। इस चुनाव में विजय चौधरी ने सरायरंजन सीट से जीत हासिल की है। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आरजेडी नेता अरविंद सहनी को हरा कर इस बार जीत की हैट्रिक लगाई है। नीतीश सरकार में विजय चौधरी कई अहम पद संभाल चुके हैं। वर्ष 1982 में राजनीति शुरू करने वाले चौधरी नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में जल संसाधन मंत्री, प्रभारी गृहमंत्री, कृषि, सूचना और जनसंपर्क मंत्री रह चुके हैं। बाद में नीतीश कुमार ने विजय चौधरी को विधानसभा अध्यक्ष बनाया।
हम पार्टी से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। संतोष मांझी हम पार्टी के अध्यक्ष हैं। महादलित वर्ग से हैं और विधान परिषद के सदस्य हैं।हम पार्टी इस बार जदयू के कोटे से मिली सीटों पर चुनाव लड़ी थीं। हालांकि, संतोष मांझी इस बार चुनाव नहीं लड़े थे। संतोष मांझी हम पार्टी के प्रधान महासचिव और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं। संतोष मांझी ने राजनीति शास्त्र में परास्नातक किया है।
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। बता दें कि मुकेश साहनी पहले महागठबंधन में थे, लेकिन मनमुताबिक सीट नहीं मिलने के कारण वे एनडीए में चले गए थे। निषाद वर्ग से आते हैं। इस बार चुनाव में भाजपा ने अपने कोटे से वीआईपी को 11 सीटें दी थीं, जिसमें 4 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। मुकेश साहनी खुद सिमरी बख्तियारपुर से चुनाव लड़े लेकिन हार गए। भाजपा ने सीट शेयरिंग के वक्त ही कहा था कि मुकेश साहनी की पार्टी को विधान परिषद् की एक सीट दी जाएगी। साहनी निषाद समुदाय से आते हैं, जिसकी बिहार में अच्छी-खासी तादाद है।
नई सरकार में एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा भारी दिखी है। विधानसभा अध्यक्ष का पद भी भाजपा को मिला है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पटना साहिब के विधायक नंदकिशोर यादव को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जाएगा। सोमवार दोपहर तक अमरेंद्र प्रताप सिंह और नंदकिशोर यादव के नाम की चर्चा थी। अमरेंद्र को मंत्री बनाया गया है।
बिहार के विकास के लिए हरसंभव सहयोग देंगे: पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार को बिहार के सीएम पद की शपथ लेने पर बधाई दी। साथ ही मंत्रियों को भी बधाई दी। पीएम मोदी ने कहा कि पूरा एनडीए परिवार बिहार के विकास के लिए मिलकर काम करेगा। केंद्र सरकार बिहार के विकास के लिए हरसंभव सहयोग देती रहेगी।
तेजस्वी का तंज, सीएम ‘मनोनीत’ होने पर शुभकामनाएं
आदरणीय नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री ‘मनोनीत’ होने पर शुभकामनाएं। आशा करता हूं कि कुर्सी की महत्वाकांक्षा के बजाय वह बिहार की जनाकांक्षा एवं एनडीए के 19 लाख नौकरी-रोजगार और पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई, सुनवाई जैसे सकारात्मक मुद्दों को सरकार की प्राथमिकता बनाएंगे।-तेजस्वी यादव, राजद
ताजपोशी में तेजस्वी समेत महागठबंधन का कोई नेता नहीं
शपथग्रहण का कांग्रेस और राजद समेत महागठबंधन ने बहिष्कार किया। समारोह से पहले राजद ने ट्वीट कर कहा, 'वह शपथ ग्रहण का बहिष्कार करता है। बदलाव का जनादेश एनडीए के विरुद्ध है। जनादेश को शासनादेश से बदल दिया गया। बिहार के बेरोजगारों, किसानों, संविदाकर्मियों, नियोजित शिक्षकों से पूछें कि उन पर क्या गुजर रही है। एनडीए के फर्जीवाड़े से जनता आक्रोशित है। हम जनप्रतिनिधि हैं और जनता के साथ खड़े हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए। उधर, लोजपा को समारोह का न्योता नहीं मिला है। इस वजह से चिराग पासवान और उनकी पार्टी के इकलौते विधायक शपथ ग्रहण में नहीं जाएंगे।'
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने सोमवार को 20 साल में सातवीं बार और लगातार चौथी बार बिहार के मुख्यमंत्री की गद्दी संभाल ली। इसी के साथ नीतीश ने सबसे अधिक बार सीएम बनने के सिक्किम के पवन चामलिंग और पश्चिम बंगाल के ज्योति बसु का रिकार्ड तोड़ दिया है। राजभवन में सोमवार शाम 4:30 बजे से आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल फागू चौहान ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में 69 वर्षीय नीतीश कुमार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
नीतीश के साथ 14 मंत्रियों ने भी शपथ ली। तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के रूप में भाजपा के कोटे से पहली बार दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं। नीतीश के बाद दूसरे नंबर पर भाजपा विधानमंडल दल के नेता तारकिशोर प्रसाद ने शपथ ली, जबकि तीसरे नंबर पर भाजपा की उपनेता रेणु देवी ने शपथ ली। नीतीश की 14 सदस्यीय कैबिनेट में जातीय संतुलन साधने की कोशिश की गई है।
फिलहाल, नीतीश के कैबिनेट में जदयू के पांच, भाजपा के सात, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के एक-एक सदस्य को मंत्री के तौर पर शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार ने मुख्य सचिवालय जाकर कैबिनेट की बैठक की और शासन-प्रशासन को लेकर कई निर्देश दिए। इससे पहले शपथ ग्रहण समारोह में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद थे। इस बार उपमुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज बताए जा रहे सुशील मोदी ने पटना हवाई अड्डे पर शाह और नड्डा का स्वागत भी नहीं किया। रविवार को भी सुशील मोदी नई सरकार के गठन की पूरी प्रक्रिया में कहीं नहीं दिखे। वहीं, महागठबंधन ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया।
भाजपा से इन्हें मिली नीतीश कैबिनेट में जगह
तारकिशोर प्रसाद (उपमुख्यमंत्री)
रेणु देवी (उपमुख्यमंत्री)
अमरेंद्र प्रताप
मंगल पांडे
रामप्रीत पासवान
जीवेश मिश्रा
रामसूरत राय
जेडीयू से इन्होंने ली शपथ
विजय चौधरी
विजेंद्र यादव
अशोक चौधरी
मेवालाल चौधरी
शीला कुमारी
इसके अलावा हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी के बेटे संतोष कुमार और विकासशील इनसान पार्टी के मुकेश साहनी ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
ब्राह्मण, नोनिया, महादलित और अति पिछड़ा वर्ग को ऐसे साधा
तारकिशोर प्रसाद (भाजपा)
वैश्य समुदाय से आने वाले तारकिशोर प्रसाद भाजपा विधानमंडल के नेता हैं। कटिहार से चार बार से विधायक रहे तारकिशोर प्रसाद 12वीं पास हैं। डिप्टी सीएम पद इन्हीं के पास होगा। तारकिशोर प्रसाद की बिहार की राजनीति में अच्छी पकड़ है। 64 वर्षीय तारकिशोर को चौथी बार कटिहार सीट से लड़ने का मौका मिला, यहां से उन्होंने डॉ. राम प्रकाश महतो को हराकर लगातार चौथी बार जीत दर्ज की।
रेणु देवी (भाजपा)
भाजपा विधानमंडल की उपनेता रेणु देवी भी 12वीं तक पढ़ी हैं। बेतिया से विधायक हैं अति पिछड़े नोनिया समुदाय से आती हैं। 2005 से 2009 तक खेल और संस्कृति मंत्री रह चुकी हैं। रेणु देवी बेतिया से चौथी बार विधायक चुनी गई हैं। साल 1988 से रेणु देवी राजनीतिक व सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। उनकी मां संघ परिवार से जुड़ी थीं। बताया जाता है कि ननिहाल से ही उनका भाजपा व संघ से लगाव हुआ।
रेणु देवी के पति दुर्गा प्रसाद का देहांत हो चुका है। परिवार में उनके अलावा उनका एक बेटा और बेटी है। रेणी देवी बिहार में वर्ष 2005 से 2009 तक राज्य की खेल, कला एवं संस्कृति मंत्री भी रह चुकी हैं। रेणु देवी संगठन में महिला मोर्चा की अध्यक्ष, तीन राज्यों में महिला मोर्चा की प्रभारी, राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य से लेकर अमित शाह के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमेटी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुकी हैं।
अमरेंद्र प्रताप
बिहार के भाजपा नेता अमरेंद्र प्रताप ने मंत्री पद की शपथ ली है। राजपूत वर्ग से हैं और आरा से विधायक हैं। अमरेंद्र के भाई भूपेंद्र झारखंड सरकार में मंत्री हैं। बक्सर जिले की चौगाई गांव निवासी प्रताप आरा से चौथी बार विधायक चुने गए हैं। वे 2012 और 2015 में विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं। अमरेंद्र प्रताप की शिक्षा स्नातक है। इस बार चुनाव हलफनामे में दी गई जानकारी के मुताबिक, उनकी कुल संपत्ति 2.08 करोड़ रुपये है। अमरेंद्र प्रताप खुद को सामाजिक कार्यकर्ता और पेशे से किसान बताते हैं, जबकि उनकी पत्नी गृहिणी हैं।
मंगल पांडे
बिहार में मंत्री पद की शपथ लेने वाले भाजपा नेता मंगल पांडेय ब्राह्मण समुदाय से हैं। पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। आरएसएस और एबीवीपी में रह चुके हैं। बिहार भाजपा के अध्यक्ष भी रहे। मंगल पांडेय बिहार भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सीवान जिले के भृगु बलिया गांंव में जन्मे मंगल पांडेय वर्ष 1989 में भाजपा में शामिल हुए थे। 2005 में मंगल पांडेय को बिहार भाजपा का महासचिव बनाया गया। वर्ष 2012 में वे बिहार विधान परिषद के सदस्य बने थे। युवा नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले मंगल पांडेय सबसे कम उम्र में बिहार भाजपा में अध्यक्ष बनने वाले नेता रहे हैं। मंगल पांडेय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् और आरएसएस से जुड़े रहे हैं और बिहार के कद्दावर नेताओं में उनका नाम है।
रामप्रीत पासवान
पार्टी का दलित चेहरा हैं। लोजपा के अलग होने के बाद पासवान समुदाय के नेता को भाजपा ने मंत्री बनाया। मधुबनी के राजनगर से विधायक हैं। रामप्रीत पासवान के पास डॉक्टरेट की उपाधि है। रामप्रीत पासवान ने इस चुनाव में राजद नेता रामअवतार पासवान को हराया था। राजनगर (एससी) विधानसभा सुरक्षित सीट है। मैथिली में शपथ ली।
जीवेश मिश्रा
मिथिलांचल में भूमिहार समुदाय के प्रभावशाली नेता। दरभंगा की जाले सीट से चुनाव जीतने वाले जीवेश मिश्रा को भाजपा की ओर से मंत्री बनाय गया है। जीवेश मिश्रा के सामने कांग्रेस से मस्कूर उस्मानी उम्मीदवार थे, जिनका नाम जिन्ना विवाद में सामने आया था। जीवेश मिश्रा ने शपथ के दौरान खांटी दरभंगा के अंदाज में पाग पहन कर शपथ ली। जीवेश मिश्रा ने भी मैथिली भाषा में शपथ ग्रहण किया।
रामसूरत राय
भाजपा विधायक राममूरत राय ने मंत्री पद की शपथ ली है। रामसूरत राय ने इस बार मुजफ्फरपुर के औराई से जीत दर्ज की है। इससे पहले रामसूरत राय ने पहली बार 2010 में चुनाव जीता था। रामसूरत राय ने बीकॉम किया है। यादव समुदाय से आते हैं। पहली बार मंत्री बन रहे हैं।
जदयू से इन्होंने ली शपथ
विजेंद्र यादव :
जदयू नेता विजेंद्र यादव ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। 74 साल के यादव सबसे उम्रदराज मंत्री। इससे पहले भी वह नीतीश सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे थे। विजेंद्र यादव पहले राजद में थे, लेकिन कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए उन्होंने राजद को छोड़कर जदयू का दामन थाम लिया। वर्ष 1990 में सुपौल सीट से जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले विजेंद्र यादव लगातार जीत हासिल करते रहे हैं। वह 2005 में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।इस दौरान ही राजद की बिहार की सत्ता से विदाई हुई थी और भाजपा-जदयू की सरकार बनी थी। विजेंद्र यादव अब तक बिहार के ऊर्जा, सिंचाई, विधि, वाणिज्य, मद्य निषेध विभाग के मंत्री रह चुके हैं।
अशोक चौधरी
जदयू के नेता अशोक चौधरी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते हैं। महादलित वर्ग से हैं। इस चुनाव में सकरा विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले चौधरी ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। अशोक चौधरी जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। चौधरी पहले कांग्रेस पार्टी में थे। बाद में वह जदयू में शामिल हो गए। 2017 में नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग हुए, तो 1 मार्च, 2018 को चौधरी ने जदयू की सदस्यता ली। पिछले साल उन्हें भवन निर्माण मंत्री बनाया गया था। वर्ष 2014 में अशोक चौधरी बिहार विधान परिषद के सदस्य बने थे। महागठबंधन की सरकार बनने पर शिक्षा मंत्री बनाए गए थे। इस बार उन्हें कौन सा मंत्रालय मिलेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
मेवालाल चौधरी
मुंगेर के तारापुर से चुनाव जीतने वाले जदयू विधायक मेवालाल चौधरी ने नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है। कुशवाहा वर्ग से हैं। वह तारापुर से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। इससे पहले, वर्ष 2010-15 में उनकी पत्नी स्वर्गीय नीता चौधरी यहां से विधायक चुनी गई थीं। राजनीति में आने से पहले 2015 तक वे भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे। उन पर असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगा था और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हुआ था। असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति घोटाले का मामला सबौर थाने में 2017 में दर्ज किया गया था। इस मामले में विधायक ने कोर्ट से अंतरिम जमानत ले ली थी।
शीला कुमारी
फुलपरास से जदयू की टिकट पर विधायक चुनी गई शीला कुमारी ने मंत्री पद की शपथ ली है। अति पिछड़ा वर्ग से आने वालीं शीला फुलपरास से विधायक हैं। पहली बार चुनाव जीती और मंत्री बनीं। शीला कुमारी की ओर से चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में दी गई जानकारी के अनुसार, उनका पेशा कृषि है। उनकी शैक्षणिक योग्यता परास्नातक है। 50 साल की शीला कुमारी की घोषित संपत्ति 6.1 करोड़ है, जिसमें 39.1 लाख रुपये चल संपत्ति और 5.7 करोड़ अचल संपत्ति शामिल है।
विजय चौधरी
जदयू विधायक विजय चौधरी को बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। इस चुनाव में विजय चौधरी ने सरायरंजन सीट से जीत हासिल की है। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आरजेडी नेता अरविंद सहनी को हरा कर इस बार जीत की हैट्रिक लगाई है। नीतीश सरकार में विजय चौधरी कई अहम पद संभाल चुके हैं। वर्ष 1982 में राजनीति शुरू करने वाले चौधरी नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में जल संसाधन मंत्री, प्रभारी गृहमंत्री, कृषि, सूचना और जनसंपर्क मंत्री रह चुके हैं। बाद में नीतीश कुमार ने विजय चौधरी को विधानसभा अध्यक्ष बनाया।
संतोष मांझी
हम पार्टी से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। संतोष मांझी हम पार्टी के अध्यक्ष हैं। महादलित वर्ग से हैं और विधान परिषद के सदस्य हैं।हम पार्टी इस बार जदयू के कोटे से मिली सीटों पर चुनाव लड़ी थीं। हालांकि, संतोष मांझी इस बार चुनाव नहीं लड़े थे। संतोष मांझी हम पार्टी के प्रधान महासचिव और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं। संतोष मांझी ने राजनीति शास्त्र में परास्नातक किया है।
मुकेश साहनी
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। बता दें कि मुकेश साहनी पहले महागठबंधन में थे, लेकिन मनमुताबिक सीट नहीं मिलने के कारण वे एनडीए में चले गए थे। निषाद वर्ग से आते हैं। इस बार चुनाव में भाजपा ने अपने कोटे से वीआईपी को 11 सीटें दी थीं, जिसमें 4 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। मुकेश साहनी खुद सिमरी बख्तियारपुर से चुनाव लड़े लेकिन हार गए। भाजपा ने सीट शेयरिंग के वक्त ही कहा था कि मुकेश साहनी की पार्टी को विधान परिषद् की एक सीट दी जाएगी। साहनी निषाद समुदाय से आते हैं, जिसकी बिहार में अच्छी-खासी तादाद है।
नई सरकार में भाजपा भारी, विधानसभा अध्यक्ष का पद भी मिला
नई सरकार में एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा भारी दिखी है। विधानसभा अध्यक्ष का पद भी भाजपा को मिला है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पटना साहिब के विधायक नंदकिशोर यादव को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जाएगा। सोमवार दोपहर तक अमरेंद्र प्रताप सिंह और नंदकिशोर यादव के नाम की चर्चा थी। अमरेंद्र को मंत्री बनाया गया है।
बिहार के विकास के लिए हरसंभव सहयोग देंगे: पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार को बिहार के सीएम पद की शपथ लेने पर बधाई दी। साथ ही मंत्रियों को भी बधाई दी। पीएम मोदी ने कहा कि पूरा एनडीए परिवार बिहार के विकास के लिए मिलकर काम करेगा। केंद्र सरकार बिहार के विकास के लिए हरसंभव सहयोग देती रहेगी।
तेजस्वी का तंज, सीएम ‘मनोनीत’ होने पर शुभकामनाएं
आदरणीय नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री ‘मनोनीत’ होने पर शुभकामनाएं। आशा करता हूं कि कुर्सी की महत्वाकांक्षा के बजाय वह बिहार की जनाकांक्षा एवं एनडीए के 19 लाख नौकरी-रोजगार और पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई, सुनवाई जैसे सकारात्मक मुद्दों को सरकार की प्राथमिकता बनाएंगे।-तेजस्वी यादव, राजद
ताजपोशी में तेजस्वी समेत महागठबंधन का कोई नेता नहीं
शपथग्रहण का कांग्रेस और राजद समेत महागठबंधन ने बहिष्कार किया। समारोह से पहले राजद ने ट्वीट कर कहा, 'वह शपथ ग्रहण का बहिष्कार करता है। बदलाव का जनादेश एनडीए के विरुद्ध है। जनादेश को शासनादेश से बदल दिया गया। बिहार के बेरोजगारों, किसानों, संविदाकर्मियों, नियोजित शिक्षकों से पूछें कि उन पर क्या गुजर रही है। एनडीए के फर्जीवाड़े से जनता आक्रोशित है। हम जनप्रतिनिधि हैं और जनता के साथ खड़े हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए। उधर, लोजपा को समारोह का न्योता नहीं मिला है। इस वजह से चिराग पासवान और उनकी पार्टी के इकलौते विधायक शपथ ग्रहण में नहीं जाएंगे।'